'मुझे लगा मेरे साथ प्रैंक हो रहा,' आनंद महिंद्रा के फोन कॉल पर शीतल देवी ने सुनाया दिलचस्प किस्सा
पेरिस पैरालंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली बिना बांह की तीरंदाज शीतल देवी उद्योगपति आनंद महिंद्रा द्वारा उन्हें महिंद्रा स्कॉर्पियो-एन उपहार में दिए जाने से बेहद खुश हैं। शीतल ने इस उपहार के लिए बिजनेस टाइकून आनंद महिंद्रा को धन्यवाद देने के लिए अपने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया। इसमें उन्होंने एक दिलचस्प किस्सा भी लिखकर शेयर किया।

स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। भारत की पहली बिना हाथ वाली तीरंदाज शीतल देवी को बिजनेस टाइकून आनंद महिंद्रा ने एसयूवी गिफ्ट की। इस पर शीतल ने आनंद का धन्यवाद किया है। मंगलवार को महिंद्रा समूह के चेयरमैन महिंद्रा ने पैरालिंपियन और उनके परिवार से मुलाकात की। साथ शीतल के पैर से तीरंदाजी करने की काबिलियत की प्रशंसा की। इस दौरान शीतल ने एक मजेदार किस्सा सुनाया।
पिछले साल पेरिस पैरालंपिक में हिस्सा लेने वाली शीतल देवी ने मशहूर उद्योगपति से अपनी मुलाकात की याद को ताजा किया। शीतल ने कहा कि जब परिवार वालों ने बताया कि आनंद महिंद्रा ने कॉल किया है और वह उनसे मिलना चाहते तो उन्हें लगा कि कोई उनके और परिवार के साथ प्रैंक कर रहा है। शीतल ने बताया कि उन्हें यकीन नहीं हो रहा था की बिजनेस टाइकून उन्हें उनकी पसंद की कार गिफ्ट करना चाहते हैं।
कॉल का सुनाया दिलचस्प किस्सा
शीतल ने एक्स पर लिखा, कृतज्ञता से अभिभूत! जब मैं 16 साल की थी, तो मुझे अपने परिवार से एक कॉल आया, महिंद्रा सर मुझे मेरी पसंद की एक महिंद्रा कार गिफ्ट कर रहे थे! मैं एशियाई पैरा गेम्स के दौरान ऑफलाइन थी और मुझे लगा कि यह एक प्रैंक है, लेकिन जब मुझे एहसास हुआ कि यह सच है, तो मैं बहुत उत्साहित थी!
कटरा में किया दर्शन-पूजन
शीतल ने कहा, मैंने 18 साल की उम्र में कार खरीदने का फैसला किया। अपने जन्मदिन के बाद, मैं आनंद महिंद्रा सर से मिली- यह मेरे लिए बहुत सम्मान की बात है! आपकी दयालुता और प्रोत्साहन के लिए धन्यवाद, सर। महिंद्रा कार चुनना मुश्किल था, लेकिन स्कॉर्पियो एन ने मेरा दिल जीत लिया! मेरे गांव की ऊबड़-खाबड़ सड़कों के लिए बिल्कुल सही है, इसकी पहली ड्राइव के लिए, हम आभार और प्रार्थना करने के लिए कटरा गए।
पेरिस में जीता था ब्रांज
बता दें कि शीतल ने पेरिस पैरालंपिक में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया, जहां उन्होंने राकेश कुमार के साथ मिश्रित टीम कंपाउंड स्पर्धा में कांस्य पदक जीता। शीतल और राकेश की जोड़ी ने इनवैलिड्स में इटली के माटेओ बोनासिना और एलेनोरा को 156-155 से हराकर तुर्किये के पैरालंपिक रिकॉर्ड की बराबरी भी की थी।
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