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    Abdul Rehman Makki: जानिए- कौन है पाकिस्‍तान में छिपा आतंकी मकी, अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित की राह में चीन बड़ी बाधा

    By TilakrajEdited By:
    Updated: Fri, 17 Jun 2022 03:32 PM (IST)

    यूएन में एलईटी के आतंकी अब्दुल रहमान मकी को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित करने का प्रस्ताव भारत व अमेरिका ने किया था पेश। लेकिन चीन की खतरनाक सोच के कारण ऐसा संभव नहीं हो पाया है। पाकिस्‍तान भी मकी इस समय पाकिस्‍तान में छिपा है।

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    पाकिस्तान सरकार ने वर्ष 2019 में मकी को आतंकीवारदातों को अंजाम देने के जुर्म में गिरफ्तार भी किया था

    नई दिल्ली, जयप्रकाश रंजन। आतंकवाद का मुकाबला करने को लेकर चीन की कथनी व करनी में अंतर एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने आ गया है। सयुंक्त राष्ट्र में लश्कर के आतंकी अब्दुल रहमान मकी को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित करने के भारत और अमेरिका का प्रस्ताव चीन की वजह से पारित नहीं हो सका।

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    मकी को भारत और अमेरिका ने पहले ही अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित कर रखा है। यह पहली बार नहीं है कि चीन ने ऐसा किया है, इसके पहले जैश ए मोहम्मद के सरगान मौलाना मसूद अजहर पर यूएन का प्रतिबंध लगाने की भारत की कोशिशों पर भी चीन तकरीबन दो वर्षों तक रोड़ा डालता रहा। यह भी उल्लेखनीय है कि दो दिन पहले ही ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की बैठक में आतंकवाद का मुद्दा उठा था और चीन ने इसमें दूसरे सदस्यों के साथ मिल कर आतंकवाद के खिलाफ सहयोग का वादा किया था।

    विदेश मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि भारत और अमेरिका ने एक जून, 2022 को संयुक्त तौर पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के तहत गठित अल-कायद व आइएसआइएल प्रतिबंध समिति के तहत यूएनएससी 1267 समिति की तरफ से अब्दुल मकी को प्रतिबंधित करने का प्रस्ताव पेश किया था। अब्दुल रहमान मकी लश्कर ए तैयबा (नया नाम जमात उल दावा) के राजनीति प्रकोष्ठ का मुखिया है। उसने एलईटी के अंतरराष्ट्रीय संबंधों का मुखिया भी है। वह लश्कर के सरगना हाफिज मोहम्मद सईद का करीबी रिश्तेदार भी है।

    मकी मुख्य तौर पर भारत के खिलाफ आतंकियों को तैयार करनें आवश्यक फंडिंग को जुटाने व जम्मू व कश्मीर में आतंकी वारदातों को अंजाम देने से जुड़ा रहा है। लश्कर ए तैयबा ने अभी तक भारत में कई बड़े आतंकी वारदातों को अंजाम दिया है जिसमें वर्ष 2000 का लाल किला हमला, वर्ष 2008 का रामपुर कैंप पर हमला, वर्ष 2018 में बारामुला, श्रीनगर हमला व बांदीपोरा हमले शामिल हैं।

    यह भी उल्लेखनीय तथ्य है कि पाकिस्तान सरकार ने वर्ष 2019 में मकी को आतंकीवारदातों को अंजाम देने के जुर्म में गिरफ्तार भी किया था। तब पाकिस्तान पर फाइनेंशिएल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) का दबाव था। बाद में पाकिस्तान की एक कोर्ट ने मकी को आतंकी गतिविधियों को वित्तीय सुविधा देने का दोषी ठहराते हुए सजा भी सुनाई है। लेकिन इसके बावजूद चीन अपने मित्र देश पाकिस्तान को और ज्यादा किरकिरी से बचाने के लिए मकी के खिलाफ लाये गये प्रस्ताव को रद्द करवाने का काम किया है। चीन की तरफ से 16 जून, 2022 को उक्त प्रस्ताव रोकने के लिए तकनीकी वजहों को कारण बताया गया है। जबकि मकी के आतंकी संबंधों के खिलाफ ठोस सबूत हैं। भारत ने चीन के इस कदम को बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है।

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