'SIR खतरनाक...' ममता बनर्जी के पत्र पर भड़के अमित शाह, बोले- घुसपैठियों को बचाने की कोशिश
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मुख्य चुनाव आयुक्त को लिखे शिकायत पत्र में एसआईआर अभियान को 'खतरनाक' बताया। इस पत्र के एक दिन बाद अमित शाह की प्रतिक्रिया सामने आई है। जिसमें उन्होंने कहा कुछ राजनीतिक दल घुसपैठियों को बचाने की कोशिश कर रहे हैं।

कुछ राजनीतिक दल घुसपैठियों को बचाने की कोशिश में (फाइल फोटो- जागरण)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देशभर के अलग-अलग राज्यों में चल रहा विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रकिया को लेकर राजनीतिक टकराव कम होने का नाम नहीं ले रहा है। हाल ही में पश्चिम मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एसआईआर प्रक्रिया को "अराजक, बलपूर्वक और खतरनाक" बताया।
वहीं, इसके ठीक एक दिन बाद गृह मंत्री अमित शाह की प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने कहा कि कुछ राजनीतिक दल राज्यों में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की प्रक्रिया में बाधा डालकर घुसपैठियों को बचाने की कोशिश कर रहे हैं।
हालांकि, केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने किसी राजनीतिक दल का नाम नहीं लिया, लेकिन उनकी यह टिप्पणी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के उस बयान के एक दिन बाद आई है, जिसमें उन्होंने एसआईआर प्रक्रिया को खतरनाक बताया था।
घुसपैठियों को बचाने में लगे हैं राजनीतिक दल
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक्स पर किए पोस्ट में लिखा, "भारत में घुसपैठ रोकना न केवल देश की सुरक्षा के लिए आवश्यक है, बल्कि देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था को प्रदूषित होने से बचाने के लिए भी घुसपैठ को रोकना आवश्यक है, लेकिन दुर्भाग्य से कुछ राजनीतिक दल इन घुसपैठियों को बचाने में लगे हैं और वे चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची में किए जा रहे शुद्धिकरण के खिलाफ हैं।"
भारत में घुसपैठ को रोकना न केवल देश की सुरक्षा के लिए जरूरी है, बल्कि देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था को प्रदूषित होने से बचाने के लिए भी घुसपैठ को रोकना जरूरी है।
— Office of Amit Shah (@AmitShahOffice) November 21, 2025
मगर दुर्भाग्य की बात है, कुछ राजनीतिक दल इन घुसपैठियों को बचाने के लिए यात्रा लेकर निकले हैं, और चुनाव आयोग द्वारा…
क्या बोली ममता बनर्जी?
गौरतलब है कि गुरुवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार को लिखे पत्र में कहा कि एसआईआर 'बेहद चिंताजनक स्थिति' में पहुंच गया है और आरोप लगाया कि यह अभियान 'अनियोजित, खतरनाक' तरीके से चलाया जा रहा है, जिसने 'पहले दिन से ही व्यवस्था को पंगु बना दिया है।'
ममता बनर्जी ने आगे लिखा कि जिस तरह से यह प्रक्रिया अधिकारियों और नागरिकों पर थोपी जा रही है, वह न केवल अनियोजित और अव्यवस्थित है, बल्कि खतरनाक भी है। बुनियादी तैयारी, पर्याप्त योजना या स्पष्ट संचार" के अभाव ने इस प्रक्रिया को अव्यवस्था में धकेल दिया है।
4 दिसंबर तक नहीं हो सकता अपलोड
ममता बनर्जी ने कहा कि अधिकांश बी.एल.ओ. प्रशिक्षण की कमी, सर्वर विफलताओं और बार-बार डेटा बेमेल होने के कारण ऑनलाइन फॉर्म भरने में संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि इस स्पीड से यह लगभग तय है कि 4 दिसंबर तक विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों के मतदाता डेटा को अपेक्षित सटीकता के साथ अपलोड नहीं किया जा सकेगा।
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उन्होंने आरोप लगाया कि अत्यधिक दबाव और दंडात्मक कार्रवाई के डर" के तहत, कई लोगों को "गलत या अधूरी प्रविष्टियां" करने के लिए मजबूर किया जा रहा है, जिससे वास्तविक मतदाताओं के मताधिकार से वंचित होने और "मतदाता सूची की अखंडता को नुकसान" पहुंचने का खतरा है।
Sharing herewith my latest letter to the Chief Election Commissioner, articulating my serious concerns in respect of the ongoing SIR.... pic.twitter.com/7cbOOQl7Ax
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) November 21, 2025

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