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महज 9 सेकेंड में साक्षी मलिक ने बदल दिया था ओलंपिक में भारतीय कुश्ती का इतिहास

भारत के लिए 2016 ओलंपिक में कांस्य पदक जीत साक्षी ने वो कारनामा किया जिसने उनका नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज करा दिया। साक्षी आज अपना 27वां जन्मदिन मना रहीं हैं।

By Viplove KumarEdited By: Published: Tue, 03 Sep 2019 12:55 PM (IST)Updated: Tue, 03 Sep 2019 12:55 PM (IST)
महज 9 सेकेंड में साक्षी मलिक ने बदल दिया था ओलंपिक में भारतीय कुश्ती का इतिहास
महज 9 सेकेंड में साक्षी मलिक ने बदल दिया था ओलंपिक में भारतीय कुश्ती का इतिहास

नई दिल्ली, जेएनएन। साक्षी मलिक ने भारतीय महिला कुश्ती को पूरी दुनिया में एक अलग पहचान दिलाई। भारत के लिए 2016 ओलंपिक में कांस्य पदक जीत साक्षी ने वो कारनामा किया, जिसने उनका नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज करा दिया। साक्षी आज अपना 27वां जन्मदिन मना रहीं हैं।

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भारत के लिए ओलंपिक में महिला कुश्ती में पहला पदक जीतने वाली साक्षी का जन्म 3 सितंबर 1992 को हरियाणा के रोहतक में हुआ था। महिला पहलवानी में इस खिलाड़ी ने एक ऐसी कामयाबी हासिल की जिसने इतिहास रच दिया।

रियो डि जेनेरियो ओलंपिक बनाया यादगार

साल 2016 में ब्राजील के रियो डि जेनेरियो में हुए ओलंपिक को साक्षी ने अपनी प्रतिभा से यादगार बना दिया। साक्षी ने महिलाओं की फ्रीस्टाइल कुश्ती के 58 किग्रा भार वर्ग में भारत के लिए कांस्य पदक जीता था। ऐसा करने वाली वह भारत की पहली महिला पहलवान बनीं थी। उनसे पहले किसी भी महिला पहलवान ने ओलंपिक में पदक हासिल नहीं किया था।

आसान नहीं था साक्षी का पदक हासिल करना

साक्षी के लिए ओलंपिक कांस्य पदक तक पहुंचना आसान नहीं था। उनको 6 घंटे के भीतर चार बार कुश्ती के मुकाबले में उतरना पड़ा। क्वार्टर फाइनल में साक्षी को रशियन पहलवान के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा था। ऐसा लगा उनके पदक की उम्मीद खत्म हो गई लेकिन रशियन पहलवान ने फाइनल में जगह बनाई और कुश्ती के नियमों के मुताबिक साक्षी को रेपीचाज में उतरने का मौका मिला। इस भारतीय पहलवान ने लगातार दो मुकाबले जीत भारत की झोली में मेडल डाल दिया।

महज 9 सकेंड में साक्षी मलिक ने रचा इतिहास

मेडल के लिए उतरी साक्षी के लिए मुकाबला मुश्किल था और वह आखिरी मिनटों में कजाकिस्तान की पहलवान एमसी इसानु से पीछे चल रही थी। पहले राउंड के बाद स्कोर 0-5 था मतलब साक्षी अपना खाता भी नहीं खोल पाईं थी।

साक्षी ने मैच खत्म होने से कुछ मिनट में जोरदार खेल दिखाते हुए स्कोर को 5-5 से बराबर किया। इसके बाद अंतिम के 9 सेकेंड में साक्षी ने विरोधी को धूल चटाए हुए दो अहम अंक हासिल किए और मेडल भारत की झोली में डाल दिया।

साक्षी की उपलब्धि

2016 में रियो डि जेनेरियो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने के अलावा साक्षी ने कई और भी पदक हासिल किए हैं। साल 2014 ग्लास्गो में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में उन्होंने सिल्वर मेडल जीता था। वहीं 2018 में गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ में उन्होंने कांस्य पदक जीता था।

एशियन चैंपियनशिप की बात करें तो 2015 दोहा में 60 किलोग्राम भारवर्ग में साक्षी ने कांस्य पदक, नई दिल्ली में साल 2017 में उन्होंने सिल्वर मेडल जीता था। इसके अलावा साल 2018 और 2019 में कांस्य पदक अपने नाम किया।

साक्षी को मिला सम्मान

साल 2017 में ओलंपिक में हासिल की गई उनकी उपलब्धि के लिए पद्म श्री अवार्ड से सम्मानित किया गया।

साल 2016 में साक्षी को खेल के सबसे बड़े सम्मान खेल रत्न से भी नवाजा गया।


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