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    आसियान देशों को चीन की बी-टीम कहने पर भड़की कांग्रेस, आनंद शर्मा ने पीयूष गोयल को दे दी नसीहत

    By Jagran News NetworkEdited By: Swaraj Srivastava
    Updated: Fri, 20 Jun 2025 10:07 PM (IST)

    वाणिज्य मंत्री की लंदन यात्रा के दौरान गुरुवार को कथित तौर पर की गई टिप्पणी पर कांग्रेस की ओर से बयान जारी करते हुए आनंद शर्मा ने कहा कि आसियान आर्थिक रूप से जीवंत एशिया-प्रशांत क्षेत्र के साथ जुड़ाव और भारत की लुक ईस्ट नीति का एक अभिन्न अंग है।

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    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि भारत-आसियान व्यापार समझौते पर वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल का बयान देशहित में नहीं है। पूर्व वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा ने कहा कि पीयूष गोयल ने भारत आसियान समझौते को अवांछित और खराब बताया है। जबकि, आसियान भारत का चौथा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है और वैश्विक दुनिया में अलगाव की ऐसी बातें देशहित में नहीं हैं।

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    आसियान देशों को चीन की बी-टीम कहना गैर-जिम्मेदाराना ही नहीं अपमानजनक भी है। आपस में जुड़ी और एक दूसरे पर निर्भर दुनिया में भागीदारी ही आगे बढ़ने का रास्ता है न कि किनारा कर चलने की रणनीति।

    'चीन की बी-टीम बताना गैरजिम्मेदाराना'

    वाणिज्य मंत्री की लंदन यात्रा के दौरान गुरुवार को कथित तौर पर की गई टिप्पणी पर कांग्रेस की ओर से बयान जारी करते हुए आनंद शर्मा ने कहा कि आसियान आर्थिक रूप से जीवंत एशिया-प्रशांत क्षेत्र के साथ जुड़ाव और भारत की लुक ईस्ट नीति का एक अभिन्न अंग है। इसके मद्देनजर ही भारत की पूर्ववर्ती सभी सरकारों ने भारत-आसियान संबंधों को रणनीतिक साझेदारी के स्तर तक सोच-समझकर बढ़ाया है।

    भारत आसियान छह (जापान, भारत, दक्षिण कोरिया, चीन, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड) के पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन (ईएएस) का भी सदस्य है। जबकि, इंडोनेशिया, वियतनाम और मलेशिया हमारे रणनीतिक साझेदार देश हैं। आनंद शर्मा ने कहा कि ऐसे में आसियान व्यापार समझौते को मूर्खतापूर्ण और इन देशों को चीन की बी-टीम बताना गैरजिम्मेदाराना और अपमानजनक है।

    संबंधों को मजबूत करने को प्राथमिकता देने को कहा

    कहा कि शायद गोयल भूल गए हैं कि इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो भारत की 2025 गणतंत्र दिवस परेड के मुख्य अतिथि थे। वाणिज्य मंत्री को साझेदार देशों के साथ व्यापार संबंधों को मजबूत करने को प्राथमिकता देनी चाहिए और अमेरिका के साथ उसकी शर्तों पर व्यापार समझौते पर बातचीत करने के लिए पीछे हटते हुए उनका अपमान नहीं करना चाहिए।

    कांग्रेस नेता के अनुसार आसियान के साथ सीईसीए (व्यापक आर्थिक सहयोग समझौता) और जापान तथा दक्षिण कोरिया के साथ व्यापार समझौतों का उद्देश्य वस्तुओं और सेवाओं में निवेश और व्यापार को बढ़ावा देना है। आसियान में भारत के हितों को ध्यान में रखते हुए ही समझौतों पर पूरी लगन से बातचीत की गई और सभी व्यापार समझौतों में अंतर्निहित जांच और समीक्षा तंत्र हैं। इस व्यापार में इंडोनेशिया से लौह अयस्क और कोयला, मलेशिया तथा इंडोनेशिया से पाम तेल, ब्रुनेई तथा मलेशिया से तेल-पेट्रोलियम उत्पाद और म्यांमार से दालें भारत आयात करता है।

    आनंद शर्मा ने कहा कि पीयूष गोयल को यह भी नहीं भूलना चाहिए कि आसियान हमारा चौथा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है जो भारत के कुल वैश्विक व्यापार का 11 प्रतिशत है। इसमें द्विपक्षीय व्यापार 12 हजार करोड़ डालर है। इसमें भारत के निर्यात का 11 प्रतिशत से अधिक हिस्सा है और आसियान से भारत में एफडीआई प्रवाह सन 2000 से कुल 18 प्रतिशत से अधिक है।

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