राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदलने के बाद ट्विटर पर छिड़ा विवाद, दो गुटों में बंटे लोग
भारत के सबसे बड़े खेल सम्मान राजीव गांधी खेल रत्न का नाम बदलकर भारत के महान हॉकी खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद के नाम पर रख दिया गया है। अब इस अवार्ड को मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार के नाम से जाना जाएगा।

नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। भारत के सबसे बड़े खेल सम्मान राजीव गांधी खेल रत्न का नाम बदलकर भारत के महान हॉकी खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद के नाम पर रख दिया गया है। अब इस अवार्ड को मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार के नाम से जाना जाएगा। इस फैसले के बाद अब ट्विटर पर लोग दो हिस्सों में बंटे दिखाई दे रहे हैं और तमाम तरह की प्रतिक्रियाएं दी जाने लगी है। कुछ लोगों ने इसे सही फैसला करार दिया तो कुछ का कहना है कि, ये कहीं से भी सही फैसला नहीं है। यही नहीं कुछ लोगों ने नरेंद्र मोदी स्टेडियम के नाम को भी बदलने की मांग कर डाली।
नरेंद्र मोदी स्टेडियम का नाम बदलने की मांग करने वाले दल को दूसरे दल की तरफ से कहा गया कि, पहले देश में जिन स्टेडियम के नाम पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और इंदिरा गांधी के नाम पर रखे गए हैं उन्हें बदला जाए। भारत में पीएम नरेंद्र मोदी के नाम पर सिर्फ एक ही स्टेडियम है जबकि जवाहर लाल नेहरू और इंदिरा गांधी के नाम पर कई स्टेडियम हैं। आपको बता दें कि, जब मोटेरा में बने क्रिकेट स्टेडियम का नाम पीएम नरेंद्र मोदी के नाम पर करने का गुजरात क्रिकेट संघ (जेसीए) ने एलान किया था तब भी इस फैसले पर कुछ लोगों ने सवाल उठाए थे।
देश के पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के नाम पर कुल नौ स्टेडियम पूरे देश में हैं जिसमें से आठ में (नई दिल्ली, कोच्चि, चेन्नई, इंदौर, गुवाहाटी, मडगांव, पुणे और गाजियाबाद) घरेलू और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का आयोजन हो चुका है। इंदिरा गांधी के नाम गुवाहाटी, नई दिल्ली और विजयवाड़ा, तो राजीव गांधी के नाम हैदराबाद, देहरादून, कोच्चि और विशाखापत्तनम में खेल स्टेडियम हैं। यहां फुटबॉल, क्रिकेट, कुश्ती, कबड्डी के कई बड़े टूर्नामेंट हो चुके हैं।
इसके अलावा पूर्व प्रधानमंत्री अटल विहारी वाजपेयी के नाम हिमाचल प्रदेश के नादौन व उनके पूर्व संसदीय क्षेत्र लखनऊ में क्रिकेट स्टेडियम है। पूर्व गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल के नाम वलसाड़ में स्टेडियम है, जबकि अहमदाबाद में स्पोर्ट्स कांपलेक्स उनके नाम पर रखा गया था। दिल्ली के कोटला स्टेडियम को पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली के नाम कर दिया गया था। 1987 में नेहरू कप की मेजबानी करने वाले कोझीकोड ईएमएस का नाम कम्यूनिस्ट नेता और केरल के पहले मुख्यमंत्री ईएमएस नंबूदिरिपाद के नाम किया जा चुका है।
भारत ने भारत रत्न सचिन तेंदुलकर, सुनील गावस्कर, कपिल देव जैसे धुरंधर क्रिकेटर दिए, लेकिन देश में किसी क्रिकेटर के नाम कोई स्टेडियम नहीं हैं। हालांकि, दिल्ली, मुंबई सहित कई स्टेडियमों में क्रिकेटरों के नाम स्टैंड और गेट हैं। हॉकी के दिग्गज मेजर ध्यानचंद के नाम नई दिल्ली और लखनऊ में, केडी सिंह बाबू के नाम पर लखनऊ में और कैप्टन रूप सिंह के नाम पर ग्वालियर में स्टेडियम है। सिक्किम में फुटबॉलर बाईचुंग भूटिया के नाम पर स्टेडियम है।
जवाहरलाल लाल नेहरू और इंदिरा के नाम ये बड़े स्टेडियम हैं। हैं जीhttps://t.co/eSHcKzMerX
— abhishek tripathi (@abhishereporter) August 6, 2021
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