सीमावर्ती क्षेत्रों में जनसांख्यिकीय बदलाव पर अमित शाह की कड़ी चेतावनी, बदलाव पर जताई चिंता
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सीमावर्ती क्षेत्रों में जनसांख्यिकीय बदलाव पर चिंता जताई है जिसे उन्होंने साजिश बताया है। उन्होंने सीमांत जिलों के जिलाधिकारियों को अवैध धार्मिक अतिक्रमणों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। वाइब्रेंट विलेजेस प्रोग्राम (वीवीपी) के उद्घाटन में शाह ने सीमावर्ती गांवों से पलायन रोकने सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने और सीमा सुरक्षा को मजबूत करने की बात कही।
डिजिटिल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने चेताया है कि सीमावर्ती इलाकों की जनसांख्यिकी को साजिश के तहत जानबूझकर बदला जा रहा है, जिससे सीमा और राष्ट्रीय सुरक्षा पर असर पड़ सकता है। शाह ने सीमांत जिलों के जिलाधिकारियों को अवैध धार्मिक अतिक्रमण के खिलाफ उचित कार्रवाई करने को भी कहा।
उन्होंने कहा कि सीमा के 30 किलोमीटर के दायरे में होनेवाले अवैध अतिक्रमण हटाए जाने चाहिए। उन्होंने गुजरात की समुद्री और जमीनी सीमा के आसपास अवैध अतिक्रमण पर गुजरात सरकार की कार्रवाई की प्रशंसा की।
शाह ने वीवीपी कार्यशाला का किया उद्घाटन
केंद्रीय गृह मंत्री ने दो दिन के वाइब्रेंट विलेजेस प्रोग्राम (वीवीपी) कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में कहा कि यह कार्यक्रम तीन मुख्य बिंदुओं पर आधारित है- पहला, सीमावर्ती गांवों से पलायन को रोकना, दूसरा, ये सुनिश्चित करना कि सीमावर्ती गांवों के हर नागरिक को केंद्र और प्रदेश सरकार की योजनाओं का 100 प्रतिशत लाभ मिले और तीसरा, सीमा और राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने के लिए सीमावर्ती गांवों को वीवीपी के तहत सशक्त साधन बनाना।
शाह ने जिलाधिकारियों से कहा कि वे यह सुनिश्चित करें कि चुनौतीपूर्ण भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद, नागरिक अपने गांवों को न छोड़ें, पलायन को रोका जाए और गांवों की आबादी में भी वृद्धि हो।उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से कहा था कि जनसांख्यिकीय बदलाव एक चिंता का विषय है।
अमित शाह ने किन मुद्दों पर ध्यान देने को कहा?
शाह ने कहा कि ये नहीं माना जाना चाहिए कि ये बदलाव भौगोलिक परिस्थिति के कारण हो रहा है, बल्कि ऐसा जानबूझकर साजिश के तहत किया जा रहा है। उन्होंने राज्यों के मुख्य सचिवों और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) से भी इस मुद्दे की ओर ध्यान देने को कहा।
शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने ये योजना सीमावर्ती गांवों से पलायन रोकने के लिए लांच की है। उन्होंने अरुणाचल प्रदेश का उदाहरण भी दिया, जहां इस योजना के अमल से तमाम सीमावर्ती गांवों की आबादी बढ़ गई। उन्होंने कहा कि ये हमारे देश के सीमावर्ती गांवों के लिए एक संदेश है कि सही दिशा में प्रयास से इन गांवों से पलायन को पलटा जा सकता है।
शाह ने बताया कि आइटीबीपी ने अरुणाचल के सीमावर्ती जीवंत गांवों से दूध, सब्जियां, अंडे और अनाज जैसी जरूरी चीजें खरीदनी शुरू कर दी हैं। इससे काफी बदलाव आया है। सेना भी गांवों के युवकों के लिए रोजगार सृजन की जिम्मेदारी निभा रही है।
अमित शाह का बड़ा बयान
शाह ने कहा कि देश के आखिरी गांव को पहले गांव के रूप में देखने के प्रधानमंत्री मोदी के नजरिये ने सीमावर्ती गांवों के प्रति लोगों का नजरिया भी बदल दिया है। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के जरिये गांवों में बुनियादी ढांचे के विकास को बढ़ावा देने, सांस्कृतिक संरक्षित और बेहतर बनाने, पर्यटन के जरिये रोजगार सृजन और ग्रामीण जीवन को हर तरह से जीवंत बनाने का प्रयास किया गया है।
इस योजना में बहुआयामी और बहु क्षेत्रीय विकास का विकास दृष्टि निहित है। गृह मंत्री ने कहा कि इन गांवों में दूरसंचार, सड़क कनेक्टिविटी, शिक्षा, स्वास्थ्य और स्वच्छ पेयजल की सुविधाएं मिलनी चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि वीवीपी केवल सरकारी कार्यक्रम न रह जाए, बल्कि इसे प्रशासन की भावना बनाने पर जोर देना है।
(समाचार एजेंसी PTI के इनुपट के साथ)
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