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    जानिए ओलंपिक खेलों में कब से शुरू हुई थी पदक देने की परंपरा

    By Vikash GaurEdited By:
    Updated: Tue, 13 Jul 2021 07:47 AM (IST)

    आज ओलंपिक खेलों को खेलों की दुनिया में शायद सबसे बड़ा दर्जा मिला हुआ है लेकिन शुरुआत में इन खेलों में पदक देने की परंपरा नहीं थी लेकिन 1904 में सेंट लूसिया में हुए ओलंपिक खेलों के बाद से पदक देने की शुरुआत की गई।

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    टोक्यो ओलंपिक खेल जल्द शुरू होने वाले हैं

    नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। टोक्यो में होने वाले ओलंपिक खेलों के लिए तैयारियां जारी हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि 1896 से एथेंस में शुरू हुई इस प्रतियोगिता में पहले पदक नहीं दिया जाता था। जी हां, ये सच है। ओलंपिक खेल के कई संस्करण गुजर जाने के बाद इन खेलों में पदक जेने की प्रतियोगिता शुरू हुई थी। 1904 में सेंट लुइस खेलों के दौरान ओलंपिक खेलों में पहली बार पहले तीन स्थानों पर आने वाले खिलाड़ियों को स्वर्ण पदक, रजत पदक और कांस्य पदक देने की परंपरा शुरू हुई

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    अस्तित्व की लड़ाई

    सेंट लुइस ओलंपिक खेलों में भी पेरिस की गलतियां दोहराने के कारण यह आयोजन अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ता रहा। पिछले ओलंपिक की तरह ही इस बार बार भी साढ़े चार महीने तक इन खेलों का आयोजन हुआ। हालांकि, यह दुनिया का ध्यान आकर्षित करने में सफल नहीं हो सका। हालांकि, अगली बार जब 1908 में ओलंपिक खेलों का आयोजन हुआ तो पहली बार ऐसा था जब इन खेलों का आयोजन यूरोप के बाहर हुआ था।

    खिलाड़ियों को पदक देने की परंपरा सेंट लुइस ओलंपिक से शुरू हुई। लंदन ओलंपिक से ही खेलों के इस महाकुंभ को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली। पहली बार यह खेल यूरोप के बाहर आयोजित किए गए। साल 1912 में लंदन में हुए ओलंपिक खेलों का आयोजन इटली में होना था, पर वहां विसुवियस ज्वालामुखी के फटने के कारण उसने मेजबानी से अपना नाम वापस ले लिया। लंदन में आयोजन जल्दबाजी में किया गया। पहली बार राष्ट्रीय ध्वज शामिल किए गए, जिससे इन खेलों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली।

    दौड़: पहली बार मैराथन के लिए 42 किमी और 195 मी की दौड़ तय की। अंतिम 195 मी की दूरी इसलिए रखी गई ताकि लंदन स्टेडियम में दौड़ रायल बाक्स के ठीक नीचे खत्म हो सके। इटली के धावक डोरांडो पिएट्री अंतिम चक्कर में गलत दिशा में दौड़ते हुए गिर गए। अधिकारियों ने उन्हें सहारा दिया। वह पहले स्थान पर आए। बाहरी मदद मिलने के कारण उन्हें अयोग्य ठहराया, लेकिन वह इतिहास में अमर हो गए।

    पहला विवाद

    40 किमी की मैराथन अमेरिकी धावक फ्रेड लार्ज ने जीती। दूरी के बीच के हिस्से को कार से तय करने के चलते उन्हें अयोग्य ठहराया गया। दूसरे स्थान पर रहे थामस हिक्स विजेता बने। लकड़ी की एक टांग के सहारे अमेरिकी जिम्नास्ट जार्ज आइजनर ने छह पदक जीते। 1904 के ओलंपिक खेलों से ही मुक्केबाजी व फ्रीस्टाइल मुक्केबाजी और फ्रीस्टाइल कुश्ती जैसे खेल पहली बार ओलंपिक का हिस्सा बने।

    1912 के ओलंपिक खेलों में जापान ने पहली बार भाग लिया। मार्डन पेंटाथलान, महिला तैराकी और घुड़सवारी को शामिल किया गया। ग्रीको रोमन कुश्ती में एक सेमीफाइनल रिकार्ड 11 घंटे, 45 मिनट तक चला। रूस के मार्टिन कलिन ने यह मैच जीता। इन खेलों में पहली बार शपथ ली गई। पहली बार शांति के प्रतीक के तौर पर कबूतर उड़ाए गए और ओलंपिक ध्वज फहराया गया।

    जिम थोर्प अमेरिकी मूल के जिम थोर्प ने ओक्लाहामा के लिए पेंटाथलान और डेकाथलान का स्वर्ण बड़े अंतर से जीता। बाद में उनके यह रहस्योद्घाटन करने पर कि उन्होंने खेल से पहले पैसे लेकर बेसबाल खेला था, उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया। 1982 में आइओसी ने इस परिणाम को बहाल करते हुए उनके पदक उनकी बेटी को लौटा दिए। विंटर स्पोर्ट्स इन खेलों में एक हफ्ते विंटर स्पोर्ट्स भी आयोजित किए गए। जिसमें 1908 के बाद पहली बार फिगर स्केटिंग भी शामिल की गई।

    उम्रदराज चैंपियन

    स्वीडन के 100 मीटर के धावक आस्कर स्वान 72 साल की उम्र में टीम स्पर्धा में स्वर्ण जीतकर सबसे उम्रदराज ओलंपिक चैंपियन बने। निशानेबाज गुर्लेमो पाराएंस ने ब्राजील को इन खेलों का पहला स्वर्ण पदक दिलाया। लंदन में हुए ओलंपिक खेल आधुनिक युग का सबसे लंबा आयोजन रहा। यह ओलंपिक 187 दिन (छह महीने से अधिक) तक चला।

    ओलंपिक भावना

    खेल भावना की अद्भुत मिसाल इस ओलंपिक में देखने को मिली। ग्रीको रोमन कुश्ती मुकाबले का फाइनल मार्टेशन और एंडरसन के बीच होना था, लेकिन मार्टेशन को हल्की चोट लगने के कारण मुकाबले को एक दिन के लिए टाल दिया गया। अगले दिन मार्टेशन ने मुकाबला जीत लिया।