Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    शतरंज में कैसे बनते हैं ग्रैंडमास्‍टर? Divya Deshmukh ने हासिल की यह उपलब्धि; चौथी भारतीय महिला बनीं

    Updated: Mon, 28 Jul 2025 06:35 PM (IST)

    FIDE विमेंस वर्ल्ड कप 2025 के फाइनल में दिव्या देशमुख ने कोनेरू हंपी को हराकर खिताब अपने नाम किया। इसके साथ ही दिव्या शतरंज विश्व कप जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं। साथ ही वह भारत की 88वीं और चौथी महिला ग्रैंडमास्टर भी बन गई हैं। उनसे पहले कोनेरू हंपी द्रोणावल्ली हरिका और आर वैशाली ने ग्रैंडमास्टर का तमगा हासिल किया था।

    Hero Image
    हर शतरंज खिलाड़ी बनना चाहता है ग्रैंडमास्‍टर।

     स्‍पोर्ट्स डेस्‍क, नई दिल्‍ली। भारत के पहले शतरंज ग्रैंडमास्टर विश्वनाथन आनंद हैं। यह बात बचपन से सभी को पढ़ाई गई है। उन्होंने 1988 में यह खिताब हासिल किया था। तब से अब तक भारत में 88 ग्रैंडमास्‍टर हो चुकी हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सोमवार को FIDE विमेंस वर्ल्ड कप 2025 के फाइनल में दिव्या देशमुख ने कोनेरू हंपी को हराकर खिताब अपने नाम किया। इसके साथ ही दिव्या शतरंज विश्व कप जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं। साथ ही वह भारत की 88वीं और चौथी महिला ग्रैंडमास्टर भी बन गई हैं।

    उनसे पहले कोनेरू हंपी, द्रोणावल्ली हरिका और आर वैशाली ने ग्रैंडमास्टर का तमगा हासिल किया था। पहली भारतीय महिला ग्रैंडमास्टर कोनेरू हंपी थीं। उन्‍होंने 2002 में 15 वर्ष की आयु में यह खिताब जीता था।

    कैसे बनते हैं ग्रैंडमास्‍टर

    शतरंज की दुनिया में ग्रैंडमास्टर शब्‍द काफी आम है। हर खिलाड़ी जो इस खेल को खेलता है, ग्रैंडमास्टर बनने का सपना जरूर देखता है। ऐसे में सवाल उठता है‍ कि क्‍या ग्रैंडमास्टर कोई डिग्री है। ग्रैंडमास्टर बनने के लिए कोई फॉर्म भरना पड़ा है। आखिरी कैसे कोई शतरंज प्‍लेयर ग्रैंडमास्टर बन जाता है। कौन सी संस्‍था यह तमगा देती है।

    FIDE देती है तमगा

    शतरंज की सर्वोच्च संस्था विश्व शतरंज महासंघ (FIDE-Federation Internationale des Echecs) ग्रैंडमास्टर का तमगा दिया जाता है। इसकी स्थापना 20 जुलाई 1924 को हुई। इसका मुख्यालय लॉजेन, स्विटजरलैंड में है।

    इंटरनेशनल ओलंपिक समिति ने 1999 में इसे अंतर्राष्ट्रीय खेल महासंघ के रूप में मान्यता दी। जो भी प्‍लेयर एक बार ग्रैंडमास्टर बन जाता है यह जीवनभर इसे अपने नाम के साथ लगा सकता है। हालांकि, धोखा और भ्रष्टाचार के आरोप सिद्ध होने पर इसे वापस भी लिया जा सकता है।

    कोई शतरंज खिलाड़ी कब बनता ग्रैंडमास्टर

    उस खिलाड़ी को ग्रैंडमास्टर बनने के लिए कम से कम 2500 Elo Rating प्राप्त करनी होती है। इसके बाद खिताब को बनाए रखने के लिए इस रेटिंग को बरकरार रखना आवश्‍यक नहीं होता है। ग्रैंडमास्टर बनने के लिए आमतौर पर तीन मानदंड की जरूरत होती है। हालांकि, इंटरनेशनल टूर्नामेंट (विश्व चैंपियनशिप, विश्व जूनियर चैंपियनशिप, विश्व सीनियर चैंपियनशिप) जीतने वाले खिलाड़ी को सीधे ग्रैंडमास्टर का टाइटल मिल जाता है। दिव्‍या के केस में भी यही हुआ है।

    तीन मानदंड क्‍या हैं

    • टूर्नामेंट कम से कम 9 राउंड का होने चाहिए। इसमें कम से कम 27 गेम्‍स होने चाहिए।
    • टूर्नामेंट में कम से कम 3 अन्य ग्रैंडमास्टर खिलाड़ी हिस्‍सा ले रहे हों। प्रत्‍येक राउंड में मिनिमम 120 मिनट का थिंकिंग टाइम जरूर लगे।
    • खिलाड़ी को कम से कम 2600 की प्रदर्शन रेटिंग प्राप्त करनी चाहिए।

