रणनीतिक साझेदारी को मजबूती देने आज इजरायल जाएंगे विदेश मंत्री एस जयशंकर, जानें चार दिवसीय यात्रा का एजेंडा
विदेश मंत्री एस. जयशंकर रविवार को इजरायल की चार दिवसीय यात्रा पर रवाना होंगे। यह जयशंकर की पहली इजरायल यात्रा तो होगी। यही नहीं इजराइल में सत्ता परिवर्तन होने के बाद किसी उच्चस्तरीय भारतीय मंत्री की यह पहली यात्रा होगी।
नई दिल्ली, जेएनएन। विदेश मंत्री एस.जयशंकर रविवार को चार दिवसीय यात्रा पर इजरायल के लिए रवाना होंगे। यह जयशंकर की पहली इजरायल यात्रा तो होगी ही साथ ही वहां सत्ता परिवर्तन होने के बाद भी किसी उच्चस्तरीय भारतीय मंत्री की यह पहली यात्रा होगी। गौर करने वाली बात यह है कि विदेश मंत्री एस जयशंकर की यह यात्रा ऐसे वक्त में हो रही है जब पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर चीन के साथ गतिरोध बना हुआ है। यही नहीं चीन अपने इलाके में स्थाई ढांचों का निर्माण भी कर रहा है।
द्विपक्षीय रिश्तों को मिलेगा नया आयाम
माना जा रहा है कि पूर्व पीएम बेंजामिन नेतान्याहू और भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी ने द्विपक्षीय रिश्तों को परवान चढ़ाने का जो काम किया था उसे आगे ले जाने का माहौल विदेश मंत्री की यात्रा से बनेगा। अभी पीएम मोदी और नए नफ्ताली बेनेट के बीच द्विपक्षीय मुलाकात भी नहीं हुई है।
यह है कार्यक्रमों का शेड्यूल
जयशंकर इस यात्रा के दौरान विदेश मंत्री याइर लापिड के साथ द्विपक्षीय वार्ता तो करेंगे ही साथ ही वो इजरायली पीएम बेनेट, राष्ट्रपति इसाक हरजोग से अलग अलग मुलाकात करेंगे। इजरायल में रहने वाले भारतीय मूल के यहूदी समुदाय के लोगों और वहां शिक्षा हासिल करने के उद्देश्य से गये भारतीय छात्रों के साथ भी उनकी अलग से बैठक होनी है।
संबंधों में आई है मजबूती
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वर्ष 2017 की इजरायल यात्रा के बाद दोनों देशों के रिश्ते पहले के मुकाबले और मजबूत हुए हैं। खास तौर पर विज्ञान व तकनीकी, स्वास्थ्य, अंतरिक्ष और रक्षा क्षेत्र में दोनों देशों के बीच कई समझौते हुए हैं। पिछले कुछ वर्षों से इजरायल लगातार भारत को रक्षा उपकरण निर्यात करने वाला प्रमुख देश बना हुआ है।
दोनों देश कर रहे एक दूसरे का सहयोग
इजरायल की रक्षा उपकरण निर्माता कंपनियां भारत की मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत निवेश करने के मामले में सबसे आगे हैं। दोनों देश एक दूसरे को रणनीतिक साझेदार मानते हैं और कोरोना महामारी के खिलाफ भी एक दूसरे की मदद कर रहे हैं। दोनों देशों के वैज्ञानिकों के बीच कोरोना जैसी दूसरी महामारी के लिए टीका बनाने को लेकर भी सहयोग चल रहा है।