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TDP सांसद जयदेव गल्ला रिहा, गिरफ्तारी पर आंध्र प्रदेश विधानसभा में हंगामा

तेलुगु देशम पार्टी (TDP) के सांसद जयदेव गल्ला को रिहा कर दिया गया है। उनकी गिरफ्तारी के खिलाफ टीडीपी विधायकों ने आंध्र प्रदेश विधानसभा में जमकर हंगामा किया।

By TaniskEdited By: Published: Tue, 21 Jan 2020 08:44 AM (IST)Updated: Tue, 21 Jan 2020 12:25 PM (IST)
TDP सांसद जयदेव गल्ला रिहा, गिरफ्तारी पर आंध्र प्रदेश विधानसभा में हंगामा
TDP सांसद जयदेव गल्ला रिहा, गिरफ्तारी पर आंध्र प्रदेश विधानसभा में हंगामा

अमरावती, एजेंसियां। तेलुगु देशम पार्टी (TDP) के सांसद जयदेव गल्ला को रिहा कर दिया गया है। मंगलगिरि मजिस्ट्रेट कोर्ट ने रिहा कर दिया है। आंध्र प्रदेश की तीन राजधानियों के प्रस्ताव के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में शामिल होने वाले गल्ला को हिरासत में लिया गया था। इससे पहले गल्ला के गिरफ्तार के खिलाफ टीडीपी विधायकों ने जमकर हंगामा किया। इस दौरान स्थगन की घोषणा किए बिना स्पीकर विधानसभा से बाहर चले गए। 

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बता दें कि गल्ला के खिलाफ गैर-जमानती केस दर्ज किया गया था। उन्हें आधी रात के बाद मंगलगिरि मजिस्ट्रेट के समक्ष गल्ला को पेश किया गया। उनके 31 जनवरी तक हिरासत में रहने की भी खबर सामने आई थी। 

तीन राजधानियों वाला विधेयक विधानसभा में पास 

तीन राजधानियों वाली योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए राज्य की वाईएस जगनमोहन रेड्डी सरकार की तरफ से प्रस्तुत विधेयक सोमवार की देर रात विधानसभा से पास हो गया। विधेयक को मंगलवार को विधानपरिषद में रखा जाएगा। हालांकि, 58 सदस्यों वाले उच्च सदन में वाईएसआर कांग्रेस सदस्यों की संख्या महज नौ होने के कारण सरकार को बमुश्किल ही सफलता मिल पाएगी।

विधेयक में प्रस्ताव

विधेयक में राज्य की कार्यकारी राजधानी विशाखापत्तनम, विधायी राजधानी अमरावती और न्यायिक राजधानी कुर्नूल को बनाने का प्रस्ताव है। जन सेना विधायक आर. वाराप्रसाद ने पार्टी के रुख से अलग इस विधेयक का समर्थन किया है। उधर, मुख्यमंत्री रेड्डी के संबोधन के दौरान बाधा डालने पर तेलुगु देसम पार्टी (तेदेपा) के 17 विधायकों को निलंबित कर दिया गया है।

राज्य को विभिन्न जोनों में विभाजित करने का प्रावधान

आंध्र प्रदेश विकेंद्रीकरण और सभी क्षेत्रों का समावेशी विकास विधेयक-2020 के तहत राज्य को विभिन्न जोनों में विभाजित करने का प्रावधान है। इनके विकास के लिए जोनल प्लानिंग और विकास बोर्ड के गठन की बात भी कही गई है। तीन दिवसीय शीतकालीन सत्र के पहले दिन विधानसभा में वित्त व विधायी मामलों के मंत्री बी. राजेंद्रनाथ ने कहा कि सरकार ने राज्य के विकेंद्रीकरण और सभी क्षेत्रों के समुचित तथा संतुलित विकास के लिए नया कानून बनाने का फैसला किया है। उन्होंने कहा, 'क्षेत्रीय असंतुलन व न्यायसंगत विकास नहीं होने के कारण राज्य के लोगों में असंतोष है।'

झुंझलाए सीएम रेड्डी ने कहा, पूर्व की गलतियों को सुधार रहा हूं

सीएम रेड्डी ने जय अमरावती के नारे के साथ संबोधन शुरू किया। लेकिन, विपक्षी तेदेपा सदस्य हंगामा करने लगे और अध्यक्ष के आसन तक पहुंच गए। इससे रेड्डी झुंझला गए और उन्हें विधानसभा अध्यक्ष से कहा कि मार्शल बुलाकर तेदेपा सदस्यों को सदन से बाहर किया जाए। इसके बाद सदस्यों को बाहर कर दिया गया। रेड्डी ने कहा कि वह राज्य गठन के बाद सरकारों की भूल व गलतियों को इस विधेयक के माध्यम से सुधार रहे हैं।

आंकड़ों के जरिये लोगों को मूर्ख नहीं बना सकते

रेड्डी ने कहा कि हम आंकड़ों के जरिये लोगों को मूर्ख नहीं बना सकते। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के उस दावे को भी खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि अमरावती का स्ववित्तपोषित योजना के तहत विकास किया जा रहा है। हंगामे के बीच सरकार ने आंध्र प्रदेश राजधानी क्षेत्र विकास प्राधिकरण (सीआरडीए) कानून-2014 को निरस्त करने के लिए भी एक विधेयक विधानसभा में पेश किया। सरकार ने बताया कि आंध्र प्रदेश मेट्रोपोलिटन क्षेत्र और शहरी विकास प्राधिकरण कानून-2016 के प्रावधानों के तहत अमरावती मेट्रोपोलिटन रीजन डेवलपमेंट एरिया नामक नया कानून बनाया जाएगा।

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