ममता की चिट्ठी के बाद सुवेंदु ने लिखा चुनाव आयोग को पत्र, राज्य में SIR जारी रखने की अपील की
पश्चिम बंगाल में चुनावी माहौल गरमाया हुआ है। ममता बनर्जी के पत्र के बाद, सुवेंदु अधिकारी ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर राज्य में एसआईआर (SIR) जारी रखने की मांग की है, ताकि निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित हो सके। उन्होंने चुनावों के दौरान हिंसा रोकने की बात कही।

सुवेंदु अधिकारी, ममता बनर्जी। (फाइल)
राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता: मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) को बंगाल में तत्काल रोकने की मांग करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार को पत्र लिखा था।
इसका विरोध करते हुए नेता प्रतिपक्ष व भाजपा विधायक सुवेंदु अधिकारी ने मुख्य चुनाव आयुक्त पत्र लिखा है। ममता के तीन पेज के पत्र के जवाब में सुवेंदु ने चार पन्ने की चिट्ठी लिखी है जिसमें उन्होंने लिखा कि ममता बनर्जी की राजनीति पर निशाना साधा और लिखा कि एसआइआर प्रक्रिया जारी रखी जाए।
सुवेंदु ने मुकुल राय का विधायक पद खारिज करने के हाल के हाई कोर्ट के आदेश का भी अपने पत्र में जिक्र किया है और लिखा कि यह सिर्फ वोट चुराने के बारे में नहीं है, बल्कि बनर्जी की राजनीति की शैली तो चुने हुए जनप्रतिनिधि को भी चुराना है। इसीलिए मुकुल राय की विधायकी को हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है।
सुवेंदु ने खारिज किया ममता का दावा
अपने पत्र में नेता प्रतिपक्ष ने ममता बनर्जी के उन दावों को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि एसआइआर को बंगाल में बिना प्लान के, अस्त-व्यस्त और खतरनाक तरीके से थोपा गया, जिससे आम लोगों में घबराहट पैदा हुई और चुनाव अधिकारियों, खासकर बूथ लेवल अधिकारियों (बीएलओ), पर बहुत ज्यादा काम का बोझ पड़ा है।
अपने पत्र में सुवेंदु ने दावा किया कि सीईसी को ममता बनर्जी की चिट्ठी एसआइआर के जरिए मतदाता सूची को साफ करने के अभियान को रोकने की एक कोशिश है और उनका पत्र पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित है जो असल में फर्जी है।
ममता अवैध फर्जी वोटरों को बचाने के लिए कोशिश कर रहीं- सुवेंदु
उन्होंने यह भी दावा किया कि राज्य में एसआइआर प्रक्रिया को रोकने के लिए सीईसी को लेटर भेजने का मुख्यमंत्री का कदम असली वोटरों को बचाने के लिए नहीं, बल्कि अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों के रूप में अवैध फर्जी वोटरों को बचाने के लिए डर में की गई एक कोशिश है।
इससे पहले गुरुवार को सुवेंदु अधिकारी ने एक बयान जारी कर आरोप लगाया था कि राज्य में बीएलओ पर दबाव एसआइआर से जुड़े काम के बोझ की वजह से नहीं है, जैसा कि मुख्यमंत्री बनर्जी ने दावा किया है, बल्कि जिला अधिकारी और जिला चुनाव अधिकारियों की तरफ से उन पर एसआइआर में गलत तरीकों का सहारा लेने के लिए बेवजह दबाव की वजह से है।
सुवेंदु ने आरोप लगाया कि पूर्व मेदिनीपुर, हुगली और पूर्वी बर्द्धमान जैसे जिलों में जिला अधिकारी और जिला चुनाव अधिकारी भी बीएलओ पर अपने आधिकारिक ओटीपी या तो डीएम के साथ या डेटा एंट्री आपरेटर के तौर पर नियुक्त सत्ताधारी तृणमूल के कार्यकर्ताओं को शेयर करने का दबाव डाला जा रहा है।
सुवेंदु का आरोप, सीएम चुनाव अधिकारी से करती हैं हर दिन बात
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी लगभग हर दिन राज्य के अतिरिक्त मुख्य चुनाव अधिकारी अरुण प्रसाद से फोन पर बात करती हैं और राज्य के मुख्य सचिव मनोज पंत के फोन से बात करती हैं।
नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने दिल्ली से बंगाल आए चुनाव आयोग की विशेष टीम से यह शिकायत की है। उन्होंने दावे के साथ शिकायत के जवाब में आयोग को सबूत भी सौंपे हैं। सुवेंदु ने एसआइआर में गड़बड़ियों के बारे में भी कुछ और आरोप भी लगाए हैं।

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