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    'मेरे माता-पिता ने टेनिस में डाला होता तो अच्‍छा होता', बैडमिंटन स्‍टार Saina Nehwal ने आखिर ऐसा क्‍यों कहा?

    Updated: Thu, 11 Jul 2024 08:47 PM (IST)

    भारत की स्‍टार महिला शटलर साइना नेहवाल ने अपने मन की बात बताते हुए कहा कि अगर वो टेनिस खेलती तो और भी बेहतर होता। विश्‍व रैंकिंग में नंबर-1 और ओलंपिक में बैडमिंटन में पहला मेडल जीतने वाली साइना नेहवाल ने कहा कि उनमें ताकत ज्‍यादा थी जिसके कारण वो बैडमिंटन से बेहतर टेनिस खेलतीं। साइना नेहवाल ने बताया कि उनका कोई आदर्श नहीं था।

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    साइना नेहवाल ने कहा कि वो बैडमिंटन से बेहतर टेनिस में करके दिखाती

    प्रेट्र, नई दिल्ली। भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल को लगता है कि अगर उन्होंने बैडमिंटन खेलने के बजाय टेनिस का रैकेट पकड़ा होता तो वह बतौर खिलाड़ी और बेहतरीन प्रदर्शन कर सकती थीं। बैडमिंटन खिलाड़ी के तौर पर भी साइना ने काफी प्रभावित किया है, जिसमें वह विश्व में शीर्ष रैंकिंग हासिल करने वाली पहली भारतीय महिला शटलर बनीं और वह ओलंपिक पदक जीतने वाली देश की पहली महिला एथलीट भी बनीं।

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    साइना ने कहा, ''कभी कभार मुझे लगता है कि अगर मेरे माता-पिता ने मुझे टेनिस में डाला होता तो अच्छा होता। इसमें ज्यादा पैसा है और मुझे लगता है कि मैं ज्यादा ताकतवर थी। मैं टेनिस में बैडमिंटन से बेहतर कर सकती थी।''

    साइना का नहीं था कोई आदर्श

    साइना ने कईयों को बैडमिंटन में आने के लिए प्रेरित किया है, लेकिन जब उन्होंने आठ वर्ष की आयु में खेलना शुरू किया था, तो उनके लिए कोई आदर्श नहीं था। साइना ने कहा, ''जब मैंने शुरुआत की थी तो मेरे लिए कोई आदर्श नहीं था। यह कहने के लिए कोई नहीं था, 'मैं विश्व की नंबर एक खिलाड़ी बनना चाहती हूं या ओलंपिक पदक विजेता बनना चाहती हूं।' मुझसे पहले मैंने किसी को बैडमिंटन में ऐसा करते नहीं देखा था।''

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    उन्होंने कहा, ''मैं हमेशा बच्चों को खेलों पर ध्यान लगाने के लिए कहती हूं। चीन 60-70 पदक जीतता है और हमें सिर्फ तीन चार पदक मिलते हैं। इतने सारे डॉक्टर और इंजीनियर होते हैं और उनके नाम अखबारों में नहीं आते।''

    लड़कियों से साइना की विशेष अपील

    साइना ने कहा, ''मैं विशेषकर लड़कियों से आगे आने के लिए कहूंगी कि वे फिट होना शुरू करें और खेलों में आएं। अब हम बच्चों के लिए मौजूद हैं, उनके लिए प्रेरणा के लिए विश्व की नंबर एक, ओलंपिक चैंपियन और इतनी सारी पदक विजेता हैं।''

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