नेहरू स्टेडियम में एथलीटों की एंट्री पर रोक, नई पालिसी के इंतजार में खिलाड़ी परेशान
जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम (जेएलएन) में विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप के लिए तैयार किया गया था। मोंडो ट्रैक के कारण एक बार फिर से ये स्टेडियम विवादों में है। स्टेडियम के अंदर (मुख्य मोंडो ट्रैक) और बाहर (अभ्यास मोंडो ट्रैक) लगभग 50 करोड़ रुपये की लागत से मोंडो ट्रैक का निर्माण किया गया था, ताकि खिलाड़ियों को विश्वस्तरीय अभ्यास की सुविधा मिल सके।

जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में एथलीटों की एंट्री पर रोक।
लोकेश शर्मा, नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम (जेएलएन) में विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप के लिए तैयार किया गया था। मोंडो ट्रैक के कारण एक बार फिर से ये स्टेडियम विवादों में है। स्टेडियम के अंदर (मुख्य मोंडो ट्रैक) और बाहर (अभ्यास मोंडो ट्रैक) लगभग 50 करोड़ रुपये की लागत से मोंडो ट्रैक का निर्माण किया गया था, ताकि खिलाड़ियों को विश्वस्तरीय अभ्यास की सुविधा मिल सके। लेकिन अब यही ट्रैक एथलीटों के लिए परेशानी का सबब बन गया है।
पहले जहां खिलाड़ी बाहर वाले अभ्यास ट्रैक पर नियमित रूप से ट्रेनिंग किया करते थे। वहीं अब उन्हें वहां प्रवेश से रोक दिया जा रहा है। विश्व पैरा एथलेटिक्स खत्म होने के बाद स्टेडियम प्रशासन ने कहा था कि दीवाली के बाद एथलीटों को अभ्यास की अनुमति फिर से दी जाएगी, लेकिन शुक्रवार की शाम जब करीब 50 से 60 एथलीट गेट नंबर-1 पर पहुंचे, तो उन्हें सुरक्षा कर्मियों ने अंदर जाने से रोक दिया।
ऊपर से मिला है आदेश
खिलाड़ियों और कोचों द्वारा कारण पूछे जाने पर गार्डों ने बताया कि उन्हें ऊपर से आदेश मिला है कि किसी भी एथलीट को अंदर प्रवेश नहीं दिया जाए। जब तीन कोच स्थिति स्पष्ट करने के लिए अंदर गए तो स्टेडियम प्रशासन ने बताया कि 100 रुपये में वार्षिक अभ्यास पालिसी को रद्द कर दिया गया है। अब 14 नवंबर के बाद एक नई कमेटी गठित की जाएगी, जो अभ्यास से जुड़ी नई पालिसी तैयार करेगी।
सूत्रों के अनुसार, नई पालिसी के तहत केवल राज्य, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीत चुके एथलीटों को ही अभ्यास की अनुमति दी जाएगी। वहीं, जो अंतरराष्ट्रीय एथलीट पहले से अभ्यास कर रहे हैं, उन्हें विशेष छूट दी गई है। स्पोर्ट्स आथोरिटी ऑफ इंडिया (साई) के आफिशियल ने बताया कि विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप के दौरान स्टेडियम में नवीकरण का कार्य रह गया था जिसके चलते अब उसे पूरा करने का कार्य किया जा रहा है। साथ ही 15 नंवबर को कमेटी बनने के बाद मीटिंग में नई पालिसी के तहत स्टेडियम को एथलीट्स के लिए खोल दिया जाएगा।
नया नियम लागू
इसके साथ ही स्टेडियम प्रशासन ने एक और नया नियम लागू करने की योजना बना रही है, सात एमएम कील वाले जूतों में दौड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। केवल पांच एमएम कील वाले जूतों में दौड़ने की अनुमति दी जाएगी ताकि मोंडो ट्रैक की सतह खराब न हो। हालांकि, एथलीटों का कहना है कि पांच एमएम वाले जूते बेहद महंगे होते हैं। इनकी कीमत 4 से 5 हजार रुपये तक होती है, जबकि सात एमएम वाले जूते 800 रुपये से मिल जाते हैं।
कई एथलीटों ने नाराजगी जताते हुए कहा कि हमारे लिए इतना महंगा जूता खरीदना संभव नहीं है। अगर अभ्यास के लिए भी इतने नियम-कायदे लगाए जाएंगे तो सामान्य खिलाड़ी कहां जाएंगे? स्टेडियम के एक अधिकारी ने बताया कि खिलाड़ियों को रोकने का मकसद मोंडो ट्रैक की गुणवत्ता बनाए रखना है, ताकि भविष्य की अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में इसका उपयोग किया जा सके। लेकिन एथलीटों का मानना है कि खेल सुविधाएं तभी सार्थक हैं, जब वे खिलाड़ियों के लिए खुली हों न कि बंद दरवाजों के पीछे सुरक्षित रखी जाएं।

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