Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    गलवन घाटी में हुई झड़प पर चीन ने फिर की गलतबयानी, भारत ने दिया करारा जवाब, जानें क्‍या कहा

    By Krishna Bihari SinghEdited By:
    Updated: Sat, 25 Sep 2021 01:19 AM (IST)

    विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता अरिंदम बागची ने शुक्रवार को कहा कि गलवन घाटी में हुई घटना सभी द्विपक्षीय समझौतों के उल्लंघन में यथास्थिति को बदलने के लिए चीनी पक्ष की एकतरफा कोशिश का नतीजा थी। इसकी वजह से ही एलएसी पर शांति में बाधा पैदा हुई।

    Hero Image
    भारत ने साफ किया है कि गलवन घाटी में हुई हिंसक झड़प चीनी सेना के आक्रामक व्‍यवहार का नतीजा थी।

    नई दिल्ली, जेएनएन। क्वाड देशों के प्रमुखों की अमेरिका में होने वाली बैठक से कुछ घंटे पहले चीन ने गलवन घाटी में पिछले वर्ष के घटनाक्रम पर बेहद भड़काऊ बयान दिया है। चीन ने इस घटना की पूरी जिम्मेदारी एक बार फिर भारत पर डालने की कोशिश की है। चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि भारत की तरफ से समझौते का उल्लंघन करके उसकी सीमा में अतिक्रमण किया गया था। भारत ने इस बयान को सिरे से खारिज किया है और कहा है कि इस घटनाक्रम के बारे की स्थिति चीन के विदेश मंत्री वांग ई के समक्ष भी स्पष्ट की जा चुकी है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    हैरान करने वाला है चीन का बयान 

    चीन के विदेश मंत्रालय का बयान इसलिए आश्चर्यजनक है कि एक पखवाड़े पहले ही दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच हुई मुलाकात में सीमा विवाद सुलझाने को लेकर काफी सकारात्मक बातचीत हुई थी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा है कि हम इस तरह के बयान को खारिज करते हैं। लद्दाख स्थित वास्तविक नियंत्रण रेखा पर पिछले वर्ष जो घटनाक्रम हुए थे, उस पर हम अपनी स्थिति कई बार स्पष्ट कर चुके हैं। यह चीन की तरफ से भड़काने वाले व्यवहार का नतीजा था, जिसकी वजह से द्विपक्षीय समझौतों के तहत बनी स्थिति को बदलने की कोशिश की गई थी।

    चीन की करतूत से द्विपक्षीय रिश्ते प्रभावित 

    इससे द्विपक्षीय रिश्तों पर काफी असर पड़ा है। इस महीने चीन के विदेश मंत्री के साथ मुलाकात में विदेशी मंत्री एस जयशंकर ने इसे साफ तौर पर बताया था। विदेश मंत्री ने कहा था कि दोनों देशों के बीच अमन व शांति के लिए यह कितना जरूरी है। हमें उम्मीद है कि चीनी पक्ष भारत की उम्मीदों पर खरा उतरेगा और द्विपक्षीय रिश्तों में सुधार के लिए इस सीमा विवाद को जल्द से जल्द सुलझाने का काम करेगा।

    सैनिकों की वापसी में प्रगति जरूरी 

    उल्‍लेखनीय है कि विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने बीते दिनों दुशांबे में शंघाई सहयोग संगठन (Shanghai Cooperation Organization) के सम्मेलन से इतर अपने चीनी समकक्ष वांग यी (Wang Yi) के साथ बैठक की थी। इस बैठक में उन्‍होंने कहा कि पूर्वी लद्दाख में सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया में प्रगति शांति बहाली के लिए जरूरी है। यह द्विपक्षीय संबंधों का भी आधार है। भारतीय विदेश मंत्री ने अपने चीनी समकक्ष से यह भी कहा था कि भारत शांति का हिमायती है और वह किसी भी टकराव में हिस्‍सा नहीं लेता है।