Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Bihar Floor Test: बहुमत परीक्षण में फेल हुई नीतीश सरकार तो आगे क्या होगा, फ्लोर टेस्ट में कैसे होती है वोटिंग?

    Updated: Mon, 12 Feb 2024 10:41 AM (IST)

    Bihar Floor Test महागठबंधन से नाता तोड़ 28 जनवरी को एनडीए के साथ नई सरकार बनाने वाले नीतीश को आज विधानसभा में बहुमत परीक्षण देना होगा। नीतीश आज सदन में सबसे पहले अपनी सरकार के बहुमत को लेकर वोटिंग का प्रस्ताव रखेंगे। अगर नीतीश बुहमत परीक्षण में फेल होते हैं तो क्या होगा आखिर ये परीक्षण होता कैसे हैं। आइए इन सभी सवालों के जवाब जानते हैं...

    Hero Image
    Bihar Floor Test फ्लौर टेस्ट क्या है और कैसे होता है।

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। Bihar Floor Test बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की आज अग्निपरीक्षा है। महागठबंधन से नाता तोड़ 28 जनवरी को एनडीए के साथ नई सरकार बनाने वाले नीतीश को आज विधानसभा में बहुमत परीक्षण देना होगा।

    नीतीश कुमार आज सदन में सबसे पहले अपनी सरकार के बहुमत को लेकर वोटिंग का प्रस्ताव रखेंगे। अगर नीतीश बुहमत परीक्षण में फेल होते हैं तो क्या होगा, आखिर ये फ्लौर टेस्ट होता कैसे है। आइए, इन सभी सवालों के जवाब जानते हैं...

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    क्या होता है फ्लौर टेस्ट

    फ्लौर टेस्ट किसी भी गठबंधन सरकार के मामले में मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री को विश्वास मत पेश करने के लिए किया जाता है। इससे ये जाना जाता है कि क्या सीएम को विधानसभा में बहुमत प्राप्त है या नहीं। यह संसद और विधानसभा दोनों जगह होता है।

    फ्लौर टेस्ट में फेल हुए तो क्या?

    आज नीतीश कुमार को फ्लौर टेस्ट देते हुए दिखाना होगा कि उनके पास जरूरी बहुमत का आंकड़ा है। जब भी सरकार के पास बहुमत होने पर सवाल उठाए जाते हैं तो बहुमत का दावा करने वाले सीएम को अपने सभी विधायकों से वोटिंग करवानी होती है। जितने भी विधायक विधानसभा में पेश होते हैं, उनके ही वोट गिने जाते हैं। 

    अगर कोई सीएम बहुमत परीक्षण में फेल हो जाता है, तो उसे इस्तीफा देना पड़ता है।

    कौन करवाता है फ्लौर टेस्ट

    फ्लौर टेस्ट राज्य के विधानसभा अध्यक्ष या उनकी गैर मौजूदगी में प्रोटेम स्पीकर कराते हैं। अध्यक्ष न होने पर अस्थाई तौर पर प्रोटेम स्पीकर बनाया जाता है। फ्लौर टेस्ट में राज्यपाल का काम सिर्फ आदेश देने का होता है। इसमें राज्यपाल की कोई भूमिका नहीं होती है। इसमें विधानसभा में विधायक पेश होकर अपना वोट करते हैं।

    फ्लोर टेस्ट की क्या है प्रक्रिया?

    किसी भी सदन में चर्चा के बाद स्पीकर वहां मौजूद विधायकों से गुप्त मतदान से समर्थन या विरोध में वोटिंग कराते है। अगर विश्वास मत प्रस्ताव के समर्थन में ज्यादा विधायकों ने वोट किया तब माना जाता है कि सरकार को सदन में बहुमत हासिल है।

    पार्टियां जारी करती हैं व्हीप

    जब किसी गठबंधन सरकार को बहुमत परीक्षण देना होता है, तो उससे पहले सभी पार्टियां व्हीप जारी करती हैं। इसमें पार्टियां अपने विधायकों को हर हाल में विधानसभा में पेश होने का निर्देश देती है।