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    विदेश मंत्री एस. जयशंकर बोले- संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता का भारत प्रबल दावेदार

    By Krishna Bihari SinghEdited By:
    Updated: Mon, 12 Sep 2022 05:58 PM (IST)

    विदेश मंत्री एस. जयशंकर का कहना है कि भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनने का प्रबल हकदार है। उन्‍होंने यह भी कहा कि सुरक्षा परिषद को प्रासंगिक बने रहने के लिए तेजी से बदल रही वैश्विक परिस्थितियों के अनुकूल होना चाहिए।

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    एस. जयशंकर ने कहा है कि भारत यूएनजीसी का स्थायी सदस्य बनने का प्रबल दावेदार है।

    रियाद, एजेंसी। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा है कि भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनजीसी) का स्थायी सदस्य बनने का प्रबल दावेदार है। सुरक्षा परिषद को न सिर्फ अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा कायम रखने के अपने उद्देश्यों की पूर्ति, बल्कि प्रासंगिक बने रहने के लिए भी बदलती वैश्विक परिस्थितियों के अनुकूल होना चाहिए। बतौर विदेश मंत्री सऊदी अरब की अपनी पहली यात्रा के दौरान जयशंकर ने कहा कि भारत लंबे समय से सुरक्षा परिषद में सुधार के प्रयासों में सबसे आगे रहा है और उसका स्थायी सदस्य बनने का हकदार है।

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    सुधार की आवश्यकता पर व्यापक वैश्विक सहमति

    सुरक्षा परिषद वर्तमान स्वरूप में 21वीं सदी की भू-राजनीतिक यथार्थ का प्रतिनिधित्व नहीं करती। यही वजह है कि इसमें सुधार की आवश्यकता पर व्यापक वैश्विक सहमति है। यूएनजीसी का विस्तार न सिर्फ भारत, बल्कि अन्य गैर-प्रतिनिधित्व वाले क्षेत्रों के भी पक्ष में है।

    सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनने का मजबूत दावेदार भारत

    समाचार पत्र सऊदी गजट को दिए गए साक्षात्कार में जयशंकर ने कहा, 'भारत सबसे बड़े लोकतंत्र, पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था, परमाणु शक्ति संपन्न, प्रौद्योगिकी हब व वैश्विक संपर्क की परंपरा वाले देश के रूप में सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनने का मजबूत दावेदार है।'

    सऊदी अरब की भूमिका काफी अहम

    जेद्दा स्थित अंग्रेजी दैनिक से बातचीत में जयशंकर ने कहा कि आज की वैश्विक अर्थव्यवस्था में सऊदी अरब की भूमिका काफी अहम है। इसका आधार सिर्फ उसका विकास नहीं है, बल्कि ऊर्जा बाजार में उसकी व्यापक पैठ भी है। उन्होंने कहा कि खाड़ी देश भारत के अहम आर्थिक साझेदार भी हैं।

    भारत का कारोबार 42.86 डालर से ज्यादा

    वित्तीय वर्ष 2021-22 में खाड़ी देशों के साथ भारत का कारोबार 42.86 डालर से ज्यादा रहा। जयशंकर दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा के लिए शनिवार को तीन दिवसीय यात्रा पर सऊदी अरब पहुंचे थे।

    क्राउन प्रिंस को सौंपा पीएम मोदी का लिखित संदेश

    जयशंकर ने रविवार को सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान से मुलाकात की और उन्हें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का लिखित संदेश सौंपा। उन्होंने क्राउन प्रिंस को द्विपक्षीय संबंधों में हुई प्रगति से अवगत भी कराया। जयशंकर ने इससे पहले अपने समकक्ष प्रिंस फैजल बिन फरहान से मुलाकात की और उनके साथ मौजूदा वैश्विक राजनीति व आर्थिक मुद्दों पर बातचीत की।

    एकजुटता के साथ काम करने का लिया संकल्‍प

    दोनों नेताओं ने अंतरराष्ट्रीय समूह जी-20 के साथ-साथ अन्य समूहों में करीब से काम करने का संकल्प लिया। उन्होंने भारत-सऊदी अरब रणनीतिक साझेदारी के अंतर्गत राजनीतिक, सुरक्षा, सामाजिक व सांस्कृतिक सहयोग (पीएसएससी) मामलों पर गठित समिति की बैठक की साझी अध्यक्षता भी की।