Special Olympics: कभी थीं अकेलेपन का शिकार, आज 46 की उम्र में Preeti लोगों के लिए बनीं प्रेरणा
प्रीति नई दिल्ली स्थित बौद्धिक अक्षमताओं वाले आशा किरण होम में पिछले 10 साल से रह रही हैं। यहां वह व्यावसायिक प्रशिक्षण लेती है और दिन भर खुद को व्यस्त रखती हैं। एसओ सीमा उनको कोचिंग देती हैं।

नई दिल्ली, स्पोर्ट्स डेस्क। भारत के एथलीट स्पेशल ओलंपिक (Special Olympics) वर्ल्ड समर गेम्स के लिए जोर-शोर से तैयारी कर रहे हैं। दिल्ली की रहने वाली 46 साल की प्रीति भी अपना दमखम दिखा रही हैं। आशा किरण होम में रहकर वह बास्केबॉल का अभ्यास करती हैं। वह 2015 से मौके की तलाश में थीं। इस बार उन्हें विश्व समर गेम्स में खेलना का मौका मिला है।
प्रीति नई दिल्ली स्थित बौद्धिक अक्षमताओं वाले आशा किरण होम में पिछले 10 साल से रह रही हैं। यहां वह व्यावसायिक प्रशिक्षण लेती है और दिन भर खुद को व्यस्त रखती हैं। एसओ सीमा उनको कोचिंग देती हैं। प्रीति वॉलीबॉल और एथलेटिक्स जैसे अन्य खेलों में भी हिस्सा लेती हैं। सीमा बताती हैं, "प्रीति के पास हुनर है, जो उन्हें अधिकांश खेलों में भाग लेने में मदद करती है।"
हर दिन रूटीन करती है फॉलो
प्रीति को विशेषज्ञ द्वारा परामर्श मिलता है। वह अक्सर खेल के बारे में बात करती हैं। खेल के जरिए जो भी उन्होंने खोया है, उसे भूलकर आगे बढ़ रही हैं। वह अपनी फिटेनस पर भी काम करती हैं। सुबह उठकर दौड़ने जाती हैं। उसके बाद बास्केटबॉल का अभ्यास करती हैं। वह बर्लिन जाने के लिए बहुत उत्साहित हैं।
कोच को प्रीति पर है विश्वास
कोच सीमा ने आशा किरण के कई निवासियों को देखा है, जिन्होंने 2015 में विश्व खेल में पहली बार प्रवेश करने के बाद से भारत का प्रतिनिधित्व किया है। खेलों द्वारा प्रोत्साहित सकारात्मक माहौल पर वह खुशी से कहती हैं, "खेलों से बहुत फर्क पड़ता है। प्रीति में, मैं देख सकती हूं, वह खेल के बारे में बोलती है, वह खुशमिजाज है और जाने के लिए उत्साहित है। पिछले कुछ राष्ट्रीय शिविरों में भी उनका अपने सह-एथलीटों के साथ अच्छा संबंध देखा गया था। अब, वह दूसरे देश की यात्रा के लिए तत्पर हैं और नियमित रूप से और उत्साह से अभ्यास करने के कारण अपने खेल को लेकर आश्वस्त हैं।"

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।