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    जी राम जी बिल पास: विपक्ष ने फाड़ी प्रतियां-शिवराज ने बताया ‘गुंडाराज’... गांव, गरीब और मजदूर को क्या मिलेगा?

    Updated: Thu, 18 Dec 2025 10:00 PM (IST)

    लोकसभा में जी राम जी बिल को लेकर भारी हंगामा हुआ। विपक्ष ने बिल की प्रतियां फाड़ीं, जिसके बाद शिवराज सिंह चौहान ने इसे 'गुंडाराज' बताया। बिल के प्रावध ...और पढ़ें

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    केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान। (पीटीआई)

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। विकसित भारत-गारंटी फॉर रोजगार एवं आजीविका मिशन (ग्रामीण) यानी विकसित भारत जी राम जी विधेयक को आठ घंटे की लंबी वैचारिक चर्चा के बाद सियासी टकराव और भारी हंगामा के बीच लोकसभा में गुरुवार को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। चर्चा में 99 सांसदों ने भाग लिया। विपक्ष ने नाम के विरोध में वेल में आकर हंगामा किया और आसन के सामने विधेयक की प्रतियां फाड़कर उड़ाईं।

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    विपक्ष के इस व्यवहार को शिवराज ने बाद में भाजपा कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ‘गुंडाराज’ करार दिया और कहा कि विपक्ष सिर्फ नाम पर राजनीति कर रहा है, जबकि सरकार काम पर विश्वास करती है। विधेयक को लेकर पहले दिन से ही विपक्ष आक्रामक रहा था। गुरुवार को भी कांग्रेस की ओर से कोशिश की गई कि इसे स्थायी समिति को भेज दिया जाए। यह संयोग भी हो सकता है लेकिन पहले दिन विधेयक का औपचारिक विरोध करने वाली प्रियंका काले कपड़े में थीं।

    विपक्ष के सदस्यों की ओर से नाम बदले जाने का विरोध करते हुए भाजपा को गांधी विरोधी ठहराने की कोशिश होती रही। हालांकि यह भी आश्चर्यजनक था कि जिस विधेयक का विपक्ष विरोध कर रहा था उसके पारित होने के दिन विपक्ष की अधिकतर सीटें खाली थीं। पर वेल पर पूरा विरोध हुआ।

    सदन में सरकार की ओर से जवाब देते हुए केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विपक्ष विशेषकर कांग्रेस पर तीखा हमला बोला और कहा कि कांग्रेस ने केवल गांधी के नाम का राजनीतिक इस्तेमाल किया, जबकि मोदी सरकार बापू के आदर्शों पर चल रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने आपातकाल लगाकर और सरकारी भ्रष्टाचार के जरिए बापू के आदर्शों की हत्या की, जबकि नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार ने गांव, गरीब और मजदूर को केंद्र में रखकर नीतियां बनाई हैं।

    शिवराज ने कहा कि नरेगा की शुरुआत में महात्मा गांधी का नाम नहीं था। वर्ष 2009 के चुनाव नजदीक आते ही कांग्रेस को गांधी याद आए और चुनावी लाभ के लिए नरेगा के साथ गांधी का नाम जोड़ा गया। कांग्रेस ने मनरेगा को गंभीरता से नहीं चलाया, जबकि मोदी सरकार ने प्रभावी ढंग से लागू किया और रिकॉर्ड बजट उपलब्ध कराया।

    शिवराज ने सदन के बाहर भी कांग्रेस पर हमला जारी रखा। दो दिन पहले प्रियंका वाड्रा द्वारा सरकार पर नाम बदलने की सनक के आरोप पर पलटवार करते हुए उन्होंने कांग्रेस को परिवारवादी पार्टी बताया और कहा कि नाम बदलने की सनक कांग्रेस में रही है। नेहरू-गांधी परिवार के नाम पर देश में दर्जनों योजनाएं, संस्थान, पुरस्कार, सड़कें, हवाई अड्डे और यहां तक कि राष्ट्रीय उद्यानों तक के नाम रखे गए। मोदी सरकार का लक्ष्य किसी परिवार का महिमामंडन नहीं, बल्कि जनकल्याण है।

    मंत्री ने आंकड़ों के जरिए सरकार का पक्ष रखा और विपक्ष पर हमला किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासन के दौरान जहां मात्र 153 लाख कार्य पूरे हुए, वहीं मोदी सरकार में यह संख्या बढ़कर 862 लाख हो गई। महिलाओं की भागीदारी कांग्रेस के समय 48 प्रतिशत थी, जो अब बढ़कर 56.73 प्रतिशत हो गई है।

    आधार सीडिंग कांग्रेस के समय मात्र 76 लाख थी, जिसे मौजूदा सरकार ने 12 करोड़ से अधिक किया। पहले भुगतान व्यवस्था पारदर्शी नहीं थी। अब तकनीक के जरिए सीधे मजदूरों के खाते में पैसे जा रहे हैं।

    शिवराज ने स्पष्ट किया कि नया विधेयक ग्रामीण भारत के समग्र विकास का रोडमैप है। इसके तहत ग्रामीण परिवारों को 125 दिनों के मजदूरी रोजगार की गारंटी दी जाएगी। उन्होंने कहा कि गांधी मानते थे कि गांव भारत की आत्मा हैं और यह विधेयक उसी सोच को आगे बढ़ाने वाला है। विकसित भारत का सपना तभी साकार होगा, जब गांव विकसित होंगे।