Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Bihar Politics: महागठबंधन में तकरार... NDA ने बनाई ये रणनीति, एक साथ नजर आ रहे BJP-JDU के नेता

    Bihar Politics News राजद और कांग्रेस में जारी सियासी कशमकश के साथ दूरी के मिल रहे संकेतों के बीच राजग गठबंधन लगातार अपनी एकजुटता का संदेश देने का कोई मौका नहीं छोड़ रहा है। ख्यमंत्री पद को लेकर भाजपा और जदयू के बीच टकराव की तमाम अटकलों के बावजूद दोनों सार्वजनिक रूप से एक-दूसरे के साथ नजर आ रहे हैं।

    By Jagran News Edited By: Piyush Kumar Updated: Tue, 25 Mar 2025 09:15 PM (IST)
    Hero Image
    Bihar Politics: महागठपबंधन में तकरार के बीच भाजपा और जदयू के नेताओं में एकजुटता दिख रही।(फोटो सोर्स: जागरण)

    नीलू रंजन, नई दिल्ली: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर महागठबंधन के दोनों बड़े दलों राजद और कांग्रेस में जारी सियासी कशमकश के साथ दूरी के मिल रहे संकेतों के बीच राजग गठबंधन लगातार अपनी एकजुटता का संदेश देने का कोई मौका नहीं छोड़ रहा है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सोमवार को कांग्रेस ने राजद की इफ्तार पार्टी से किनारा कर लिया, वहीं बुधवार को बिहार से राजग घटक दलों के बड़े नेता रात्रि भोज पर मिल रहे हैं। माना जा रहा है कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी इसमें शामिल होंगे।वैसे तो महागठबंधन में सबकुछ ठीकठाक नहीं होने के संकेत लंबे समय से मिल रहे थे।

    सीटों के बंटवारे में अपनी दावेदारी मजबूत करने में जुटी कांग्रेस

    कांग्रेस के नए प्रदेश प्रभारी कृष्णा अल्लावरु का लालू यादव और तेजस्वी यादव से मुलाकात नहीं करना और आरजेडी की सहमति के बिना ही कन्हैया कुमार के नेतृत्व में ''पलायन रोको, नौकरी दो'' पदयात्रा के आयोजन से यह साफ हो गया था।

    माना जा रहा है कि कांग्रेस सीटों के बंटवारे में अपनी दावेदारी मजबूत करने के लिए दबाव की रणनीति के तहत ऐसा कर रही है। लेकिन रमजान महीने में आयोजित इफ्तार में कांग्रेसी नेताओं का नहीं जाना बिहार की रणनीति में दूरगामी रणनीति की सोच के भी संकेत दे रहे हैं। लगभग तीन दशक पुराने सहयोगियों के बीच दिखाई दे रही यह दूरी आगामी विधानसभा चुनाव में महागठबंधन के लिए शुभ संकेत नहीं है।

    एक साथ नजर आ रहे बीजेपी-जेडीयू के नेता 

    दूसरी ओर मुख्यमंत्री पद को लेकर भाजपा और जदयू के बीच टकराव की तमाम अटकलों के बावजूद दोनों सार्वजनिक रूप से एक-दूसरे के साथ नजर आ रहे हैं। 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद तीन बार राजग मुख्यमंत्री परिषद की बैठक हो चुकी है। लोजपा के चिराग पासवान से लेकर हम के जीतन राम मांझी तक राजग के सभी घटक दलों में आपसी सामंजस्य देखने को मिल रहा है।

    बुधवार को भाजपा सांसद संजय जायसवाल के घर पर हो रही बिहार के राजग नेताओं की रात्रिभोज पर मुलाकात इसी की बानगी है। इसके पहले जनवरी में जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा के दही-चूड़ा भोज कार्यक्रम में अमित शाह की लंबी मौजूदगी देखी गई थी। 2020 की तुलना में देखें तो 2025 में दोनों गठबंधनों में स्थिति एकदम उलट है। 2020 में राजग गठबंधन बिखरा नजर आ रहा था।

    उपेंद्र कुशवाहा और चिराग पासवान राजग में नहीं थे। चिराग ने तो नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। इस बार दोनों राजग में हैं। इसके विपरीत 2020 में एकजुट होकर मैदान में उतरने वाले महागठबंधन के दोनों बड़े घटक दल कांग्रेस और राजद के बीच ही इस वक्त अंदरूनी खींचतान की स्थिति दिख रही है। 

    यह भी पढ़ेंNitish Kumar: 'ई बेचारी को कुछ आता है', राबड़ी पर भड़के नीतीश और सदन में हरी टी-शर्ट बन गई मुद्दा