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    इंटरनेशनल खिताब जीतने वाले पहले भारतीय शटलर नंदू नाटेकर का 88 वर्ष की उम्र में हुआ निधन

    By Sanjay SavernEdited By:
    Updated: Wed, 28 Jul 2021 09:37 PM (IST)

    नाटेकर जब कोर्ट पर खेलते थे तो उनकी तुलना अक्सर किसी बैले नर्तक से की जाती थी। अपने करियर में उन्होंने 100 से अधिक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खिताब जीते। उनके परिवार में पूर्व डेविस कप खिलाड़ी बेटा गौरव नाटेकर और दो बेटियां हैं।

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    अंतरराष्ट्रीय खिताब जीतने वाले पहले भारतीय शटलर नंदू नाटेकर (एपी फोटो)

    पुणे, प्रेट्र। भारतीय बैडमिंटन के शुरुआती दौर के सुपरस्टार में से एक नंदू नाटेकर का उम्र संबंधी बीमारियों के कारण यहां बुधवार को निधन हो गया। वह 88 वर्ष के थे। नाटेकर जब कोर्ट पर खेलते थे तो उनकी तुलना अक्सर किसी बैले नर्तक से की जाती थी। अपने करियर में उन्होंने 100 से अधिक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खिताब जीते। उनके परिवार में पूर्व डेविस कप खिलाड़ी बेटा गौरव नाटेकर और दो बेटियां हैं।

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    गौरव ने बताया, 'उनका घर में निधन हुआ और हम सभी उनके साथ थे। वह पिछले तीन महीने से बीमार थे।' छह बार के राष्ट्रीय सिंगल्स चैंपियन नाटेकर ने 20 वर्ष की उम्र में भारत के लिए खेलना शुरू किया। वह राष्ट्रीय स्तर पर क्रिकेट और टेनिस खेलने के बाद बैडमिंटन खेले। नाटेकर 1951-52 राष्ट्रीय जूनियर टेनिस के फाइनल में रामनाथन कृष्णन के खिलाफ हार के बाद बैडमिंटन से जुड़े।

    नाटेकर 1956 में अंतरराष्ट्रीय खिताब जीतने वाले पहले भारतीय शटलर (बैडमिंटन खिलाड़ी) थे। अपने समय के सबसे लोकप्रिय खिलाडि़यों में से एक माने जाने वाले नाटेकर दुनिया के पूर्व नंबर तीन खिलाड़ी थे। पश्चिमी महाराष्ट्र के सांगली में जन्मे नाटेकर को 1961 में पहले अर्जुन पुरस्कार से नवाजा गया। नाटेकर परिवार ने कहा, 'कोविड-19 दिशानिर्देशों को ध्यान में रखते हुए हम शोक सभा का आयोजन नहीं करेंगे। कृपया अपने विचारों और प्रार्थना में उन्हें याद रखें।'

    नाटेकर ने 15 साल से अधिक के अपने करियर के दौरान 1954 में प्रतिष्ठित आल इंग्लैंड चैंपियनशिप के क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई और 1956 में कुआलालंपुर में सेलांगर अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट जीतकर अंतरराष्ट्रीय खिताब जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बने। उन्होंने 1951 से 1963 के बीच थामस कप में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व करते हुए अपने 16 में से 12 सिंगल्स और 16 में से आठ डबल्स मुकाबले जीते थे। उन्होंने और मीना शाह ने 1962 में बैंकाक में किंग्स कप अंतरराष्ट्रीय मिक्स्ड डबल्स खिताब जीता। उन्होंने एक साल बाद सिंगल्स खिताब भी अपने नाम किया। उन्होंने जमैका में 1965 राष्ट्रमंडल खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व किया था। नाटेकर 1990 से 1994 तक महाराष्ट्र बैडमिंटन संघ के अध्यक्ष भी रहे।