करूर भगदड़ के बाद पहली बार पब्लिक इवेंट में नजर आए एक्टर विजय, DMK पर जमकर बरसे
अभिनेता विजय करूर भगदड़ के बाद पहली बार सार्वजनिक रूप से दिखे। उन्होंने डीएमके पर भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद का आरोप लगाया, जिससे उनके राजनीति में प्रवेश की अटकलें तेज हो गईं। विजय के समर्थकों में भारी उत्साह देखने को मिला।

TVK लीडर विजय। (फाइल)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। तमिलगा वेत्री कझगम (TVK) लीडर विजय करूर भगदड़ हादसे के बाद पहली बार किसी पब्लिक फोरम पर नजर आए। उन्होंने रविवार को कांचीपुरम के पास एक इनडोर मीटिंग को एड्रेस किया।
अभिनेता से नेता बने विजय, जो अपनी करूर रैली के दौरान भगदड़ में 41 लोगों की मौत के बाद से पब्लिक इवेंट्स से दूर रहे थे, उन्होंने DMK पर निशाना साधते हुए एक तीखा पॉलिटिकल भाषण दिया।
विजय ने इंनडोर मीटिंग को किया संबोधित
TVK ने पहले 4 दिसंबर को सलेम से विजय का कैंपेन शुरू करने का प्लान बनाया था लेकिन, कार्तिक दीपम फेस्टिवल और दूसरी लॉजिस्टिक चिंताओं का हवाला देते हुए, पुलिस ने सलाह दी कि सलेम रैली को टाल दिया जाए। इसके चलते पार्टी ने सुंगुवरछत्रम के एक प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेज में पूरी तरह से इनडोर मीटिंग रखी।
इसमें कांचीपुरम जिले से सिर्फ 2,000 लोगों को ही एंट्री दी गई थी, जिनमें से हर एक के पास QR-कोड वाला पास था। पार्टी ने जोर दिया कि यह सेशन कोई पब्लिक रैली नहीं थी, बल्कि एक कंट्रोल्ड इनडोर बातचीत थी।
विजय ने डीएमके पर साधा निशाना
सभा को संबोधित करते हुए, विजय ने बार-बार सीएन अन्नादुरई और MGR का जिक्र किया और कहा कि उनकी पॉलिटिकल यात्रा उनके आदर्शों से प्रेरित है। उन्होंने पूछा, "अन्नैयार का जन्म इसी जिले में हुआ था। MGR ने उन्हें पार्टी के झंडे पर रखा क्योंकि उन्हें उनके विजन पर भरोसा था। लेकिन जिन लोगों को उनकी पार्टी विरासत में मिली, वे आज क्या कर रहे हैं?"
पर्सनली, मेरी किसी से कोई दुश्मनी नहीं- विजय
विजय ने कहा कि TVK के प्रति रूलिंग पार्टी की दुश्मनी उन्हें रोक नहीं पाएगी। उन्होंने कहा, "पर्सनली, मेरी किसी से कोई दुश्मनी नहीं है। वे मुझसे नफरत कर सकते हैं, लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। लेकिन अगर वे झूठ बोलकर और अच्छा करने का दिखावा करके पावर में आते हैं, तो हम चुप कैसे रह सकते हैं? हम उनसे सवाल करेंगे।"
TVK लीडर ने कांचीपुरम से एक सिंबॉलिक लिंक जोड़ते हुए याद किया कि कैसे उन्होंने एयरपोर्ट के विरोध प्रदर्शनों के दौरान परंदूर में अपना पहला फील्ड विजिट शुरू किया था। उन्होंने कहा, "दिल में दर्द के साथ, मैं आज अन्ना के जन्मस्थान पर खड़ा हूं," और कहा कि पॉलिटिक्स में उनके आने का सिर्फ एक मकसद था- "सभी तमिल लोगों की भलाई के लिए काम करना।"
(समाचार एजेंसी आइएएनएस के इनपुट के साथ)

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