खेल सामग्री निर्माण में भी आत्मनिर्भर बनेगा भारत, केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मंडाविया का बयान
खेल मंत्री मनसुख मंडाविया ने खेल सामग्री निर्माण सम्मेलन में गर्व से स्वदेशी का समर्थन किया। उन्होंने 2036 तक वैश्विक हिस्सेदारी 1% से 25% तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा। भारत इस साल के अंत तक खेल सामग्री निर्माण नीति लागू करेगा जिससे खेल प्रतिभाओं को बढ़ावा मिलेगा और भारत निर्यातक बनेगा। मंडाविया ने खेल दवाओं बुनियादी ढांचे और शिक्षा को भी निर्माण का हिस्सा बनाने पर जोर दिया।

नई दिल्ली, डिजिटल डेस्क। खेल सामग्री निर्माण में भी देश अब स्वदेशी और आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ेगा। केंद्रीय खेल मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने शनिवार को पहली बार आयोजित खेल सामग्री निर्माण सम्मेलन में ‘गर्व से स्वदेशी’ का समर्थन किया और इसके लिए कार्यबल के गठन की घोषणा की।
मांडविया ने कहा कि इससे भारत की खेल निर्माण की वैश्विक हिस्सेदारी वर्ष 2036 तक वर्तमान में एक प्रतिशत से बढ़कर 25 प्रतिशत हो जाएगी। खेल सामग्री निर्माण में स्वदेशी के लिए भारत इस साल के अंत तक एक समर्पित खेल सामग्री निर्माण नीति लागू करेगा।
खेल सामग्री निर्माण में भी आत्मनिर्भर बनेगा भारत
नवंबर-दिसंबर तक योजना लांच कर दी जाएगी, जो खेल सामग्री और उपकरणों के निर्माण को बड़े पैमाने पर बढ़ावा देगी, जिससे न सिर्फ खेल प्रतिभाओं को ही निखारने में मदद नहीं मिलेगी, बल्कि देश वैश्विक स्तर पर खेल सामग्री का एक प्रमुख निर्यातक भी बनेगा।
फिलहाल कई खेलों में खिलाडि़यों को उच्चतम स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए महंगे आयातित उपकरणों पर निर्भर रहना पड़ता है।
सम्मेलन में खेल मंत्री ने कहा कि खेल पारिस्थितिकी तंत्र बहुत तेजी से विकसित हो रहा है। हमारे देश में सब कुछ हासिल करने की क्षमता है। हमें आगे आने वाली चुनौतियों को समझने की जरूरत है कि आने वाले दिनों में हम खेल निर्माण क्षेत्र में कैसे आगे बढ़ सकते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि हम खेल दवाओं, खेल बुनियादी ढांचे, खेल साहित्य और खेल शिक्षा डिजाइन को भी खेल सामान निर्माण का हिस्सा बना सकते हैं। हालांकि, इसके लिए जीएसटी जैसी कई चुनौतियां हैं। इसके लिए हमें एक कार्य दल बनाना चाहिए और खेल निर्माण के लिए योजनाएं और नीतियां बनानी चाहिए। डा. मंडाविया ने खेल सामग्री निर्माण को राष्ट्रीय विकास एजेंडे के साथ जोड़ने के सरकार के दृष्टिकोण पर भी जोर दिया।
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