World Boxing Championships: कौन हैं विश्व चैंपियनशिप में भारत के लिए गोल्ड लाने वाली मुक्केबाज निखत जरीन
निखत जरीन का जन्म तेलंगाना के निज़ामाबाद में 14 जून 1996 को हुआ। पिता का नाम मुहम्मद जमील अहमद और माता परवीन सुल्ताना के घर में जन्मी इस भारतीय स्टार ने 13 साल की उम्र में बाक्सिंग ग्ल्बस को हाथों बांधा था।
नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। भारत के लिए गुरुवार शाम मुक्केबाजी की दुनिया के बेहद सुकून देने वाली खबर आई। इस्तानबुल में खेली जा रही महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप के फाइनल में भारत की निखत जरीन ने थाईलैंड की मुक्केबाज जुतामास जितपोंग के खिलाफ 5-0 की एक तरफा जीत हासिल की। इस जीत के साथ ही वह भारत के लिए इस प्रतिष्ठित चैंपियनशिप में गोल्ड जीतने वाली 5वीं भारतीय महिला बनीं।
कौन हैं निखत जरीन
निखत जरीन का जन्म तेलंगाना के निजामाबाद में 14 जून 1996 को हुआ। पिता मुहम्मद जमील अहमद और माता परवीन सुल्ताना के घर में जन्मी इस भारतीय स्टार ने 13 साल की उम्र में बाक्सिंग ग्ल्बस को हाथों बांधा था। भारतीय मुक्केबाजी की लीजेंड एमसी मैरीकाम को जरीन अपना आदर्श मानती हैं। उनके खेल से प्रेरणा लेने वाली इस मुक्केबाज ने अपने आदर्श की तरह ही भारत को विश्व मुक्केबाजी महिला चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल दिलाया।
साल 2010 में निखत ने अपना पहला गोल्ड मेडल नेशनल सब जूनियर मीट में जीता था। उसके बाद तुर्की में साल 2011 में महिला जूनियर और यूथ वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में फ्लाइवेट में निखत ने पहली बार देश के लिए किसी इंटरनेशनल टूर्नामेंट में गोल्ड मेडल जीता। साल 2011 के 15 साल की उम्र में इस मुक्केबाज ने एआईबीए महिला युवा और जूनियर विश्व चैंपियनशिप में भारत के लिए गोल्ड मेडल हासिल किया।
दो साल बाद साल 2013 में बुल्गारिया के निखत ने एक बार फिर मुक्केबाजी का जौहर दिखाया और महिला जूनियर और युवा विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीता। साल 2014 में निखत ने 51 किलो वर्ग में सर्बिया में आयोजित तीसरे नेशन्स कप इंटरनेशनल मुक्केबाजी टूर्नामेंट में गोल्ड अपने नाम किया। साल बाद थाइलैंड ओपन इंटरनेशनल में सिल्वर मेडल भारत की झोली में डाला। साल 2019 में बैंकाक में आयोजित थाइलैंड ओपन इंटरनेशनल बॉक्सिंग टूर्नामेंट में उन्होंने सिल्वर मेडल हासिल किया।