    भारतीय शतरंज ग्रैंडमास्टर्स की लिस्‍ट

    1. 1987: विश्वनाथन आनंद
    2. 1991: दिब्येंदु बरुआ
    3. 1997: प्रवीण थिप्से
    4. 2000: अभिजीत कुंटे
    5. 2000: के शशिकिरण
    6. 2001: पेंटाला हरिकृष्णा
    7. 2002: कोनेरू हंपी
    8. 2003: सूर्य शेखर गांगुली
    9. 2003: संदीपन चंदा
    10. 2004: आरबी रमेश
    11. 2004: तेजस बकरे
    12. 2006: पी मगेश चंद्रन
    13. 2006: दीपन चक्रवर्ती
    14. 2006: नीलोत्पल दास
    15. 2006: परिमार्जन नेगी
    16. 2007: जीएन गोपाल
    17. 2008: अभिजीत गुप्ता
    18. 2008: एस अरुण प्रसाद
    19. 2009: एस किदांबी
    20. 2009: आरआर लक्ष्मण
    21. 2010: श्रीराम झा
    22. 2010: दीप सेनगुप्ता
    23. 2010: बी अधिबान
    24. 2011: एसपी सेथुरमन
    25. 2011: हरिका द्रोणावल्ली
    26. 2012: ललित बाबू एम आर
    27. 2012: वैभव सूरी
    28. 2012: एमआर वेंकटेश
    29. 2012: सहज ग्रोवर
    30. 2013: विदित गुजराती
    31. 2013: श्याम सुंदर एम
    32. 2013: अक्षयराज कोरे
    33. 2013: विष्णु प्रसन्ना
    34. 2013: देबाशीष दास
    35. 2013: सप्तर्षि रॉय चौधरी
    36. 2014: अंकित राजपारा
    37. 2015: अरविंद चित्रंबरम
    38. 2015: कार्तिकेयन मुरली
    39. 2015: अश्विन जयराम
    40. 2015: स्वप्निल एस धोपाडे
    41. 2015: एसएल नारायणन
    42. 2016: शार्दुल गागरे
    43. 2016: दीप्तायन घोष
    44. 2016: प्रियदर्शन के
    45. 2017: आर्यन चोपड़ा
    46. 2017: श्रीनाथ नारायणन
    47. 2017: हिमांशु शर्मा
    48. 2017: अनुराग महामल
    49. 2017: अभिमन्यु पुराणिक
    50. 2017: थेज कुमार एम एस
    51. 2018: सप्तर्षि रॉय
    52. 2018: रमेशबाबू प्रग्गनानंद
    53. 2018: निहाल सरीन
    54. 2018: एरीगैसी अर्जुन
    55. 2018: कार्तिक वेंकटरमन
    56. 2018: हर्ष भरतकोटि
    57. 2018: पी कार्तिकेयन
    58. 2018: स्टैनी जॉर्ज एंथोनी
    59. 2019: विशाख एन आर
    60. 2019: डोम्माराजू गुकेश
    61. 2019: पन्नीरसेल्वम इनियान
    62. 2019: स्वयम्स मिश्रा
    63. 2019: गिरीश कौशिक
    64. 2019: पृथु गुप्ता
    65. 2019: रौनक साधवानी
    66. 2020: आकाश गणेशन
    67. 2020: लियोन मेंडोंका
    68. 2021: अर्जुन कल्याण
    69. 2021: हर्षित राजा
    70. 2021: राजा ऋत्विक
    71. 2021: संकल्प गुप्ता
    72. 2021: मित्रभा गुहा
    73. 2022: भरत सुब्रमण्यम
    74. 2022: राहुल श्रीवास्तव पी
    75. 2022: वी प्रणव
    76. 2022: प्रणव आनंद
    77. 2022: आदित्य मित्तल
    78. 2023: कौस्तव चटर्जी
    79. 2023: प्रणेश एम
    80. 2023: विग्नेश एन आर
    81. 2023: सायंतन दास
    82. 2023: वुप्पाला प्रणीथ
    83. 2023: आदित्य सामंत
    84. 2023: वैशाली रमेशबाबू
    85. 2024: श्याम निखिल पी
    86. 2025: श्रीहरि एलआर
    87. 2025: हरिकृष्णन ए रा
    88. 2025: दिव्या देशमुख

    यह भी पढ़ें- कौन हैं Divya Deshmukh? खेलना चाहती थीं बैडमिंटन, रिश्‍वत देकर एकेडमी ले जाते थे पेरेंट्स; अब रच दिया इतिहास

    यह भी पढ़ें- Fide Women's World Cup Prize Money: जीत के साथ ही मालामाल हुईं Divya Deshmukh, ग्रैंडमास्टर बनते ही लग गई लॉटरी