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Commonwealth Games 2022: कॉमनवेल्थ में भारत के किस राज्य से खिलाड़ियों ने हासिल किए कितने पदक, डालते हैं एक नजर

Commonwealth Games 2022 भारत को बर्मिघम कामनवेल्थ गेम्स 2022 में सबसे ज्यादा पदक हरियाणा और पंजाब ने दिलाए। हरियाणा के खिलाड़ियों ने व्यक्तिगत और टीम स्पर्धा मिलाकर कुल 27 पदक जबकि पंजाब के खिलाड़ियों ने 20 पदक जीते।

By Viplove KumarEdited By: Published: Thu, 11 Aug 2022 03:09 PM (IST)Updated: Thu, 11 Aug 2022 03:09 PM (IST)
Commonwealth Games 2022: कॉमनवेल्थ में भारत के किस राज्य से खिलाड़ियों ने हासिल किए कितने पदक, डालते हैं एक नजर
Commonwealth Games 2022 (भारत के मेडल विजेता खिलाड़ी )

नई दिल्ली। बर्मिघम में 28 से 8 अगस्त तक खेले गए कामनवेल्थ गेम्स में भले ही भारत चौथे स्थान पर रहा और उसने निशानेबाजी की स्पर्धा नहीं होने के बावजूद बेहतर किया, लेकिन भविष्य के टूर्नामेंटों के लिए अभी और सुधार की जरूरत है। आगे और भी अधिक पदक जीतने के लिए उत्तर प्रदेश, राजस्थान, बंगाल, मध्य प्रदेश और बिहार जैसे बड़े राज्यों से ज्यादा खिलाड़ियों के निकलने और बड़े टूर्नामेंट में बेहतर प्रदर्शन करने की सख्त जरूरत है।

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भारत ने बर्मिघम खेलों में 22 स्वर्ण सहित कुल 61 पदक जीतकर अपना पांचवां सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। भारत को पुरुष खिलाडि़यों ने 13 स्वर्ण सहित 35 पदक, जबकि महिला खिलाड़ियों ने आठ स्वर्ण सहित 23 पदक दिलाए। भारत ने मिक्स्ड स्पर्धाओं में तीन पदक हासिल किए जिसमें एक स्वर्ण भी शामिल है।

बड़े राज्यों की ज्यादा से ज्यादा भागीदारी अहम :

भारत को बर्मिघम कामनवेल्थ गेम्स में सबसे ज्यादा पदक हरियाणा और पंजाब ने दिलाए। हरियाणा के खिलाडि़यों ने व्यक्तिगत और टीम स्पर्धा मिलाकर कुल 27 पदक, जबकि पंजाब के खिलाडि़यों ने 20 पदक जीते। लेकिन जनसंख्या के लिहाज से देश का सबसे बड़ा राज्य उत्तर प्रदेश इस मामले में थोड़ा पीछे रहा। व्यक्तिगत और टीम स्पर्धा मिलाकर उत्तर प्रदेश के कुल सात खिलाड़ी बर्मिघम में पदक लाने में कामयाब हुए।

मध्यप्रदेश का हाल भी कुछ ऐसा ही रहा। उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश जैसे बड़े राज्यों से अगर और भी एथलीट निकलते हैं और ये कामनवेल्थ, एशियन गेम्स जैसे बड़े टूर्नामेंट में हिस्सा लेते हैं और बेहतर करने में सफल होते हैं तो भारत इन खेलों में अधिक पदक प्राप्त कर सकता है।

एशियन गेम्स और 2024 ओलिंपिक पर ध्यान केंद्रित :

कामनवेल्थ गेम्स के बाद भारतीय एथलीट अब अगले साल होने वाले एशियन गेम्स और 2024 में होने वाले पेरिस ओलिंपिक पर ध्यान केंद्रित करेंगे। एशियन गेम्स में प्रतिस्पर्धा कामनवेल्थ से कहीं ज्यादा कड़ी होगी, क्योंकि वहां चीन और जापान जैसे देश भी होंगे। इसके बाद 2024 पेरिस ओलिंपिक के लिए भी भारतीय एथलीटों को अपनी तैयार बेहतर रखनी होगी, जिससे वह ओलिंपिक में पदकों की संख्या दहाई तक पहुंचा सकें।

कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में राज्य और खिलाड़ियों का प्रदर्शन

राज्य खिलाड़ी    पदक 
हरियाणा 

38 

 24

पंजाब  26 

18

तमिलनाडु  17  04
दिल्ली  14 08
महाराष्ट्र  14  07
केरल  13 05
उत्तरप्रदेश  12 02 
कर्नाटक  10 02
झारखंड 08 08
असम  07 01
मणिपुर 07 03
तेलंगाना  07 07
गुजरात 05 04
ओडिसा 05 02
आंध्रप्रदेश 04 01
राजस्थान 04 00
उत्तराखंड 04 03
पश्चिमबंगाल 04 01
चंडीगढ़ 03 03
अंडमान और निकोबार 02 00
हिमाचल प्रदेश 02 01
मध्यप्रदेश 02 01
मिजोरम 02 02
छत्तीसगढ़ 01 00
जम्मू और कश्मीर 01 00
त्रिपुरा 01 00

कामनवेल्थ गेम्स में नाम मात्र रहा मध्य प्रदेश का प्रतिनिधित्व क्षेत्रफल के लिहाज से मध्य प्रदेश देश का दूसरा बड़ा राज्य है, लेकिन कामनवेल्थ गेम्स में प्रदेश का प्रतिनिधित्व नाममात्र का रहा। मध्य प्रदेश में करीब 242 करोड़ रुपये का बजट खेलों के लिए आवंटित है। खेलो इंडिया के तहत 100 करोड़ रुपये अतिरिक्त मिलते हैं। इसके बावजूद कामनवेल्थ गेम्स में पूरे प्रदेश से सिर्फ तीन खिलाड़ी शामिल हुए। इनमें भी तैराक अद्वैत पागे वर्ष 2019 से अमेरिका (फ्लोरिडा) में रहकर तैयारी कर रहे थे।

महिला क्रिकेटर पूजा वस्त्रकार के प्रशिक्षण का पूरा खर्च मप्र क्रिकेट संगठन और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने उठाया। हॉकी खिलाड़ी विवेक सागर प्रसाद जरूर मप्र सरकार की हाकी अकादमी से निकले हैं। प्रदेश में खेल विभाग की विभिन्न खेलों की अकादमियां हैं, जिनमें मोटे वेतन पर प्रशिक्षकों की भीड़ है। मगर परिणाम ढाक के तीन पात की तरह रहे। इंदौर जैसे प्रदेश के सबसे प्रमुख शहर में खेल विभाग की अकादमी तो दूर स्वयं का कार्यालय तक नहीं है। अकादमियों में भी बाहरी प्रदेशों के खिलाडि़यों को शामिल किया जाता है, ताकि परिणाम दिखाए जा सके। इससे स्थानीय खिलाड़ियों को उचित अवसर नहीं मिल पाता।


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