R Praggnanandhaa ने रचा इतिहास, वर्ल्ड नंबर 1 मैगनस कार्लसन को क्लासिकल चेस में दी मात
भारतीय ग्रैंडमास्टर रमेश बाबू प्रज्ञानंद (R Praggnanandhaa) ने वर्ल्ड नंबर 1 मैगनस कार्लसन (Magnus Carlsen) को हराकर अपना पहला क्लासिकल गेम में जीत हा ...और पढ़ें

स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय ग्रैंडमास्टर रमेश बाबू प्रज्ञानंद (R Praggnanandhaa) ने वर्ल्ड नंबर 1 मैगनस कार्लसन को हराकर अपना पहला क्लासिकल गेम में जीत हासिल की है। नॉर्वे चेस टूर्नामेंट में 18 साल के भारतीय ने कार्लसेन को पटखनी दी और टूर्नामेंट के तीसरे दौर में अपनी पहली जीत दर्ज की। नॉर्वे चेस टूर्नामेंट में आर प्रज्ञानंद ने तीसरे राउंड के बाद 5.5 अंक के साथ ये जीत हासिल की।
प्रज्ञानंद सफेद मोहरों से खेल रहे थे और उनकी जीत ने घरेलू पसंदीदा कार्लसन को अंक तालिका में पांचवें स्थान पर पहुंचा दिया। कार्लसन और प्रज्ञानंद ने इस प्रारूप में अपने पिछले तीन मुकाबले ड्रा कराए थे। प्रज्ञानंद की बहन आर वैशाली ने महिलाओं की प्रतियोगिता में भी 5.5 अंकों के साथ शीर्ष स्थान हासिल किया।
R Praggnanandhaa ने वर्ल्ड नंबर 1 मैगनस कार्लसन को क्लासिकल चेस में दी मात
दरअसल, चीन के डिंग लिरेन पर जीत के बाद प्रजानंद अब टूर्नामेंट में सबसे आगे हैं और यूएसए के फैबियानो कारूआना दूसरे स्थान पर हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका के जीएम क्रिस्टोफर हिकारू नाकामुरा का मानना है कि युवाओं के खिलाफ अधिक मौके लेने की चाहत के कारण कार्लसन को प्रागनानंदा से हार का सामना करना पड़ा।
वहीं, प्रज्ञाननंदा ने कार्लसन को पीछे छोड़ दिया जबकि कारूआना दूसरे स्थान पर रहे। 18 साल के भारतीय ग्रैंडमास्टर ने ओपन स्टैंडिंग के ओपन सेक्शन में एकमात्र बढ़त हासिल की, क्योंकि महिलाओं की स्टैंडिंग में तीसरे राउंड के बाद वैशाली ने शीर्ष स्थान हासिल किया।
प्रज्ञाननंदा ने पहली बार क्लासिक चेस गेम जीतने के बाद कहा कि उनकी शुरुआत शानदार थी। मुकाबला कड़ा हो सकता था, हम दोनों ने पूरा जोर लगा दिया, लेकिन जीत मेरी हुई। देखिए आगे क्या होता है और हम कैसे आगे बढ़ते हैं। मैं अच्छा महसूस कर रहा हूं। गेम काफी दिलचस्प था। मुझे ओपनिंग से ही बहुत अच्छी पोजिशन मिली। मैंने किसी पॉइंट पर इसे गलत तरीके से आगे बढ़ाया। मैंने बिशप ई3, एफ6... की अनुमति दी तो मुझे बताया गया कि मैं अभी भी सही ढंग से खेलता हूं। शायद मैं पूरे खेल के दौरान बेहतर था।
इसके साथ ही प्रज्ञानंद मुझे लगता है कि मेरे पास इस स्तर पर पर्याप्त अनुभव है और मैं इन खिलाड़ियों को हरा सकता हूं, लेकिन इसके लिए मुझे अपना सर्वश्रेष्ठ खेलना होगा और मैं यही करने की कोशिश कर रहा हूं। यह एक तरह की मानसिकता है।

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