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    91 सांसदों वाले 11 राजनीतिक दल राजग और 'इंडिया' से अलग, 2024 में निभा सकते हैं अहम भूमिका

    By Agency Edited By: Ashisha Singh Rajput
    Updated: Thu, 20 Jul 2023 12:10 AM (IST)

    लोकसभा में आंध्र प्रदेश तेलंगाना और ओडिशा से कुल 63 सदस्य चुनकर पहुंचते हैं। इन तीनों राज्यों की सत्तारूढ़ पार्टियां क्रमश वाईएसआर कांग्रेस भारत राष्ट ...और पढ़ें

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    लोकसभा में आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और ओडिशा से कुल 63 सदस्य चुनकर पहुंचते हैं।

    नई दिल्ली, पीटीआई। देश में भले ही 65 राजनीतिक दलों ने राजग और नव गठित इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव एलायंस (इंडिया) दोनों में से किसी एक मोर्चे का साथ चुन लिया है लेकिन 11 महत्वपूर्ण दल अभी ऐसे भी हैं जो किसी पाले में नहीं हैं। इन 11 दलों के कुल 91 सांसद हैं और अपने-अपने असर वाले राज्यों में ये दल प्रभावी स्थिति में हैं।

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    कौन सी पार्टियां गठबंधनों से दूर

    लोकसभा में आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और ओडिशा से कुल 63 सदस्य चुनकर पहुंचते हैं। इन तीनों राज्यों की सत्तारूढ़ पार्टियां क्रमश: वाईएसआर कांग्रेस, भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) और बीजू जनता दल (बीजेडी) दोनों गठबंधनों से दूर हैं। यहां बता दें कि कांग्रेस और 25 विपक्षी दलों ने मंगलवार को बेंगलुरु में बैठक कर अपने गठबंधन का नाम 'इंडिया' तय किया था।

    बसपा का उत्तर प्रदेश में मुख्य आधार

    दूसरी तरफ, मंगलवार को ही भाजपा के नेतृत्व वाले राजग की नई दिल्ली में बैठक हुई थी और इसमें 39 दल शामिल हुए। वाईएसआर कांग्रेस, बीआरएस और बीजेडी के अलावा बसपा भी एक ऐसी महत्वपूर्ण पार्टी है, जिसने तटस्थ रुख अपनाया है। बसपा का उत्तर प्रदेश में मुख्य आधार है और कई अन्य राज्यों में भी उसकी मौजूदगी है। वह एक राष्ट्रीय पार्टी है और लोकसभा में उसके नौ सदस्य हैं।

    ये पार्टियां अभी किसी गठबंधन का हिस्सा नहीं

    बसपा प्रमुख मायावती ने बुधवार को कहा कि उनकी पार्टी 2024 के लोकसभा चुनावों के साथ ही राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में विधानसभा चुनाव अकेले लड़ेगी। आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआइएमआइएम), तेलुगु देसम पार्टी (टीडीपी), शिरोमणि अकाली दल (शिअद), आल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआइयूडीएफ), जनता दल (एस), राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी और शिरोमणि अकाली दल (मान) भी अभी किसी गठबंधन का हिस्सा नहीं हैं।

    वाईएसआर कांग्रेस और बीजद ने ज्यादातर मौकों पर संसद में सत्तापक्ष के समर्थन में मतदान किया है। बीजेडी प्रमुख और ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने राज्य में केंद्रीय योजनाओं को पर्याप्त समर्थन न देने के लिए भाजपा की आलोचना की है और पार्टी के सांसदों से गुरुवार को शुरू होने जा रहे संसद के मानसून सत्र में यह मुद्दा जोरशोर से उठाने के लिए कहा है।