BRICS Summit 2022: ब्रिक्स में एक मंच साझा करेंगे पीएम मोदी, पुतिन और चिनफिंग, वर्चुअली होगा बैठक का आयोजन
ब्रिक्स शिखर बैठक के बाद जारी होने वाले घोषणा पत्र में यूक्रेन को लेकर खाद्य आपूर्ति को लेकर और ऊर्जा कीमतों को लेकर क्या कहा जाता है इस पर अमेरिका व ...और पढ़ें

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली: यूक्रेन-रूस युद्ध होने के बाद पहली बार एक मंच पर रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ पीएम नरेन्द्र मोदी होंगे। हालांकि यह मंच वर्चुअल होगा। ब्रिक्स देशों की इस साल की शिखर बैठक 23-24 जून को होगी जिसमें उक्त तीनों देशों के प्रमुखों के साथ ब्राजील व दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति भी हिस्सा लेंगे।
ब्रिक्स शिखर बैठक के बाद जारी होने वाले घोषणा पत्र में यूक्रेन को लेकर, खाद्य आपूर्ति को लेकर और ऊर्जा कीमतों को लेकर क्या कहा जाता है, इस पर अमेरिका व यूरोपीय देशों की भी नजर होगी। यह भी उल्लेखनीय तथ्य है कि चीन की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक में ब्रिक्स के लिए वर्ष 2030 तक का एजेंडा भी तय किया जाना है। यह बैठक इस बात का भी उदाहरण होगी कि भारत किस तरह से वैश्विक मुद्दों पर किसी भी धुरी में शामिल नहीं होते हुए अपने रणनीतिक हितों की रक्षा करने में जुटा है।
ब्रिक्स शिखर बैठक के कुछ ही दिनों बाद यानी 26 से 28 जून, 2022 को समूह-7 देशों की शिखर बैठक जर्मनी में होने वाली है। पीएम मोदी को भी इसमें शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है। इस तरह से हफ्ते भर के भीतर पीएम मोदी एक तरफ चीन व रूस के नेताओं के साथ बैठक करेंगे दो दूसरी तरफ इन दोनो देशों के गठबंधन के खिलाफ लामबंद होने वाले अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जापान, कनाडा (नाटो सदस्य) के प्रमुखों के साथ भी मुलाकात करेंगे।
भारत सिर्फ ब्रिक्स के साथ ही नहीं बल्कि चीन व रूस की सदस्यता वाले शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में भी सक्रियता से हिस्सा ले रहा है। शुक्रवार को ही नई दिल्ली में एससीओ के सदस्य देशों की बैठक हुई जिसमें चीन, रूस, पाकिस्तान के अधिकारियों ने हिस्सा लिया। इस बैठक में चीन की तरफ से अगले वर्ष सभी देशों की सीमा सुरक्षा एजेंसियों के बीच एक कार्यक्रम आयोजित करने का प्रस्ताव रखा गया जिसका भारत ने भी समर्थन किया। इस कार्यक्रम को सोलिडेरिटी -2023 नाम दिया गया है। इस बैठक में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के डायरेक्टर जनरल पंकज कुमार सिंह ने हिस्सा लिया। बैठक भारत की ही अध्यक्षता में हुई।
पहली एससीओ के सदस्य देशों के सीमा सुरक्षा बलों के बीच बेहतर सामंजस्य बनाने की कोशिश की जा रही है। सनद रहे कि एससीओ की शिखर बैठक भी सितंबर, 2022 में होने वाली है। इसमें उक्त चारों देशों के अलावा उज्बेकिस्तान, ताजिकिस्तान, किर्गिजस्तान, काजिकिस्तान भी सदस्य है।

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