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    'बूढ़ा है, कमजोर नहीं...', चाचा शरद पवार के लिए अजित पवार को छोटे भाई ने ही सुना दी खरी-खरी

    Ajit Pawar vs Srinivas Pawar अजित पवार ने कहा था कि शरद पवार को रिटायर होकर घर पर बैठ जाने चाहिए। अजित पवार की इस टिप्पणी पर उनके भाई ने कहा कि ऐसे व्यक्ति (शरद पवार) को संन्यास लेने और उनके घर पर रहने के लिए कहने का साहस कोई कैसे जुटा सकता है? मुझे ऐसे लोग पसंद नहीं है।

    By Agency Edited By: Piyush Kumar Updated: Tue, 19 Mar 2024 11:41 AM (IST)
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    शरद पवार के साथ में अजित पवार के भाई श्रीनीवास पवार खड़े हुए।(फोटो सोर्स: जागरण)

    पीटीआई, बारामती। Sharad Pawar vs Ajit Pawar। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी दो हिस्सों में बंटने के बाद चाचा शरद पवार और भतीजे अजित पवार के बीच जुबानी जंग चलती रहती है। हालांकि, इस बार चाचा-भतीजे के सियासी युद्ध में अजित पवार के छोटे भाई श्रीनिवास पवार ने उनके ही खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। 

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    सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रही है, जिसमें देखा जा सकता है कि श्रीनिवास बारामती के पास कटेवाड़ी में एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे।

    श्रीनिवास ने अपने भाई के लिए अजित पवार को नालायक मानूस (अयोग्य व्यक्ति) जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया। शरद पवार ने अजित पवार को चार बार उप मुख्यमंत्री बनाया। ऐसे परोपकारी बुजुर्ग के बारे में बुरा बोलना किसी के लिए भी अनुचित है।

    शरद पवार से साथ खड़े हुए श्रीनिवास पवार

    श्रीनिवास ने आगे कहा कि शरद पवार ने अजित पवार को चार बार उप मुख्यमंत्री बनाया लेकिन, अजित पवार पूछते रहे कि चाचा शरद पवार ने उनके लिए क्या किया है। श्रीनिवास पवार ने आगे कहा,"किसी को यह नहीं सोचना चाहिए कि कोई व्यक्ति बूढ़ा होने की वजह से कमजोर है।

    अजित के भाई ने चाचा की तारीफ की

    कुछ दिनों पहले अजित पवार ने कहा था कि शरद पवार को रिटायर होकर घर पर बैठ जाने चाहिए। अजित पवार की इस टिप्पणी पर उनके भाई ने कहा कि ऐसे व्यक्ति (शरद पवार) को संन्यास लेने और उनके घर पर रहने के लिए कहने का साहस कोई कैसे जुटा सकता है? मुझे ऐसे लोग पसंद नहीं है।

    सुप्रीम कोर्ट से शरद पवार गुट को लगा था झटका

    बताते चलें कि शरद पवार द्वारा स्थापित राकांपा पिछले साल जुलाई में तब विभाजित हो गई थी, जब अजित पवार और उनका समर्थन करने वाले विधायक एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार में शामिल हो गए थे। चुनाव आयोग ने बाद में अजित पवार के नेतृत्व वाली पार्टी को पार्टी का नाम 'एनसीपी' और चुनाव चिह्न 'घड़ी' आवंटित किया था, जबकि शरद पवार के नेतृत्व वाले गुट को अब एनसीपी (शरदचंद्र पवार) के नाम से जाना जाता है और उनके संगठन का प्रतीक 'तुरही बजाता आदमी' है।

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