मुश्किल घड़ी में दुनिया के कई देशों के लिए संकटमोचन बना भारत, हर कोई कर रहा सलाम
भारत मुश्किल घड़ी में दुनिया के कई देशों के लिए फरिश्ता बना हुआ है। दुनिया के 16 देशों ने भारत से हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा की मांग की है।
नई दिल्ली। एक तरफ पूरी दुनिया कोरोना के कहर से जूझ रही है तो वहीं दूसरी तरफ इस मुश्किल घड़ी में भारत द्वारा की गई मदद को हर कोई सलाम कर रहा है। आपको यहां पर ये भी बता दें कि पूरी दुनिया में कोरोना वायरस की वजह से 96785 मौत हो चुकी हैं। अब तक पूरी दुनिया में इसके 1614251 मामले सामने आ चुके हैं। अकेले अमेरिका में ही इसके मरीजों की संख्या 468895 तक पहुंच गई है। यहां पर अब तक 16697 लोगों की जान चली गई है। पूरी दुनिया में इसका सबसे बड़ा शिकार अमेरिका ही है। इसके अलावा इससे पीडि़त टॉप 10 देशों की सूची में स्पेन, इटली, जर्मनी, फ्रांस, चीन, ईरान, ब्रिटेन, तुर्की और बेल्जियम का नाम शामिल है। ऐसे में भारत दुनिया के कई देशों के लिए संकटमोचन बनकर सामने आया है। यही वजह है कि भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी की हर जगह तारीफ हो रही है। आपको यहां पर ये भी बता दें कि कुछ समय पहले जर्मनी के लिए जरूरी सामान ले जा रहा एयर इंडिया का विमान जब पाकिस्तान की हवाई सीमा में घुसा था तब वहां के एटीसी ने कहा था कि एयर इंडिया पर उन्हें गर्व है।
आपको बता दें कि जब अमेरिका में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा के उपयोग को इस वायरस के इलाज में कारगर बताने की चर्चा शुरू हुई है तब से लेकर अब तक दुनिया के करीब 16 देश इस दवा को भारत से खरीदने की मांग कर रहे हैं। इसको लेकर सबसे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति ने फोन कर पीएम मोदी से आग्रह किया था। शुरुआत में उन्हों कुछ तीखी बातें भी कहीं थी लेकिन दवा की खेप मिलने के साथ ही उनके सुर बदल गए। उन्होंने व्हाइट हाउस की प्रेस कांफ्रेंस में मोदी की जमकर तारीफ की और साथ ही अपने ट्वीट में लिखा कि मुश्किल हालात में दोस्तों के बीच और सहयोग की जरूरत पड़ती है।
हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन पर फैसला लेने के लिए भारत और उसके लोगों को धन्यवाद। इसे हम कभी नहीं भुला सकते। इस सहयोग के लिए प्रधानमंत्री मोदी को शुक्रिया। इस पर पीएम नरेंद्र मोदी ने जवाब देते हुए लिखा था कि वह राष्ट्रपति ट्रंप की बात से पूरी तरह से सहमत हैं। ऐसे समय दोस्तों को करीब लाते हैं। भारत-अमेरिका की साझेदारी पहले से ज्यादा मजबूत है। भारत इस महामारी के खिलाफ मानवता की लड़ाई में मदद का हर संभव प्रयास करेगा और हम जीतेंगे।
पीएम मोदी की ऐसी ही तारीफ के पुल ब्राजील के राष्ट्रपति बोल्सोनारों ने भी बांधे थे, जब उन्हें इस दवा की खेप की सप्लाई कर दी गई। अमेरिका के बाद उन्होंने भी इस दवा की मांग भारत से की थी। इसके बाद ही ब्राजील के राष्ट्रपति ने यह चिट्ठी पीएम मोदी को लिखी है। खास बात यह भी है कि यह चिट्ठी हनुमान जन्मोत्सव के दिन ही सामने आई। इसमें इस मदद की तुलना हनुमान द्वारा लाई गई संजीवनी से की गई थी। ब्राजील के राष्ट्रपति ने पीएम मोदी को चिट्ठी लिखकर शुक्रिया अदा किया और लिखा है कि कोरोना वायरस की महामारी के समय में जिस तरह भारत ने ब्राजील की मदद की है, वह बिल्कुल वैसा ही है जैसा रामायण में हनुमान जी ने राम के भाई लक्ष्मण की जान बचाने के लिए संजीवनी लाकर किया था। राष्ट्रपति बोल्सोनारो ने 7 अप्रैल को पीएम मोदी को कोरोना वायरस के मसले पर चिट्ठी लिखी थी।
भारत ने ऐसी ही मदद अपने सबसे करीबी दोस्त इजरायल को भी की है। इसके बाद इजरायल के राष्ट्रपति नेतन्याहू ने भी भारत का शुक्रिया अदा किया है। उन्होंने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन भेजने के लिए शुक्रिया। इजरायल के सभी नागरिक आपका धन्यवाद करते हैं। भारत की तरफ से इजरायल को भरोसा दिलाया गया है कि उन्हें हर संभव मदद भविष्य में भी की जाएगी। इजरायल की तरफ से मिले संदेश के बाद पीएम मोदी ने कहा कि भारत अपने दोस्तों की मदद के लिए हर संभव कोशिश करेगा।
उन्होंने ये भी कहा कि भारत इजरायल के लोगों की सलामती और अच्छे स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना करता है। आपको यहां पर ये भी बता दें कि भारत ने कुछ ही समय पहले इस दवा को विदेशों में बेचने पर रोक लगा दी थी। लेकिन जब अमेरिका के राष्ट्रपति ने मानवता का हवाला देकर भारत से इसको मांगा तो भारत ने बड़ा दिल रखते हुए इसकी सप्लाई को हरी झंडी दे दी। गौरतलब है कि भारत इस दवा का विश्व में सबसे बड़ा निर्माता है। भारत में मलेलिया की बड़ी समस्या को देखते इस दवा को बड़े पैमाने पर बनाया जाता है। मौजूदा वक्त में भी दुनिया के कई देशों को सप्लाई करने के बाद भी भारत में इसका पूरा स्टॉक मौजूद है और निर्माता इसकी भविष्य में कमी न होने की भी बात कर रहे हैं।
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