Hockey India League से पहले बोले पीआर श्रीजेश, भारतीय हॉकी को नई ऊंचाइयों पर ले जाना ही ध्येय
पूर्व गोलकीपर पीआर श्रीजेश हॉकी इंडिया लीग में नई भूमिका में दिखेंगे। दिल्ली एसजी पाइपर्स के निदेशक के रूप में वह भारतीय हॉकी को नई ऊंचाइयों पर ले जाना चाहते हैं। विशेष बातचीत में उन्होंने बताया कि उन्हें हमेशा से नई चुनौतियों का सामना करना अच्छा लगता है। पेरिस ओलंपिक के बाद संन्यास लेने वाले पूर्व भारतीय गोलकीपर अब भारतीय जूनियर हॉकी टीम के कोच भी हैं।

सुकांत सौरभ, जागरण नई दिल्ली : भारतीय हॉकी के 'दीवार' रहे पूर्व गोलकीपर पीआर श्रीजेश हॉकी इंडिया लीग में नई भूमिका में दिखेंगे। दिल्ली एसजी पाइपर्स के निदेशक के रूप में वह भारतीय हॉकी को नई ऊंचाइयों पर ले जाना चाहते हैं। विशेष बातचीत में उन्होंने बताया कि उन्हें हमेशा से नई चुनौतियों का सामना करना अच्छा लगता है, इसलिए भारतीय जूनियर हॉकी टीम के कोच और अब दिल्ली एसजी पाइपर्स के निदेशक के रूप में वह भारतीय युवा खिलाड़ियों को भविष्य के लिए तैयार कर रहे हैं।
हॉकी इंडिया लीग (एचआइएल) आठ वर्ष बाद फिर से 28 दिसंबर को शुरू होने जा रही है। इसका प्रसारण सोनी स्पोर्ट्स नेटवर्क पर किया जाएगा। पेरिस ओलंपिक के बाद संन्यास लेने वाले पूर्व भारतीय गोलकीपर अब भारतीय जूनियर हॉकी टीम के कोच भी हैं। उनके नेतृत्व में भारतीय टीम ने सुल्तान ऑफ जोहोर कप में कांस्य और जूनियर एशिया कप में अपने खिताब की रक्षा की थी।
श्रीजेश एचआइएल में दिल्ली एसजी पाइपर्स के निदेशक की भूमिका निभा रहे हैं। इसे लेकर श्रीजेश ने बताया, 'मेरा मूल उद्देश्य हमेशा यही होता है कि मैंने जो भी अपने जीवन में सीखा है उसे युवाओं तक पहुंचाऊं। मेरे लिए यह भूमिका एक नई चुनौती के रूप में है क्योंकि खिलाड़ी से कोच और अब निदेशक की भूमिका बिल्कुल अलग चुनौती है। खिलाड़ी को केवल अपने और अपनी टीम के बारे में, कोच को अपने, अपनी टीम और उनके प्रदर्शन के बारे में जबकि एक निदेशक को अपने, अपनी टीम, टीम के प्रदर्शन, टीम के कोच और फ्रेंचाइज के नाम सभी छोटी-बड़ी चीजों के बारे में सोचना पड़ता है। मेरे लिए यह बिल्कुल नया अनुभव है। मैं इससे बहुत कुछ सीख रहा हूं, बहुत खुशी है कि भारतीय हॉकी के विकास में मैं कुछ भी योगदान कर पा रहा हूं।'
लीग भारतीय खिलाड़ियों के लिए कितना चुनौतीपूर्ण होने वाली है, इसे लेकर श्रीजेश ने कहा, 'यह लीग बहुत चुनौतीपूर्ण होगी, क्योंकि कम अंतराल में टीमों को 12 मैच खेलने हैं। हमारे लिए अच्छी बात यह है कि हमें अधिक यात्रा नहीं करनी है। केवल एक मैच के लिए हमें रांची जाना है, हमारे शेष सभी मैच राउरकेला में ही होंगे। साथ ही दिल्ली एसजी पाइपर्स में भारतीय जूनियर टीम के पांच-छह खिलाड़ी हैं। मुझे लगता है कि यह लीग उन्हें भविष्य के लिए तैयार करेगी। यहां उन्हें विश्वस्तरीय खिलाडि़यों के साथ खेलने का अवसर मिलेगा, जिससे उन्हें आगे भारतीय टीम में अपनी जगह बनाने में भी मदद मिलेगी।'
पूर्व गोलकीपर के रूप में टीम के डिफेंस को मजबूत करने को लेकर रणनीति पर श्रीजेश ने बताया, 'गोलकीपर टीम के कोच की तरह होते हैं। उनके लिए खेल को समझना और रणनीति तैयार करना बहुत आसाना होता है। मैं अपना अनुभव टीम के साथ साझा करूंगा, लेकिन मुझे लगता है कि अटैक ही सर्वश्रेष्ठ डिफेंस हैं। वैसे भी स्ट्राइकर ही डिफेंस की पहली लाइन होते हैं।'
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