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    Exclusive Interview: Khelo India योजना से भारत के खेलों का भविष्य बनेगा? खेल मंत्री Anurag Thakur ने दिए कई अहम सवालों के जवाब

    केंद्रीय खेल और युवा मामलों के मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि खेलो इंडिया योजना एक व्यापक खेल योजना है जो देश को बेहतर खेल राष्ट्र की ओर लेकर जाएगी। खेल मंत्री ने खेल महासंघों में विवादों से लेकर पूर्व खिलाडि़यों द्वारा खेल महासंघों का नेतृत्व करने पर कहा कि वह सभी खेल महासंघों में पारदर्शिता चाहते हैं। अनुराग ठाकुर से अभिषेक त्रिपाठी ने विशेष बातचीत की।

    By Jagran News Edited By: Priyanka Joshi Updated: Tue, 12 Mar 2024 12:08 PM (IST)
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    सरकार का खेल संघों में दखल का कोई इरादा नहीं-Anurag Thakur

    नई दिल्ली, स्पोर्ट्स डेस्क। केंद्रीय खेल और युवा मामलों के मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि खेलो इंडिया योजना एक व्यापक खेल योजना है जो देश को बेहतर खेल राष्ट्र की ओर लेकर जाएगी। खेल मंत्री ने खेल महासंघों में विवादों से लेकर पूर्व खिलाडि़यों द्वारा खेल महासंघों का नेतृत्व करने पर कहा कि वह सभी खेल महासंघों में पारदर्शिता चाहते हैं। अनुराग ठाकुर से अभिषेक त्रिपाठी ने विशेष बातचीत की। पेश हैं प्रमुख अंश:-

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    सवाल- खेलो इंडिया कार्यक्रम वर्तमान सरकार के अंतर्गत शुरू किया गया। क्या यह वर्तमान में सरकार के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता है? क्या इससे भारत में खेलों का भविष्य बनेगा?

    जवाब- जी हां, यह निकट भविष्य में भारत को एक बेहतर खेल राष्ट्र बनने की ओर ले जाएगा। खेलो इंडिया योजना भारत की व्यापक खेल परियोजना है। यह केवल खेलो इंडिया यूथ गेम्स, खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स, खेलो इंडिया ¨वटर गेम्स और खेलो इंडिया पैरा गेम्स प्रतियोगिताओं के बारे में ही नहीं है बल्कि इसमें इन खेलों के आयोजन के अलावा और भी बहुत कुछ शामिल है।

    खेलो इंडिया योजना का प्रमुख घटक खेल बुनियादी ढांचे का विकास करना है। मंत्रालय ने देश भर में 331 खेल बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए लगभग 3000 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। दूसरी तरफ राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्रों से लेकर साई प्रशिक्षण केंद्रों और खेलो इंडिया राज्य केंद्रों से लेकर देश भर में खेलो इंडिया मान्यता प्राप्त अकादमियों तक प्रशिक्षण केंद्रों की संरचना के माध्यम से प्रतिभा की पहचान और विकास करना है।

    सवाल - हाल ही में आपने घोषणा की है कि खेलो इंडिया गेम्स में पदक जीतने वाले एथलीट सरकारी नौकरियों के लिए पात्र होंगे। इस निर्णय को तेजस्विन शंकर सहित कई एथलीटों के विरोध का सामना करना पड़ा। इस पर आपके क्या विचार हैं?

    जवाब- सरकार ने हाल के वर्षों में इन खेलों के बढ़ते महत्व को ध्यान में रखते हुए ही खेलो इंडिया गेम्स को अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में जोड़ने का निर्णय लिया। इसके अलावा, इससे खिलाडि़यों को खेलो इंडिया गेम्स में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए अधिक प्रोत्साहन मिलेगा।

    सवाल- आपके कार्यकाल के दौरान भारतीय कुश्ती महासंघ के भीतर विवाद हुए, पहलवानों ने विरोध प्रदर्शन भी किया। आप इस विवाद को कैसे देखते हैं, विशेषरूप से तब जब तमाम कोशिशों के बावजूद विरोध करने वाले पहलवान अभी भी नाखुश हैं, जबकि मंत्रालय ने भारतीय कुश्ती महासंघ को निलंबित भी कर दिया है?

    जवाब- मैं हमेशा राष्ट्रीय खेल महासंघों के प्रशासन में पारदर्शिता और निष्पक्ष खेल वाले सुशासन के लिए अडिग रहा हूं। पुलिस और कानून अदालतें इस मामले पर विचार कर रही हैं और हमारे लिए यह महत्वपूर्ण है कि हम प्रक्रिया पूरी होने का इंतजार करें। आपको पता होगा कि ओ¨लपिक में भाग लेने वाले सभी योग्य और फिट पहलवानों का परीक्षण सोनीपत और राष्ट्रीय खेल संस्थान पटियाला में उत्कृष्टता केंद्रों में निष्पक्ष तरीके से आयोजित किया गया है।

    भारतीय राष्ट्रीय खेल विकास संहिता, 2011, संबंधित अंतरराष्ट्रीय महासंघ के नियम और ओलंपिक चार्टर राष्ट्रीय खेल महासंघ को उनके सभी निर्णय लेने में मार्गदर्शन करते हैं। पीटी ऊषा भारतीय ओंलपिक संघ की प्रमुख हैं, जबकि कल्याण चौबे को अखिल भारतीय फुटबाल महासंघ ने जिम्मेदारी दी है और हाल ही में देवेंद्र झाझरिया भारतीय पैरालंपिक समिति (पीसीआइ) के अध्यक्ष बने हैं।

    सवाल- क्या सरकार पूर्व एथलीटों को खेल संघों का नेतृत्व करने के लिए सशक्त बनाने की दिशा में आगे बढ़ रही है?

