Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    यूनियन बैंक के लिए क्यों आफत बनी केवी सुब्रमण्यम की किताब? पढ़ें आखिर क्या है मामला

    Updated: Tue, 06 May 2025 08:15 PM (IST)

    कांग्रेस सोशल मीडिया विभाग की प्रमुख सुप्रिया श्रीनेत ने इस मुद्दे पर प्रेस कांफ्रेंस करते हुए कहा कि केंद्र सरकार के पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार रहे स ...और पढ़ें

    Hero Image
    केवी सुब्रमण्यम की किताब की दो लाख प्रतियां यूनियन बैंक ऑफ इंडिया द्वारा खरीदे जाने कांग्रेस ने जताई हैरानी।

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कांग्रेस ने विश्व बैंक के कार्यकारी निदेशक पद से हटाए गए केवी सुब्रमण्यम की किताब की दो लाख प्रतियां यूनियन बैंक ऑफ इंडिया द्वारा खरीदे जाने पर हैरानी जताते हुए इसकी जांच की मांग की है। बैंक द्वारा 7.25 करोड़ की लागत से किताबों की इस खरीद में हितों के टकराव का दावा करते हुए पार्टी ने वित्त मंत्रालय से पूछा है कि क्या सुब्रमण्यम को फायदा पहुंचाए जाने की जानकारी उसके पास थी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    वहीं बैंक को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि एक ओर न्यूनतम बैलेंस नहीं रहने के कारण आम खाताधारकों पर जुर्माना वसूल जाता है तो दूसरी तरफ सरकार की प्रशंसा गान करने वालों की पुस्तकें खरीदने पर करोड़ों रुपए खर्च किए जाते हैं।

    सरकार ने हाल ही में उन्हें विश्व बैंक से हटाया है। माना जा रहा था कि उनकी कुछ शिकायतें केंद्र के पास पहुंची थी।

    यह हितों के टकराव का मामला: कांग्रेस 

    सोमवार को कांग्रेस सोशल मीडिया विभाग की प्रमुख सुप्रिया श्रीनेत ने इस मुद्दे पर प्रेस कांफ्रेंस करते हुए कहा कि केंद्र सरकार के पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार रहे सुब्रमण्यम की "इंडिया @100: एनविजनिंग टुमॉरोज, इकनॉमिक पावरहाउस'' नामक पुस्तक की दो लाख प्रतियों की खरीद की जांच इसलिए जरूरी है क्योंकि यह हितों के टकराव का मामला है।

    वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण को बताना चाहिए क्या इस खरीद की उन्हें जानकारी थी क्योंकि यह यूनियन बैंक वित्त मंत्रालय के नियंत्रण में है। बैंक यह बताए कि क्या इतनी बड़ी राशि की खरीद के लिए उसने अपने निदेशक मंडल से मंजूरी ली थी।

    सुप्रिया श्रीनेत ने दावा किया कि बैंक के क्षेत्रीय और जोनल कार्यालयों को पुस्तकों की बिक्री को बढ़ावा देने का काम सौंपाते हुए उन्हें ''विविध'' श्रेणी के तहत खर्च दिखाने के लिए कहा गया था। बैंक के इस निर्णय पर सवाल उठाते हुए कहा कि वर्ष 2023-24 के दौरान खाते में न्यूनतम बैंलेंस नहीं रख पाने वाले खाताधारकों से 2300 करोड़ जुर्माना वसूला गया जिसमें यूनियन बैंक ने 126 करोड़ का जुर्माना वसूला।

    सुप्रिया ने यह सवाल भी उठाया कि क्या इस खरीद का यूनियन बैंक की एमडी और सीईओ मणिमेखलाई के सेवा विस्तार से कोई लेना-देना है जिनका कार्यकाल इस साल समाप्त होने वाला है। विश्व बैंक के कार्यकारी निदेशक पद से कार्यकाल पूरा होने के छह महीने पहले सुब्रमण्यम को हटाने का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार ने अभी तक यह नहीं बताया है कि उन्हें क्यों हटाया गया।

    सुब्रमण्यम पर निशाना साधते हुए सुप्रिया ने आरोप लगाया कि वे बेशर्मी से पिछली सरकारों को बदनाम करते रहे हैं और आर्थिक सलाहकार की बजाय उनकी रूचि सरकार का चीयरलीडर बनने में है।

    यह भी पढ़ें: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अमेरिका में क्या किया? भाजपा ने आरोप लगाते हुए सोनिया गांधी का भी लिया नाम