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    इधर मोदी को समर्थन देने दिल्‍ली आए अजित पवार, उधर NCP में लग रही सेंध! शरद पवार की पार्टी बोली- हमारे संपर्क में कई MLA

    By Agency Edited By: Prateek Jain
    Updated: Fri, 07 Jun 2024 03:53 PM (IST)

    Maharashtra Politics एनसीपी प्रमुख अजित पवार अपने नव निर्वाच‍ित सांसद के साथ एनडीए संसदीय दल की बैठक में शामिल होने के लिए संविधान सदन में मौजूद हैं। इस बीच एनसीपी (शरद पवार) के नेता रोहित पवार ने कहा कि चर्चा है कि अजित पवार के विधायक संपर्क में हैं... कई लोग आने को तैयार हैं लेकिन प्राथमिकता वफादारों को दी जाएगी।

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    एनसीपी शरद पवार के नेता ने कहा- हमारे संपर्क में हैं NCP के कई MLA। (फाइल फोटो)

    पीटीआई, बारामती। एनसीपी प्रमुख अजित पवार अपने नव निर्वाच‍ित सांसद के साथ एनडीए संसदीय दल की बैठक में शामिल होने के लिए संविधान सदन में मौजूद हैं। इस बीच एनसीपी (शरद पवार) के नेता रोहित पवार ने कहा कि चर्चा है कि अजित पवार के विधायक संपर्क में हैं... कई लोग आने को तैयार हैं, लेकिन प्राथमिकता वफादारों को दी जाएगी। 

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    महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव नतीजों पर एनसीपी-एससीपी नेता रोहित पवार ने कहा क‍ि बीजेपी ने हमारी पार्टी तोड़ी, परिवार तोड़ा। जनता ने अब उन्हें जवाब दे दिया है।

    एनडीए को महाराष्‍ट्र में लगा झटका

    इस बार लोकसभा चुनाव में राज्‍य में एनडीए को बड़ा झटका लगा है। अलायंस की सीटें घटकर 17 रह गईं। इसमें भाजपा को 9, शिवसेना शि‍ंंदे गुट को 7 व एनसीपी को 1 सीट पर जीत मिली। 

    ऐसे टूटी एनसीपी, शरद पवार को नहीं मिला चुनाव चिह्न

    मालूम हो कि इस बार भतीजे अजित पवार ने चाचा शरद पवार से बगावत कर एनसीपी के ज्‍यादातर विधायक अपने साथ लेकर पार्टी पर दावा कर दिया और कोर्ट में केस जीत लिया। 

    इसके बाद अजित पवार के नेतृत्‍व वाली पार्टी को चुनाव चिह्न मिला और मुख्‍य एनसीपी हो गई। वहीं, शरद पवार की पार्टी को एनसीपी (शरद पवार) नाम मिला और चुनाव चिह्न बदल गया। अजित महाराष्‍ट्र में भाजपा और शिवसेना शि‍ंदे गुट की एनडीए सरकार का हिस्‍सा हैं। वे राज्‍य के डिप्‍टी सीएम हैं। 

    इसके पहले यही हाल शिवसेना का भी हुआ था, जहां एकनाथ श‍िंदे ने कई विधायकों के साथ भाजपा को समर्थन दिया और सीएम बन गए। वहीं, पार्टी पर दावा कर असली शिवसेना होने का दावा किया और चुनाव चिह्न हासिल किया। इस प्रकार उद्धव ठाकरे को अपनी पार्टी का नाम शिवसेना (उद्धव बाल ठाकरे) रखना पड़ा और चुनाव चिह्न भी बदलना पड़ा।