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    बिहार में संविधान पर संग्राम: तेजस्वी के वक्फ कानून वाले बयान पर BJP का तीखा पलटवार, पूछे कई सवाल

    बिहार विधानसभा चुनाव से पहले संविधान और आरक्षण का मुद्दा गरमा गया है। भाजपा ने राजद नेता तेजस्वी यादव के वक्फ संशोधन कानून को कूड़े के डिब्बे में फेंकने वाले बयान पर करारा प्रहार किया है। भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने आरोप लगाया कि राजद-सपा जैसे दल संसद और न्यायपालिका का अनादर करते हुए वोटबैंक की खातिर दलितों-पिछड़ों का आरक्षण खत्म करना चाहते हैं जिसे भाजपा ...

    By Jagran News Edited By: Deepti Mishra Updated: Mon, 30 Jun 2025 08:17 PM (IST)
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    तेजस्वी के वक्फ बयान पर भाजपा का हमला। फाइल फोटो

    सुधांशु त्रिवेदी जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव की तरह ही बिहार विधानसभा चुनाव में भी संविधान और आरक्षण का मुद्दा गर्मा सकता है। हाल ही में आपातकाल की वर्षगांठ को 'संविधान हत्या दिवस' के रूप में मनाने वाली भाजपा ने गत दिवस पटना की रैली में राजद नेता तेजस्वी यादव के वक्फ संशोधन कानून को कूड़े के डिब्बे में फेंकने के बयान को संविधान से जोड़ते हुए करारा प्रहार किया है।

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    भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और सांसद डॉ. सुधांशु त्रिवेदी ने कहा है कि वोटबैंक की चाहत में ये लोग संविधान को कूड़ेदान में फेंकने की 50 वर्ष पुरानी मानसिकता से बाहर नहीं आ पा रहे। उन्होंने आरोप लगाया कि राजद-सपा जैसे दलों ने समाजवाद को नमाजवाद में बदलकर मुल्ला-मौलवियों के आगे नतमस्तक कर दिया है। आईएनडीआईए के नेता तेलंगाना व कर्नाटक की तरह ही बिहार में भी दलितों-पिछड़ों का आरक्षण नष्ट करना चाहते हैं।

    भाजपा प्रवक्ता ने सोमवार को पार्टी मुख्यालय में कहा कि रविवार को पटना के गांधी मैदान में एक ऐसी रैली आयोजित हुई, जिसमें आईएनडीआईए के बिहार के राजद नेता तेजस्वी यादव ने संसद से पारित वक्फ संशोधन अधिनियम को कूड़ेदान में फेंकने की बात कही। ये बहुत गंभीर विषय है।

    उन्‍होंने कहा कि यह उस वक्फ अधिनियम के बारे में कहा गया है, जो भारत की संसद के दोनों सदनों से पारित है, उच्च न्यायालयों के अनेक आदेश जिसके पक्ष में हैं और जो उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन है।

    भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि इसका स्पष्ट अर्थ है कि तेजस्वी यादव सहित विपक्षी गठबंधन के राजद नेता न तो संसद का सम्मान करते हैं और न न्यायपालिका का। वोट बैंक की चाहत में ये लोग संविधान को कूड़ेदान में फेंकने की 50 वर्ष पुरानी मानसिकता से बाहर नहीं आ पा रहे हैं। भाजपा और राजग इस बात के लिए कृत-संकल्पित है कि वह किसी को भी बाबा साहेब डॉ. आंबेडकर के संविधान और उसके किसी भी प्रविधान को कूड़ेदान में नहीं फेंकने देगा।

    भाजपा नेता ने पूछे ये सवाल

    भाजपा सांसद ने कहा कि समाजवाद का चोला पहने राजद और सपा जैसे दलों को बताना चाहिए कि समाजवाद तो संपत्ति और धन के बराबर बंटवारे और गरीब को अधिक हिस्सा देने के लिए कहता है, फिर ये लोग किस समाजवाद के तहत चाहते हैं कि वक्फ की हजारों एकड़ जमीन पर चंद मुल्ला-मौलवियों का कब्जा होना चाहिए? क्या राम मनोहर लोहिया, जेपी और भारत रत्न कर्पूरी ठाकुर का समाजवाद यही था?

    भाजपा गरीबों और मजलूमों को उनका हिस्सा देने की बात करने वाले भारत रत्न कर्पूरी ठाकुर से लेकर जयप्रकाश नारायण और राममनोहर लोहिया के समाजवाद के साथ खड़ी है, लेकिन भाजपा प्रवक्ता ने आज तीन तलाक, हलाला, हज सब्सिडी, सर तन से जुदा का समर्थन करने वालों और आतंकियों को अपना भाई, बहन, बेटा मानने वालों के साथ खड़ा है।

    किसके पक्ष में हैं भाजपा और जदयू?

     भाजपा और जदयू समाजवाद के पक्ष में खड़े हैं, जबकि राजद और सपा जैसे दल नमाजवाद के पक्ष में जाकर खड़े हो गए।

    भाजपा प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि विपक्षी गठबंधन के नेता पिछड़े, दलित, वंचित और शोषित वर्ग के आरक्षण को भी खत्म करना चाहते हैं, क्योंकि जिस संस्थान को ये अल्पसंख्यक दर्जा दे देते हैं, वहां एससी, एसटी और ओबीसी का आरक्षण खत्म हो जाता है। नमाजवादी लोग पिछले दरवाजे से पिछड़ों के आरक्षण पर सेंध लगा रहे हैं, जिसे राजग सफल नहीं होने देगा।