बजट पेश होने के बाद रेल मंत्री ने सुनाई खुशखबरी, बताया यात्रियों की सुविधाओं के लिए क्या कर रही मोदी सरकार
केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जानकारी दी कि पिछली सरकार की तुलना में जबरदस्त स्पीड के साथ देश में रेलवे ट्रैक का इलेक्ट्रिफिकेशन ( विद्युतीकरण) किया जा रहा है। उन्होंने आगे कहा 2014 से पहले यानी 60 वर्षों में 20000 किलोमीटर का विद्युतीकरण किया गया था। वहीं 2014 से लेकर अब तक यानी 10 वर्षों में 40000 किलोमीटर का विद्युतीकरण किया गया है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार का पहला आम बजट पेश किया। इस बजट में शिक्षा, स्वास्थ्य, इंफ्रास्ट्रक्चर सहित विभिन्न क्षेत्रों के लिए कई योजनाओं का एलान किया गया। भले ही बजट भाषण के दौरान वित्त मंत्री ने सिर्फ एक बार ही रेल का जिक्र किया, लेकिन बजट पेश किए जाने के बाद केंद्रीय रेल मंत्री ने देशवासियों को गुड न्यूज सुनाई।
केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जानकारी दी कि पिछली सरकार की तुलना में जबरदस्त स्पीड के साथ देश में रेलवे ट्रैक का इलेक्ट्रिफिकेशन ( विद्युतीकरण) किया जा रहा है। उन्होंने आगे कहा, "2014 से पहले, यानी 60 वर्षों में 20,000 किलोमीटर का विद्युतीकरण किया गया था। वहीं, 2014 से लेकर अब तक यानी 10 वर्षों में 40,000 किलोमीटर का रेल पटरियों का विद्युतीकरण किया गया है।"
तेजी से हो रहा रेल पटरियों का निर्माण: अश्विनी वैष्णव
साल 2014 से पहले हर दिन केवल 4 किलोमीटर रेल पटरियों का निर्माण होता था। पिछले वित्तीय वर्ष में हर दिन 14.5 किलोमीटर किया गया। पिछले साल 5300 किमी नए ट्रैक का निर्माण किया गया है।
सुरक्षा पर अधिक ध्यान दिया जा रहा है तथा सरकार रेल यात्रा को सुरक्षित बनाने के लिए सभी प्रयास कर रही है। अश्विनी वैष्णव ने आगे बताया कि रेलवे फिलहाल नॉन-एसी कोच बना रहा है और अगले तीन सालों में दस हजार और एक्सट्रा नॉन एसी कोच बनाए जाएंगे। रेलवे का उद्देश्य है कि मिडिल क्लास और कम आय वाले परिवार किफायती कीमत पर सुरक्षित यात्रा कर सकें।
गैर-एसी कोच के निर्माण पर सरकार का ध्यान: रेल मंत्री
रेल मंत्री ने जानकारी दी कि 2014 से पहले रेलवे में पूंजीगत व्यय पर निवेश 35,000 करोड़ रुपये के करीब हुआ करता था। आज यह 2.62 लाख करोड़ रुपये है। अश्विनी वैष्णव से जब सवाल पूछा गया कि क्या इस समय भारतीय रेलवे का ध्यान वंदे भारत जैसे ट्रेनों पर ज्यादा है?
इस सवाल पर उन्होंने कहा कि सरकार का दृष्टिकोण यह है कि हमारे पास एक बड़ा निम्न-आय वर्ग है। हम उनपर फोकस कर रहे हैं। वहीं, सरकार आकांक्षी वर्ग को भी संबोधित कर रहे हैं। रेल मंत्री ने आगे बताया कि गैर एसी यात्रा की मांग बढ़ चुकी है इसलिए हम 2,500 गैर-एसी कोच बना रहे हैं। आने वाले कुछ सालों में तीन सालों में रेलवे 10,000 अतिरिक्त गैर-एसी कोच बनाएगी।
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