FIDE Women's World Cup: दिव्या देशमुख ने रचा इतिहास, पूर्व विश्व चैंपियन को हराकर फाइनल में किया प्रवेश
दिव्या देशमुख ने फिडे महिला वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंचकर इतिहास रच दिया। दिव्या शतरंज वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला बनीं। दिव्या ने सेमीफाइनल में पूर्व वर्ल्ड चैंपियन चीन की तान झोंगयी को हराया। फाइनल में दिव्या देशमुख की भिड़ंत हमवतन कोनेरू हंपी या चीन की ली तिंगजी में से किसी एक से होगी।

जेएनएन, नई दिल्ली। भारत की शतरंज सनसनी दिव्या देशमुख ने जार्यिजा के बाटुमी में खेले जा रहे फिडे महिला विश्व कप के फाइनल में पहुंचकर इतिहास रच दिया।
सेमीफाइनल में दिव्या ने चीनी की पूर्व विश्व चैंपियन तान झोंगयी को हराकर न केवल टूर्नामेंट के फाइनल में जगह बनाई, बल्कि इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता के फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी बन गईं।
इस उपलब्धि के साथ ही दिव्या ने कैंडिडेट्स टूर्नामेंट के लिए भी क्वालिफाई कर लिया है। महज 19 वर्ष की उम्र में विश्व रैंकिंग में नंबर चार पर काबिज तान झोंगयी को मात देना दिव्या के करियर की अब तक की सबसे बड़ी जीत मानी जा रही है।
दो चरणों वाले इस सेमीफाइनल में दिव्या ने पहले चरण में काले मोहरों से बाजी ड्रा की थी और दूसरे चरण में सफेद मोहरों से जीत हासिल कर 1.5-0.5 से मुकाबला अपने नाम किया।
इस ऐतिहासिक सफलता के साथ दिव्या को अपना पहला ग्रैंडमास्टर (जीएम) नार्म भी मिला, जिससे वह भारत की चौथी महिला ग्रैंडमास्टर बनने की दिशा में एक बड़ा कदम बढ़ा चुकी हैं।
अब तक भारत की ओर से केवल कोनेरू हंपी, डी हरिका, और आर. वैशाली को महिला वर्ग में ग्रैंडमास्टर खिताब प्राप्त है।
दिव्या की यह जीत न केवल उनके व्यक्तिगत करियर के लिए मील का पत्थर है, बल्कि भारतीय शतरंज के लिए भी गौरवपूर्ण क्षण है। अब सबकी निगाहें फाइनल मुकाबले पर हैं, जहां देश की यह युवा प्रतिभा नया इतिहास रचने को तैयार है।

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