नीतीश कुमार नहीं, ये बन सकते हैं अगले उपराष्ट्रपति; मोदी सरकार की भी पहली पसंद
जगदीप धनखड़ ने सोमवार को स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया। धनखड़ के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने के फैसले ने अटकलों का बाजार गर्म कर दिया है। जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद अगले उपराष्ट्रपति को लेकर कई नाम सामने आ रहे हैं जिसमें सबसे पहले नीतीश कुमार का बताया जा रहा है। लेकिन इसकी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है।

नीलू रंजन, नई दिल्ली। जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के स्वीकार किये जाने के बाद नए उपराष्ट्रपति को लेकर अटकलों का बाजार गर्म हो गया है। भाजपा नेताओं के बीच चर्चा में कई नाम सामने आ रहे हैं। लेकिन बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान इसके लिए पहली पसंद के रूप में सामने आ रहे हैं।
माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ब्रिटेन और मालदीव के दौरे लौटने के बाद नए उपराष्ट्रपति के चयन लेकर फैसला हो सकता है। राजनीतिक गलियारों में नए उपराष्ट्रपति के लिए जिन नामों पर चर्चा हो रही है, उनमें रक्षामंत्री राजनाथ सिंह का नाम भी है।
राजनाथ सिंह सहमत नहीं
पिछली बार जब जगदीप धनखड़ उपराष्ट्रपति बने थे, उस समय भी राजनाथ सिंह का नाम चर्चा में था। लेकिन दो-दो बार भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके और पिछले 11 सालों से मोदी सरकार में पहले गृह और अब रक्षा मंत्री का काम संभाल रहे राजनाथ सिंह ने उस समय ही इसके लिए अनिच्छा जता दी थी। इसके अलावा भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के नाम पर कुछ हलकों में चर्चा हो रही है।
जेपी नड्डा पर नहीं जमेगी बात
इसके लिए उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष का कार्यकाल समाप्त होने का हवाला दिया जा रहा है। लेकिन कुछ वरिष्ठ नेता राज्यसभा में नेता सदन के साथ ही स्वास्थ्य और रसायन व उर्वरक जैसे दो-दो मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाल रहे जेपी नड्डा को सरकार से मुक्त कर उपराष्ट्रपति बनाये जाने की संभावना से साफ इनकार कर रहे हैं।
नीतीश कुमार की संभावनाएं कम
इसके अलावा बिहार से नीतीश कुमार को उपराष्ट्रपति बनाने की मांग भी सामने आ रही है, लेकिन इसकी संभावना नगण्य मानी जा रही है। वहीं आरिफ मोहम्मद खान के लंबे राजनीतिक अनुभव और भाजपा व संघ परिवार के साथ वैचारिक समानता को उपराष्ट्रपति पद के लिए सबसे अनुकूल माना जा रहा है।
आरिफ मोहम्मद खान पहली पसंद
लंबे समय से सक्रिय राजनीतिक जीवन से अलग रहने के बाद मोदी सरकार ने उन्हें केरल का राज्यपाल बनाया था और फिर बिहार का राज्यपाल बनाया। शाहबानो केस में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलटने के लिए संसद से कानून बनाने के खिलाफ राजीव गांधी मंत्रीमंडल से इस्तीफे के साथ मुस्लिम कट्टरपंथ और तुष्टीकरण के खिलाफ वे अपने रूख पर लगातार कायम रहे। तीन तलाक से लेकर वक्फ कानून में संशोधन तक में आरिफ मोहम्मद खान ने मोदी सरकार के फैसले का तर्कों के साथ बचाव किया।
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