पाक के नए राजदूत सोहेल महमूद को लेकर पॉजिटिव है भारत
पाकिस्तान ने सोहेल महमूद को भारत में अगले उच्चायुक्त के रूप में नियुक्त किया है। महमूद को लेकर भारत आशान्वित है और उम्मीद करता है कि वे बासित की तरह नहीं होंगे।
नई दिल्ली (जेएनएन)। पाकिस्तानी राजनयिक सोहेल महमूद भारत के नये उच्चायुक्त के तौर पर पद संभालेंगे। फिलहाल महमूद राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद के साथ मुलाकात का इंतजार कर रहे हैं ताकि अपने तमाम प्रमाण पत्रों को प्रस्तुत कर सकें।
भारत आशा कर रहा है कि द्विपक्षीय मामलों पर महमूद अपने पूर्ववर्ती अब्दुल बासित की तरह नहीं होंगे। सोहेल महमूद मौजूदा उच्चायुक्त अब्दुल बासित की जगह लेंगे। बता दें कि अब्दुल बासित लगातार अपने बयानों को लेकर चर्चा में बने रहे जिसके लिए भारत ने लगातार उनकी निंदा की है। बासित को भारत में 2014 में पाकिस्तान का राजदूत नियुक्त किया गया था।
पाकिस्तान विदेश सेवा में सीनियर अधिकारियों में से एक महमूद, अब्दुल बासित की जगह लेंगे, जो चार वर्षों तक यहां पाकिस्तान के उच्चायुक्त रहे। महमूद साल 1985 में विदेश सेवा में शामिल हुए थे। उनकी विदेश में पहली तैनाती पाकिस्तानी दूतावास अंकारा में हुई थी जहां वो 1991 से 1994 तक सेकेंड सेक्रेटरी रहे। महमूद 2009-2013 तक थाईलैंड में पाकिस्तान के राजदूत रहे। उन्होंने इस्लामाबाद में कायदे आज़म विश्वविद्यालय से इतिहास और कोलंबिया विश्वविद्यालय से अंतरराष्ट्रीय मामलों में मास्टर डिग्री ली।
गौर करने वाली बात यह है कि राजनयिक सूत्रों के अनुसार महमूद ने चीनी राजदूत लुओ झाहुई से गत हफ्ते मुलाकात की। इस मुलाकात को आगामी ब्रिक्स सम्मेलन से जोड़कर देखा जा रहा है जहां फिर से भारत की ओर से डोकलाम मामले पर चीन-भारत के बीच विवाद व आतंकवाद के मुद्दे पर इस्लामाबाद को अलग-थलग करने की काशिश की उम्मीद है। बासित ने भी लुओ व भूटान के राजदूत वेटसोम नामगयेल से मुलाकात कर डोकलाम के हालात पर चर्चा की। इन मुलाकातों के बारे में पाकिस्तानी अधिकारियों ने कुछ नहीं बताया है। गोवा में हुए पिछले ब्रिक्स सम्मेलन में चीन ने भारत के आतंकी ग्रुपों जैसे लश्कर ए तैयबा और जैश ए मोहम्मद जैसे मामलों पर कुछ नहीं कहा था।
विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने अपने रूसी समकक्षों को डोकलाम मामले पर भारत की स्थिति के बारे में बता दिया है कि विवादित क्षेत्र में चीन यथापूर्व स्थिति को बदलने की एकतरफा कोशिश कर रहा है। रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन के अफगानिस्तान के लिए विशेष राजदूत जमीर काबूलोव ने पाकिस्तान पर दबाव बनाने के लिए ट्रंप की निंदा की और कहा मामलों से डील करने के लिए एकमात्र पाकिस्तान ही क्षेत्रीय खिलाड़ी है। पिछले हफ्ते काबुलोव ने रूस के अफगानिस्तान दैनिक से बताया, ‘पाकिस्तान पर बनते दबाव के कारण इस क्षेत्र की सुरक्षा की स्थिति में गंभीर अस्थिरता पैदा हो सकती है और परिणामस्वरूप अफगानिस्तान को नकारात्मक परिणामों को भुगतना होगा।‘
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