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    Maharashtra Assembly Speaker: भाजपा नेता राहुल नार्वेकर ने महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए दाखिल किया नामांकन

    By Krishna Bihari SinghEdited By:
    Updated: Fri, 01 Jul 2022 05:39 PM (IST)

    महाराष्‍ट्र की सियासत में नित नए मोड़ आ रहे हैं। सूबे की विधानसभा में अध्‍यक्ष का पद लंबे समय से रिक्‍त था लेकिन जल्‍द इस पद पर भाजपा नेता राहुल नार्व ...और पढ़ें

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    भाजपा नेता राहुल नार्वेकर ने महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल कर दिया है।

    मुंबई, एएनआइ। महाराष्‍ट्र की सियासत में नित नए मोड़ आ रहे हैं। सूबे की विधानसभा में अध्‍यक्ष का पद लंबे समय से रिक्‍त था लेकिन जल्‍द इस पद पर भाजपा नेता राहुल नार्वेकर नजर आ सकते हैं। समाचार एजेंसी एएनआइ की रिपोर्ट के मुताबिक भाजपा नेता राहुल नार्वेकर ने महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल कर दिया है। मालूम हो कि महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव 3 जुलाई को होना है।

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    गौरतलब है कि पिछले साल कांग्रेस विधायक नाना पटोले के इस्तीफे के बाद अध्यक्ष का पद खाली था। एएनआइ की‍ रिपोर्ट के मुताबिक भाजपा विधायकों की एक बैठक में विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव पर चर्चा हुई। बैठक में उम्मीदवार के नाम पर मुहर लगी। मालूम हो कि महाराष्ट्र विधानसभा का विशेष सत्र 3 और 4 जुलाई को बुलाया गया है। प्राप्‍त जानकारी के मुताबिक 3 जुलाई को स्पीकर का चुनाव होगा जबकि 4 जुलाई को नई सरकार को विश्वास मत हासिल करना होगा।

    उल्‍लेखनीय है कि शिवसेना के खिलाफ विद्रोह का नेतृत्व करने वाले एकनाथ शिंदे ने गुरुवार शाम को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। इसके साथ ही 31 महीने पुरानी महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार का अंत हो गया। हालांकि विद्रोही विधायकों की अयोग्‍यता का मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। ऐसे में सूबे में जारी सियासी खींचतान का दौर अभी कुछ और दिन तक कायम रह सकता है।

    इस बीच सुप्रीम कोर्ट की बेहद महत्‍वपूर्ण टिप्‍पणी भी सामने आई है। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को शिवसेना के मुख्य सचेतक सुनील प्रभु की याचिका पर कहा कि महाराष्‍ट्र में क्‍या चल रहा है उस पर उसकी नजर है। इसके साथ ही सर्वोच्‍च न्‍यायालय याचिका पर 11 जुलाई को सुनवाई के लिए सहमत हो गया। चूंकि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और 15 बागी विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिकाएं लंबित हैं, इसलिए याचिका में इन नेताओं के विधानसभा से निलंबन की मांग की गई है।