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    जीत व्यक्तिगत नहीं होती, पूरा देश मनाता है उत्सव : मेराब

    Updated: Tue, 21 Jan 2025 10:08 PM (IST)

    जार्जिया के यूएफसी फाइटर मेराब द्वालिशविली ने कहा कि खेल में जीत केवल व्यक्तिगत नहीं होती इसका उत्सव पूरा देश मनाता है। मेराब द्वालिशविली ने गत शनिवार यूएफसी 311 में उमर नुर्मागोमेदोव के विरुद्ध अपनी बाउट जीतकर अपने यूएफसी खिताब की रक्षा की। मेराब नवंबर में ट्रेनिंग के दौरान चोटिल हो गए थे। स्थिति ऐसी थी कि इन्फेक्शन के कारण घाव बढ़ता जा रहा था।

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    मेराब नवंबर में ट्रेनिंग के दौरान चोटिल हो गए थे।

     सुकांत सौरभ, जागरण। नई दिल्ली : खेल में जीत केवल व्यक्तिगत नहीं होती, इसका उत्सव पूरा देश मनाता है। ये बातें जार्जिया के यूएफसी फाइटर मेराब द्वालिशविली ने कहीं, जिन्होंने गत शनिवार यूएफसी 311 में उमर नुर्मागोमेदोव के विरुद्ध अपनी बाउट जीतकर अपने यूएफसी खिताब की रक्षा की।

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    मेराब नवंबर में ट्रेनिंग के दौरान चोटिल हो गए थे। स्थिति ऐसी थी कि इन्फेक्शन के कारण घाव बढ़ता जा रहा था, और खिताब की रक्षा करने से पहले चुनौतियों का अंबार उनके सामने लगा था। शनिवार को जब वो रिंग में उतरे, उनके जेहन में केवल एक याद थी कि जब पिछली बार उन्होंने खिताबी बेल्ट जीता था, तब इस जीत का उन्हें असली अहसास घर जाने पर हुआ था, जहां लोगों ने उनकी जीत का जश्न ऐसा मनाया कि उन्होंने ठान लिया उन्हें ये फिर से अपने लोगों के लिए ये जीतना ही है। शनिवार को हुई उनकी इस फाइट का प्रसारण देश में सोनी स्पोर्ट्स नेटवर्क ने किया था।

    उमर के विरुद्ध सर्वसम्मति से खिताबी मुकाबला जीतने वाले मेराब के शरीर पर लगे घाव फिर से हरे हो गए हैं। मेराब ने मैच के बाद बताया था कि उन्हें बाउट से पहले केवल एक चिंता थी कि कमीशन उन्हें यह फाइट नहीं लड़ने देगा, क्योंकि यूएफसी के नियम बहुत कड़े हैं। हालांकि, भार के दौरान जब मेराब को अपनी पिंडली दिखाने के लिए कहा गया, उन्होंने अपने बाएं पैर को केवल दिखाया। चोट उनके दाहिने पैर में लगी थी, जब दूसरा पैर दिखाने को कहा, तब भी उन्होंने बायां पैर ही दिखाया पर इस पर अधिकारी का ध्यान नहीं गया।

    मंगलवार को दैनिक जागरण से विशेष बातचीत में उन्होंने बताया, "नवंबर में ट्रेनिंग के दौरान मुझे चोट लग गई थी। इसे ठीक होने में काफी समय लग गया, क्योंकि इसमें इनफेक्शन हो गया था। दर्द ऐसा था कि कोई छूता भी था तो बर्दाश्त से बाहर होता था। इसी बीच यूएफसी कि ओर से प्रोडक्शन टीम शूटिंग के लिए पहुंची, मैंने उपाय सोची और तय किया कि जिम की जगह हम आउटडोर शूट करेंगे। वहां मैंने काफी भार उठाया पर इसका उल्टा प्रभाव पड़ा और मुझे कुछ दिनों तक बेड रेस्ट ही करना पड़ा। उमर ने मेरा मजाक उड़ाते हुए कहा कि मैं यह फाइट नहीं लड़ सकता, लेकिन मैंने सोच रखा था कि मुझे किसी हालत में रिंग में उतरना है।"

    मेराब ने साथ ही बताया कि उन्होंने दृढ़ निश्चय कर रखा था कि वह किसी भी हालत में यह बेल्ट दोबारा जीतेंगे। मेराब ने कहा, "मैं ईश्वर का बहुत शुक्रगुजार हूं। मैं जानता हूं कि जब यूएफसी के सीईओ ने मुझे ये बेल्ट पहनाया मेरे जीवन में कुछ नहीं बदला। मेरे सभी दोस्त वैसे ही हैं, जीवन वैसी ही है। हालांकि, मुझे याद है जब मैं पिछली बार जीता था तो इस जीत का असली अनुभव मुझे अपने स्वदेश लौटने पर हुआ था। मुझे पूरा विश्वास है कि इस बार भी जब मैं घर लौटूंगा मुझे ऐसा ही अनुभव होगा क्योंकि जीत व्यक्तिगत नहीं होती, इसका उत्सव पूरा देश मनाता है। हालांकि, मेरा मन नहीं भरा है। मैं इस बेल्ट की रक्षा करने के लिए हर बार अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश करता रहूंगा।"