AIADMK में बड़ा सियासी ड्रामा, पलानीस्वामी ने अपने विधायक को पार्टी के सभी पदों से हटाया
AIADMK महासचिव ई.के. पलानीस्वामी ने पार्टी के वरिष्ठ नेता के.ए. सेंगोट्टैयन को सभी पदों से हटा दिया है। सेंगोट्टैयन एरोड सब-अर्बन जिले के संगठन सचिव और जिला सचिव के पद पर थे। पार्टी ने कहा कि यह फैसला तत्काल प्रभाव से लिया गया है और सेंगोट्टैयन ने भी इसे स्वीकार किया है। इससे पहले पलानीस्वामी ने डिंडिगुल में पार्टी नेताओं के साथ एक बैठक की थी।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) महासचिव ई.के. पलानीस्वामी ने शनिवार को बड़ा कदम उठाते हुए पार्टी के वरिष्ठ नेता और विधायक के.ए. सेंगोट्टैयन को पार्टी के सभी पदों से हटा दिया। सेंगोट्टैयन एरोड सब-अर्बन जिले के संगठन सचिव और जिला सचिव के पद पर थे।
पार्टी की ओर से जारी आधिकारिक बयान में कहा गया है कि उन्हें जिम्मेदारियों से तत्काल प्रभाव से मुक्त किया जाता है। दिलचस्प बात यह रही कि खुद सेंगोट्टैयन ने इस फैसले पर नाराजगी दिखाने के बजाय खुशी जताई। उन्होंने कहा कि यह निर्णय पार्टी के हित में है और वे इसे स्वीकार करते हैं।
होटल में हुई थी बैठक
इस बड़े कदम से पहले ई.क. पलानीस्वामी ने डिंडिगुल के एक होटल में वरिष्ठ नेताओं और पूर्व मंत्रियों के साथ एक घंटे से ज्यादा समय तक बैठक की थी। बैठक में दिंडिगुल श्रीनिवासन, नाथम विश्वनाथन, के.पी. मुनुसामी, एसपी वेलुमणि, कामराज, ओ.एस मणियन और विजयभास्कर शामिल रहे। इस मीटिंग के बाद पार्टी ने सेंगोट्टैयन को पदमुक्त करने का फैसला लिया।
सेंगोट्टैयन ने शुक्रवार को बयान दिया था कि पार्टी तभी मजबूत होगी और चुनाव जीत पाएगी जब वी.के. शशिकला, ओ. पन्नीरसेल्वम और टी.टी.वी दिनाकरन जैसे निष्कासित नेताओं को वापस लाया जाएगा।
सेगोट्टैयन ने क्या सुझाव दिया था?
उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद वरिष्ठ नेताओं ने भी पलानीस्वामी को यही सुझाव दिया था, लेकिन उन्होंने उस पर ध्यान नहीं दिया था। सेगोट्टैयन का कहना था कि 2016 के बाद से पार्टी के नतीजे अच्छे नहीं रहे हैं और अगर भाजपा से गठबंधन होता तो इस बार कम से कम 30 सीटें जीत सकते थे।
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