'एक राष्ट्र, एक चुनाव' पर पीएम करेंगे विपक्ष से चर्चा, इस पर आम राय बनाने की कर चुके हैं अपील
17वीं लोकसभा के पहले सत्र के मद्देनजर राज्यसभा में सर्वदलीय बैठक के बाद अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 जून को सभी राजनीतिक दलों के अध्यक्षों की बैठक बुलाई है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी ने अपने 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' के मुद्दे को आगे बढ़ाने और इसमें विपक्ष समेत सभी पक्षों को शामिल करने के लिए बैठक बुलाई है। इस मुद्दे पर सभी दलों के अध्यक्षों के साथ 19 जून को चर्चा होगी। सोमवार से शुरू हो रहे 17वीं लोकसभा के पहले संसद सत्र की पूर्व संध्या पर रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बैठक हुई।
संसद के इस सत्र में तीन तलाक समेत कई अहम बिल सरकार ला सकती है। सर्वदलीय बैठक के बाद केंद्रीय संसदीय कार्यमंत्री प्रहलाद जोशी ने बताया कि 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' के मसले पर चर्चा के लिए 19 जून की बैठक के लिए उन्होंने सभी राजनीति दलों को पत्र लिखकर आमंत्रित किया है। इस बैठक में वर्ष 2022 में भारत की आजादी के 75वें साल और महात्मा गांधी की 150वीं जयंती वर्ष की तैयारियों पर भी चर्चा होगी।
'एक देश, एक चुनाव' के मुद्दे को भाजपा पहले से ही जोर-शोर से उठाती रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई बार सार्वजनिक मंचों से कई बार इस मुद्दे को उठा चुके हैं। संसदीय कार्यमंत्री ने बताया कि 20 जून को प्रधानमंत्री मोदी ने लोकसभा और राज्यसभा के सभी सदस्यों को डिनर पर आमंत्रित किया है। प्रधानमंत्री सांसदों के साथ सभी मुद्दों पर खुलकर बातचीत करना चाहते हैं। इसके लिए सभी सांसदों को आमंत्रित किया गया है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री ने सभी दलों के प्रतिनिधियों से जनहित में काम करने की अपील की।
संसद के दोनों सदनों के सुचारू संचालन के लिए सरकार ने विपक्ष से सहयोग मांगा है। प्रधानमंत्री ने वर्ष 2022 तक नए भारत के निर्माण के लिए सभी दलों से मिलकर काम करने की अपील भी की है। सर्वदलीय बैठक के बाद पीएम मोदी ने भी ट्वीट किया, 'हमने आज लाभप्रद सर्वदलीय बैठक की, जो चुनाव नतीजों की घोषणा के बाद पहली और संसद सत्र के शुरू होने से पहले पहली बैठक थी। मूल्यवान सुझावों के लिए सभी सदस्यों का आभारी हूं। हम सभी संसद के सुचारू संचालन को लेकर सहमत हैं, ताकि लोगों की उम्मीदों को पूरा कर सकें।'
26 जुलाई तक चलेगा संसद सत्र
संसद का बजट सत्र 26 जुलाई तक चलेगा। इस दौरान पहले दो दिन 17 और 18 जून को लोकसभा के निर्वाचित सभी सदस्यों को शपथ दिलाई जाएगी। इसके लिए प्रोटेम स्पीकर के रूप में डॉ. वीरेंद्र कुमार का चयन कर लिया गया है। इसके बाद 19 जून को लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव होगा। 20 जून को राष्ट्रपति संसद के दोनों सदनों को संबोधित करेंगे। जबकि पांच जुलाई को सरकार अपना पूर्ण बजट पेश करेगी।
पहले होते रहे एक साथ चुनाव
- 1952 में लोकसभा और विधानसभाओं के पहले चुनाव एक साथ कराए गए।
- वर्ष 1957, 1962, 1967 के दौरान यही प्रक्रिया जारी रही।
- क्षेत्रीय दलों के उभार से बिगड़ा संतुलन। राज्यों को मध्यावधि चुनाव में उतरना पड़ा।
- वर्ष 1971 में इंदिरा गांधी ने लोकसभा का मध्यावधि चुनाव करा दिया।
- वर्ष 1980, 1991, 1998, 1999 में लोकसभा पहले ही भंग कर दिया गया।
- 1971 और 1984 में कांग्रेस ने लोकसभा को एक साल पहले ही भंग कर दिया।
- 1999 में विधि आयोग ने भी पांच साल में एक साथ चुनाव कराने की सलाह दी।
विदेशों में प्रावधान
इंग्लैंड : ब्रिटेन के इस राज्य में आम चुनाव और स्थानीय निकायों के चुनाव 1997 से एक साथ ही कराए जा रहे हैं।
इटली, बेल्जियम और स्वीडन जैसे यूरोपीय देशों में भी आम चुनाव के साथ स्थानीय चुनाव होते हैं।
कनाडा : यहां नगर पालिका के चुनाव की तारीख तय होती है।
दक्षिण अफ्रीका : राष्ट्रीय और प्रांतीय चुनाव एक साथ होते हैं।
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