Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Pullela Gopichand Birthday: 'सुपर कोच' के नाम से मशहूर है ये खिलाड़ी

    By Lakshya SharmaEdited By:
    Updated: Fri, 16 Nov 2018 11:17 AM (IST)

    गोपीचंद का जन्म 16 नवम्बर 1973 को आंध्र प्रदेश के प्रकाशम जिले के नगन्दला में हुआ है।

    Pullela Gopichand Birthday: 'सुपर कोच' के नाम से मशहूर है ये खिलाड़ी

    नई दिल्ली, जेएनएन। अगर भारत में बैडमिंटन इतना कमाल कर रहा है तो इसका एक बड़ा कारण पुलेल गोपीचंद भी है, जी हां वही गोपीचंद जिनकी बदौलत भारत ने 2 ओलंपिक पदक जीते है। भारत के इस पूर्व बैडमिंटन खिलाड़ी ने भले ही खिलाड़ी के तौर पर ओलंपिक में पदक ना जीते हो लेकिन कोच को तौर पर उन्होंने सायना नेहवाल और पीवी सिंधु के जरिए देश का नाम रोशन किया। बैडमिंटन के दुनिया में सुपर कोच के नाम से मशहूर पुलेला गोपीचंद का 45वां जन्मदिन है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    गोपीचंद का जन्म 16 नवम्बर 1973 को आंध्र प्रदेश के प्रकाशम जिले के नगन्दला में हुआ है। इस इंसान ने बैडमिंटन में भले ही खूब नाम कमाया लेकिन बचपन में उन्हें क्रिकेट खेलने का बहुत शौक था। लेकिन उनकी किस्मत में शायद बैडमिंटन ही लिखा था। यहां तक की जब वे केवल 10 साल के थे, तभी बैडमिन्टन के खेल में वे इतने कुशल हो गए की उनके चर्चे स्कूल में होने लगे।

    गोपीचंद जब 1986 में 13 साल के थे तभी उन्हें किसी गंभीर चोट की समस्या को झेलना पड़ा लेकिन उसी साल उन्होंने इंटर स्कूल प्रतियोगिता में सिंगल्स और डबल्स के खिताब जीते। चोट से विचलित हुए बिना वे जल्दी ही वापस लौटे और आंध्र प्रदेश राज्य की जूनियर बैडमिन्टन प्रतियोगिता के फाइनल तक अपनी जगह बनाई।

    साल 2001 में दुनिया ने सुना गोपीचंद का नाम

    गोपीचंद का नाम दुनिया तब सुना जब उन्होंने साल 2001 में प्रतिष्ठित ऑल इंग्लैंड ओपन बैडमिंटन चैंपियनशिप जीता। उन्होंने चीन के चेन होंग को फाइनल में 15-12,15-6 से हराते हुए ऑल इंग्लैंड ओपन बैडमिंटन चैंपियनशिप में जीत हासिल की।

    इस तरह से प्रकाश पादुकोण के बाद इस जीत को हासिल करने वाले दूसरे भारतीय बन गए, जिन्होंने 1980 में जीत हासिल की थी। उन्हें वर्ष 2001 के लिए राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया। लेकिन बाद में, उनकी चोटों के कारण उनके खेल पर प्रभाव पड़ा और वर्ष 2003 में उनकी रैंकिंग गिर कर 126 पर आ गयी। 2005 में उन्हें पद्म श्री से सम्मानित किया गया। 

    खिलाड़ी से ज्यादा कोच के रूप में हुए मशहूर

    साल 2003 में बैडमिंटन से संन्यास लेने के बाद गोपीचंद ने हैदराबाद में पुलेला गोपीचंद बैडमिंटन अकादमी की शुरुआत की। आपको जानकार हैरानी होगी कि इसी अकादमी ने भारत को सायना नेहवाल, पी.वी. सिंधु और किदांबी श्रीकांत जैसे बेहतरीन खिलाड़ी दिए है। पहले गोपीचंद की कोचिंग में साइना ने साल 2012 लंदन ओलिंपिक में इतिहास रचते हुए बैडमिंटन में भारत के लिए पहला पदक जीता।

     

    साइना ने भारत के लिए कांस्य पदक हासिल किया, वहीं सिंधु ने साल 2016 में सिल्वर पदक जीत एक बार फिर कमाल कर दिया, गौर करने वाली बात ये है कि भले ही खिलाड़ी अलग अलग हो लेकिन दोनों का कोच एक ही है।

    क्रिकेट की खबरों के लिए यहां क्लिक करें

    अन्य खेलों की खबरों के लिए यहां क्लिक करें