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    'हरियाणा की हार की हताशा', खरगे के आरोपों पर केंद्रीय मंत्रियों का पलटवार; कहा- अनाप-शनाप झूठ फैला रहे

    Updated: Mon, 04 Nov 2024 09:30 PM (IST)

    कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की ओर से एनडीए सरकार के दस साल के कार्यकाल को लेकर लगाए गए आरोपों पर केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान एवं हरदीप सिंह पुरी ने पलटवार किया है। दोनों मंत्रियों ने अलग-अलग आंकड़े देते हुए कहा कि पिछले दस साल में भारत हर क्षेत्र में प्रगति कर रहा है और लगातार हार से हताश कांग्रेस उस गति को रोकना चाहती है।

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    धर्मेंद्र प्रधान और हरदीप सिंह पुरी ने खरगे के आरोपों का जवाब दिया। (File Image)

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। राजग काल बनाम संप्रग काल को लेकर कांग्रेस और भाजपा में वाकयुद्ध छिड़ गया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने राजग काल में बदहाल आर्थिकी व सामाजिक ढांचे का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से चुनाव में असल मुद्दों पर बोलने को चुनौती दी।

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    इसके जवाब में केंद्र सरकार के दो मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और हरदीप पुरी ने आंकड़ों के साथ ताल ठोक दिया। दोनों मंत्रियों ने अलग-अलग आंकड़े देते हुए कहा कि पिछले दस साल में भारत हर क्षेत्र में प्रगति कर रहा है और लगातार हार से हताश कांग्रेस उस गति को रोकना चाहती है।

    खरगे के बयान को बताया झूठ का पुलिंदा

    प्रधान ने केंद्रीय विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के आरक्षित और अनारक्षित पदों के खाली होने के खरगे के बयान को झूठ का पुलिंदा बताया है। उन्होंने आंकड़ों के साथ बताया कि किस तरह से मोदी सरकार के दौरान न सिर्फ केंद्रीय विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के रिक्त पदों में कमी आई है। साथ ही एससी, एसटी और ओबीसी आरक्षण को लागू करने में आ रही रुकावट को खत्म किया गया है।

    वहीं, हरदीप पुरी ने कांग्रेस काल में उद्योगपतियों को दिए गए ऋण का आंकड़ा रख दिया। धर्मेंद्र प्रधान ने मल्लिकार्जुन खरगे को आइना दिखाते हुए कहा कि संप्रग सरकार के दौरान 2014 में केंद्रीय विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के 37 फीसद रिक्त पद थे, जिनें 57 फीसद एससी, 63 फीसद एसटी और 60 फीसद ओबीसी के पद खाली थे। 10 साल बाद स्वीकृत पदों की संख्या बढ़ने के बावजूद रिक्त पदों की संख्या 26.8 फीसद रह गई है।

    मिशन मोड पर की गई शिक्षकों की भर्ती: पुरी

    उन्होंने बताया कि पिछले दो सालों में मिशन मोड पर 6890 से अधिक शिक्षकों की भर्ती की गई है, जिनमें 13.6 फीसद एससी, 6.7 एसटी और 22.27 फीसद ओबीसी से हैं। उन्होंने खरगे को अनुभवी राजनीतिज्ञ बताते हुए सिर्फ राहुल गांधी को खुश करने के लिए निराधार झूठ का सहारा लेने का आरोप लगाया। वहीं हरदीप पुरी ने पोस्ट की लंबी श्रृंखला में अर्थव्यवस्था और बेरोजगारी को लेकर मल्लिकार्जुन खरगे के आरोपों का बिंदुवार जवाब दिया।

    बेरोजगारी बढ़ने के खरगे के आरोपों का जवाब देते हुए पुरी ने कहा कि 2016-17 से 2022-23 के बीच देश में 17 करोड़ नौकरियां बढ़ी है और इससे रोजगार में 36 फीसद की बढ़ोतरी हुई है। इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस शासन के दौरान राजस्थान, कर्नाटक, महाराष्ट्र और हरियाणा में हुए पेपर लीक की भी याद दिलाई।

    (केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी। File Image)

    कांग्रेस काल में ऋण बांटने का लगाया आरोप

    अर्थव्यवस्था और सार्वजनिक बैंकों के खास्ताहाल होने के मल्लिकार्जुन खरगे के आरोपों का जवाब देते हुए हरदीप पुरी ने बताया कि किस तरह से पिछले तीन सालों में ही 81 सूचीबद्ध बैंकों और वित्तीय संस्थाओं की बाजार पूंजी में 225 फीसद की बढ़ोतरी हुई है। बैंकों का एनपीए न्यूनतम स्तर पर है। उन्होंने यह भी गिना दिया कि कांग्रेस काल में अदाणी ग्रुप को 72000 करोड़ का ऋण दिया गया था तो अंबानी ग्रुप को 1,13000 करोड़।

    उन्होंने कहा कि विजय माल्या पर बैंको का 1457 करोड़ का बकाया था फिर भी 1500 करोड़ का ऋण मंजूर कर दिया गया। 2005-2013 के बीच कांग्रेस काल में उद्योगपतियों को 36.5 लाख करोड़ का ऋण माफ किए गए थे। ध्यान रहे कि कांग्रेस नेताओं की ओर से आरोप लगाया जाता है कि मोदी काल में उद्योगपतियों के 16 लाख करोड़ रुपये माफ किए गए।

    इससे पहले खरगे ने पोस्ट पर आरोप लगाया था कि पिछले दस साल में आर्थिक स्थिति बदहाल है। खाद्य महंगाई दो अंकों में पहुंच गई है। गरीब और गरीब होता जा रहा है और मध्यम वर्ग गायब हो गया है। लोगों की बचत पिछले 50 वर्षों के न्यूनतम पर है। समाज में विषमता आ रही है, लेकिन भाजपा नेता केवल झूठ फैलाते हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री को चुनौती दी कि चुनाव असल मुद्दों पर लड़ें।

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