    जवाब- सरकार इस तथ्य को मानती है कि भारतीय ओलंपिक संघ और राष्ट्रीय खेल महासंघ स्वायत्तशासी निकाय हैं। यह तय करने में कोई भूमिका नहीं निभाता है कि इन संगठनों की कार्यकारी समितियों के लिए कौन चुना जाता है। इसके विपरीत, सरकार केवल भारतीय राष्ट्रीय खेल विकास संहिता, 2011 के तहत इन संगठनों में सुशासन को प्रोत्साहित करती है। ऐसा कहने के बाद, एथलीटों को खेल की सेवा करने की इच्छा के साथ आगे बढ़ते देखना खुशी की बात है।

    सवाल- इस वर्ष पेरिस ओलंपिक और पैरालंपिक होने हैं। पिछले साल एशियाई खेलों में भारत का प्रदर्शन उल्लेखनीय रहा था। टोक्यो में भारत ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। इस बार एथलीटों से आपकी क्या उम्मीदें हैं? क्या पिछले रिकार्ड टूटेंगे?

    जवाब- सरकार का मानना है कि भारतीय दल इस तरह की प्रतियोगिता से अब तक के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के साथ लौटने के चलन को जारी रखेगा। हमें विश्वास है कि हमारे एथलीट अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेंगे। मंत्रालय ने एथलीटों को पेरिस 2024 की तैयारी के लिए अधिकतम समर्थन देने की पेशकश की है।

    सवाल- देश में ऐसे कई खेल हैं जिनके लिए खेल बुनियादी ढांचा पर्याप्त नहीं है। आज, हमारे खिलाड़ी न केवल क्रिकेट बल्कि एथलेटिक्स, हाकी, फुटबाल और अन्य खेलों में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे हैं। यह सुनिश्चित करने के लिए क्या योजनाएं हैं कि खिलाड़ी अन्य खेलों में भी उच्चतम स्तर पर प्रदर्शन कर सकें?

    जवाब- किसी भी खेल इकोसिस्टम की रीढ़, सुविधाएं और मानव संसाधन दोनों ही मामलों में, खेल बुनियादी ढांचा है। यह वह दर्शन है, जिसने 331 परियोजनाओं का नेतृत्व किया है, जिनकी लागत के लिए वर्ष 2014 से 2943.64 करोड़ रुपये स्वीकृत किए जा रहे हैं। वर्ष 2010-11 से चार वर्षों में 38 खेल बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के निर्माण या उन्नयन में औसतन 52 करोड़ रुपये का वार्षिक निवेश किया गया, जो पिछले एक दशक में 331 परियोजनाओं में सालाना 294 करोड़ रुपये की कमाई की कहानी बताती है।

    सवाल- राष्ट्रीय खेल महासंघ कानूनी विवादों में फंस गए हैं। यह भी आरोप लगाए गए हैं कि सरकार पिछले दरवाजे से राष्ट्रीय खेल महासंघ पर नियंत्रण बढ़ा रही है। इसमें आपको क्या फायदा होगा?

    जवाब- जैसा कि मैंने पहले भी कहा था कि सरकार भारतीय ओ¨लपिक संघ और राष्ट्रीय खेल महासंघों को स्वायत्त शासी निकाय के रूप में मान्यता देती है। हालांकि मंत्रालय भारतीय राष्ट्रीय खेल विकास संहिता, 2011 के माध्यम से इन निकायों में सुशासन को प्रोत्साहित करता है, लेकिन इन संगठनों की कार्यकारी समितियों में कौन चुना जाता है, यह तय करने में इसकी कोई भूमिका नहीं है। मंत्रालय यह सुनिश्चित करता है कि एथलीटों को उनके प्रशिक्षण और प्रतियोगिता के लिए सभी आवश्यक सहायता मिले।

    सवाल- क्या कोई ऐसा कार्य है जिसे आप पूरा करना चाहते थे लेकिन किसी कारणवश नहीं कर सके?

    जवाब- युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री के रूप में मैं जो भी कर पाया हूं उससे मैं बहुत खुश हूं। मैंने 2021 में टोक्यो 2020 ओलंपिक खेलों से ठीक पहले कार्यभार संभाला और मुझे खुशी है कि भारतीय एथलीट खेलों से सर्वोत्तम परिणामों के साथ वापस आए हैं। मुझे खुशी है कि हम खेलो इंडिया अश्मिता महिला लीग, खेलो इंडिया गेम्स, खेलो इंडिया विंटर गेम्स और खेलो इंडिया पैरा गेम्स को जोड़ने में सक्षम हुए हैं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि सभी खेल इसके दायरे में आते हैं।