भाजपा की तेलंगाना विधानसभा चुनाव पर है निगाह, राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक से बनेगी रणनीति!
भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की अहम बैठक हैदराबाद में हो रही है। इस बैठक में पार्टी तेलंगाना को लेकर भी अपनी रणनीति बना सकती है। तेलंंगाना में दिसंबर 2023 से पहले चुनाव होने हैं। यहां पर दो बार से टीआरएस की सरकार है।

नई दिल्ली (आनलाइन डेस्क/पीटीआई)। तेलंगाना में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी ने अपनी चुनावी रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है। इसी रणनीति के तहत ही पार्टी ने अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक इस बार हैदराबाद में आयोजित की है। इस बैठक में देशभर के 340 प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं। इस दौरान पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ पीएम नरेन्द्र मोदी भी हैदराबाद में इसमें शामिल हैं। बता दें कि तेलंगाना में 2018 में चुनाव हुए थे। यहां पर राज्य के गठन के बाद से ही चंद्रशेखर राव की सरकार के हाथों में कमान है। दिसंबर 2023 से पहले यहां पर विधानसभा चुनाव होने हैं। 119 सीटों वाली विधानसभा में फिलहाल चंद्रशेखर राव की टीआरएस पार्टी का दबदबा है।
GHMC के चुनाव में भाजपा ने लगाई थी पूरी ताकत
तेलंगाना में अपना सिक्का जमाने के लिए यूं तो भाजपा ने काफी पहले से ही काम करना शुरू कर दिया था। इसका एक उदाहरण हैदराबाद के निकाय चुनाव थे, जिसमें पहली बार भाजपा ने न सिर्फ बढ़चढ़कर हिस्सा लिया था, बल्कि इनमें जीत भी हासिल की थी। औवेसी के गढ़ में पार्टी की इस सेंध से राज्य की जनता में भाजपा को लेकर काफी स्पष्ट मैसेज भी गया था। इस चुनाव की खास बात ये भी थी कि इसमें यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से लेकर पीएम मोदी तक ने प्रचार किया था। यहां पर पार्टी का मुख्य मकसद औवेसी के गढ़ में एआईएमआईएम के वर्चस्व को खत्म करना था। इस चुनाव में भाजपा की जीत से औवेसी को जबरदस्त धक्का लगा था।
कर्नाटक से आगे बढ़ने की तैयारी में भाजपा
अब पार्टी इस जीत के सिलसिले को ही पूरे राज्य में जारी रखना चाहती है। इस लिहाज से पार्टी कार्यकारिणी की बैठक भी बेहद खास हो गई है। आपको यहां पर ये भी बता दें कि पार्टी दक्षिण में कर्नाटक से आगे नहीं निकल पाई है। अब भाजपा की पूरी कोशिश है कि वो इस सूखे को खत्म कर दे। इसके लिए भाजपा का पहला रणनीतिक पड़ाव तेलंगाना हो सकता है। दक्षिण भारतीय राज्यों की बात करें तो तमिलनाडु में फिलहाल डीएमके की सरकार है और केरल में एलडीएफ की सरकार है। भाजपा तेलंगाना को जीतकर आगे की राह पकड़ना चाहती है।
येदियुरप्पा ने खोली थी पार्टी के लिए दक्षिण की राह
आपको यहां पर ये भी बता दें कि येदियुरप्पा ने ही पहली बार दक्षिण भारत में भाजपा के लिए जीत का द्वार खोला था। कर्नाटक में मिली जीत के बाद पार्टी अन्य दक्षिण राज्य में इस जीत को दोहरा नहीं पाई है। इस बार हैदराबाद में हो रही कार्यकारिणी की बैठक के बाद मुमकिन है कि पार्टी की नई रणनीति इसमें फायदे का सौदा साबित हो। गौरतलब है कि तेलंगाना में लोकसभा की 17 और राज्य सभा की सात सीट हैं। मौजूदा समय में यहां की विधानसभा में भाजपा की केवल तीन सीट हैं, जबकि सत्ताधारी पार्टी टीआरएस की 85 और कांग्रेस की 19, एमआईएम की 7, टीडीपी 2,एआईएफबी और निर्दलीय के पास एक-एक सीट है। भाजपा तेलंगाना में शुरुआत कर अब दक्षिण के सूखे को खत्म कर आगे कदम बढ़ाना चाहती है।
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