Paris Olympics 2024: ज्योति मानसिक तैयारी के लिए लगाती हैं 'ध्यान', पेरिस ओलंपिक में मचाएगी धमाल
भारतीय एथलीट ज्योति याराजी 26 जुलाई से शुरू होने वाले पेरिस ओलंपिक में 100 मीटर बाधा दौड़ में भाग लेने वाली देश की पहली खिलाड़ी हैं। विश्व रैंकिंग कोटे से ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाली याराजी अपना सर्वश्रेष्ठ देने के लिए तैयार हैं। इस विश्वस्तरीय प्रतियोगिता की शारीरिक तैयारी के लिए वह विदेशी कोच जेम्स हिलियर का सहयोग ले रही है।

सुकांत सौरभ, जागरण नई दिल्ली। भारतीय एथलीट ज्योति याराजी 26 जुलाई से शुरू होने वाले पेरिस ओलंपिक में 100 मीटर बाधा दौड़ में भाग लेने वाली देश की पहली खिलाड़ी हैं। विश्व रैंकिंग कोटे से ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाली याराजी अपना सर्वश्रेष्ठ देने के लिए तैयार हैं। इस विश्वस्तरीय प्रतियोगिता की शारीरिक तैयारी के लिए भले वह विदेशी कोच जेम्स हिलियर का सहयोग ले रही हों, परंतु इतने अधिक दबाव वाली प्रतियोगिता की मानसिक तैयारी के लिए वह देश की संस्कृति के मूल <स्हृG-क्तTस्>ध्यान<स्हृG-क्तTस्> पर ही भरोसा करती हैं।
याराजी का राष्ट्रीय रिकार्ड 12.78 सेकेंड का है और वह मानती हैं कि ओ¨लपिक पदार्पण में उन पर काफी दबाव होगा, लेकिन वह ध्यान लगाकर शांत बने रहने की कोशिश कर रही हैं। विश्व के सबसे बड़े खेल त्योहार ओ¨लपिक में प्रतिद्वंद्विता के लिए जितनी महत्वपूर्ण शारीरिक तैयारी है, उतनी ही मानसिक तैयारी भी है।
ऐसे में इतनी प्रतिस्पर्धी प्रतियोगिता में मानसिक दबाव को झेलने की तैयारी को लेकर रिलायंस फाउंडेशन की एथलीट ज्योति ने कहा, <स्हृG-क्तTस्>पेरिस में यह एक कठिन और तीव्र प्रतियोगिता होगी। दबाव तो होगा, लेकिन मैं अपनी दौड़ पर ध्यान केंद्रित करने की कोशिश करूंगी ताकि मैंने प्रशिक्षण में जैसा कर रही हूं उसे दोहरा सकूं। मैं अब रिकवरी और <स्हृG-क्तTस्>ध्यान<स्हृG-क्तTस्> लगाने पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रही हूं ताकि मैं शांत और लक्ष्य पर केंद्रित रहूं।<स्हृG-क्तTस्> याराजी अपनी मां की सकारात्मक सोच से प्रेरित होकर पेरिस में शानदार प्रदर्शन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
उनकी मां विशाखापत्तनम में एक स्थानीय अस्पताल में सफाईकर्मी और घरेलू सहायिका की 'डबल शिफ्ट' में काम करती थीं। याराजी ने बताया,
'पहले मैं अपनी व्यक्तिगत जिंदगी, अपने परिवार और पृष्ठभूमि को लेकर बहुत ज्यादा चिंतित रहती थी, लेकिन मैंने बहुत कुछ सीखा है। कभी-कभार मेरी हालत बहुत खराब होती। मेरी मां हमेशा मुझे कहतीं कि आगे बढ़ते रहो क्योंकि हम वर्तमान, अतीत और भविष्य को नहीं रोक सकते। मेरी मां ने मुझे कहा, तुम अपने लिए काम करो, कोई भी नतीजा रहे, हम इसे स्वीकार करेंगे। मेरी मां प्रतियोगिता से पहले मुझे कभी नहीं कहतीं कि पदक जीतो या फिर स्वर्ण पदक जीतो। वह मुझसे कहतीं कि जाओ स्वस्थ रहो और जो भी मैं करूं उसमें संतुष्ट रहूं। इसलिए मैं हमेशा सकारात्मक सोच से आगे बढ़ती हूं।<स्हृG-क्तTस्>'
याराजी पेरिस में करेंगी शानदार
हिलियर100 मीटर बाधा दौड़ को लेकर विशेष तैयारी पर कोच जेम्स हिलियर ने बताया, <स्हृG-क्तTस्>ज्योति शारीरिक और मानसिक रूप से करियर की सबसे अच्छी स्थिति में हैं। वह अपनी सर्वश्रेष्ठ टाइ¨मग से कहीं अधिक तेज दौड़ सकती हैं। उन्होंने प्रशिक्षण के दौरान ऐसा किया है। वह 12.70 सेकेंड से कम समय में दौड़ना चाहती हैं। हम मूल रूप से तीन मुख्य चीजों पर काम कर रहे हैं - गति, उसकी लय को तोड़ने और जितनी जल्दी हो सके उसकी लय को वापस लाने पर काम करना। मूल रूप से इतनी तेज दौड़ाना कि वह अपने शरीर पर नियंत्रण खो दें ताकि शरीर नियंत्रण से बाहर होने के लिए खुला हो।<ष्ठBरु-क्तTस्>
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