टोक्यो ओलंपिक 2021: 50 किमी पैदल चाल में पटियाला के गुरप्रीत सिंह का ओलंपिक में हुआ चयन
गुरप्रीत सिंह ने वर्ल्ड रैंकिंग के आधार पर टोक्यो ओलंपिक 2021 के लिए क्वालीफाई कर लिया है। गुरप्रीत के चयन से परिवार में जश्न का माहौल है। वहीं केंद्रीय खेल मंत्री किरन रिजिजू ने ट्वीट करके उन्हें बधाई दी है।

गौरव सूद, पटियाला। गुरप्रीत सिंह ने वर्ल्ड रैंकिंग के आधार पर टोक्यो ओलंपिक 2021 के लिए क्वालीफाई कर लिया है। गुरप्रीत के चयन से परिवार में जश्न का माहौल है। वहीं, केंद्रीय खेल मंत्री किरन रिजिजू ने ट्वीट करके उन्हें बधाई दी है। गुरप्रीत ने अपने इस सफर की शुरुआत आर्मी में भर्ती होने के बाद की। पहली सफलता उन्हें आर्मी के डिविजन स्तर के टूर्नामेंट में मिली, जहां उन्होंने पहला कांस्य पदक जीता। इसके बाद उन्होंने मुड़कर नहीं देखा और सीनियर नेशनल चैंपियनशिप में दो रजत और एक स्वर्ण पदक जीते। 50 किलोमीटर पैदल चाल में उनका बेस्ट समय तीन घंटे 50 मिनट है और विश्व में 62वां रैंक है।
गुरप्रीत इस समय आर्मी की 14 पंजाब यूनिट में बतौर हवलदार पुणे में सेवा निभा रहे हैं। गुरप्रीत कहते हैं कि वह आर्मी की वर्दी के ¨जदगी भर कर्जदार रहेंगे क्योंकि इस वर्दी से जहां उन्हें रोजगार मिला वहीं दुनिया भर में भारत का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला है। उनका सपना है कि वह ओलंपिक में स्वर्ण जीतकर देश और माता पिता का नाम रोशन करे।
आर्मी की भर्ती के दौरान मिली थी खेल की जानकारी
गुरप्रीत बताते हैं कि उन्हें इस खेल की कोई जानकारी नहीं थी। सेना में भर्ती होने से पहले वर्ष 2004 में मो¨हद्रा कालेज में उन्होंने पहली बार कुछ युवकों को इसका अभ्यास करते देखा था। लेकिन उस समय उनका लक्ष्य 1600 मीटर रेस क्वालीफाई कर सेना में भर्ती होना था। इस कारण उन्होंने इस पर ध्यान नहीं दिया। सेना में भर्ती होने के बाद उन्होंने श्रीगंगानगर में एक युनिट स्तर के टूर्नामेंट के 50 किलोमीटर पैदल चाल के लिए अभ्यास कर खिलाडि़यों को देखा तो कोच को कहा कि वह इनसे बेहतर कर सकता है। कोच ने उसे मौका दिया और उस टूर्नामेंट में उसने ¨जदगी का पहला कांस्य पदक जीता।
गुरप्रीत की उपलब्धियां
- सीनियर नेशनल 2010 : रजत पदक
- सीनियर नेशनल 2020 : रजत पदक
- सीनियर नेशनल 2021 : स्वर्ण पदक
माइग्रेन व ड्यूटी की वजह से दो साल नहीं कर सका अभ्यास
गुरप्रीत सिंह ने बताया कि वर्ष 2016 में माइग्रेन की परेशानी के कारण उसे अभ्यास छोड़ना पड़ा। इसके बाद ड्यूटी के लिए उन्हें डेमोक्रेटिक रिपब्लिक आफ कोंगो जाना पड़ा। इस कारण वह 2018 तक अभ्यास नहीं कर सका।
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