Bajrang Punia ने नाडा से निलंबित होने के बाद किया पलटवार, बोले- 'अगर भाजपा से जुड़ता तो...'
ओलंपिक मेडलिस्ट भारतीय पहलवान बजरंग पूनिया पर राष्ट्रीय डोपिंग विरोधी एजेंसी (नाडा) ने चार साल का प्रतिबंध लगाया है। पूनिया ने नाडा के प्रतिबंध पर पलटवार करते हुए भाजपा पर आरोप लगाया है। भारतीय रेसलर ने यह भी कहा कि पूर्व डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष बृज भूष शरण सिंह के विरोध में शामिल होने के लिए उन पर पटलवार करने का सरकार का तरीका था।
स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। ओलंपिक मेडलिस्ट भारतीय पहलवान बजरंग पूनिया पर राष्ट्रीय डोपिंग विरोधी एजेंसी (नाडा) ने चार साल का प्रतिबंध लगाया। बजरंग पूनिया पर डोप टेस्ट का सेंपल देने से इंकार करने के कारण बैन लगाया गया। बजरंग पूनिया ने कहा कि यह हैरान करने वाला फैसला नहीं और उन्होंने सरकार पर प्रतिशोध लेने का आरोप लगाया।
बजरंग पूनिया ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, ''यह हैरानी भरा फैसला नहीं क्योंकि ट्रायल का मामला पिछले एक साल से चल रहा है। मैंने पहले भी कहा कि नाडा को सेंपल देने से इंकार नहीं किया। जब वो डोप टेस्ट लेने के लिए मेरे घर (दिसंबर 2023 में) आए तो एक्पायरी किट के साथ आए। मैंने सोशल मीडिया पर इस बारे में पोस्ट भी किया था।''
उन्होंने आगे कहा, ''जहां तक मुझे पता है कि आप किसी को एक्सपायरी किट नहीं दे सकते हैं। मेरी टीम वहीं थी, उन्होंने यह देखा। वो लोग 2020, 2021, 2022 की एक्सपायरी किट लेकर आए। मैंने अपने पेशाब का सेंपल दिया, लेकिन फिर मेरी टीम ने किट देखी और पाया कि इसका समय समाप्त हो चुका है। हमने किट का वीडियो बनाया और नाडा को ई-मेल किया। उन्हें इस गलती के लिए फोन करके सूचना भी दी। मगर उन्होंने अपनी गलती स्वीकार नहीं की।''
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बजरंग पूनिया ने निकाली भड़ास
बजरंग पूनिया ने यह भी कहा कि सरकार का उनके पीछे पड़ने का यह तरीका है। ऐसा इसलिए क्योंकि भारतीय कुश्ती संघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह के विरोध में वह शामिल थे, जो कि भाजपा नेता हैं।
भारतीय पहलवान ने कहा, ''मुझे यह भी लगता है कि हम महिला पहलवानों के समर्थन में विरोध में शामिल हुए तो उन्होंने बदला लेने की कोशिश की क्योंकि सभी एजेंसी सरकार के अंतर्गत आती हैं। मैं पिछले 10-12 साल से प्रतिस्पर्धा कर रहा हूं और सभी टूर्नामेंट्स, भारतीय कैंप्स के दौरान अपना सैंपल दिया है। मगर सरकार का मकसद हमें तोड़ना है, उनके सामने झुकाने का है। अगर मैं भाजपा से जुड़ता तो शायद मेरे सभी बैन हट चुके होते।''
पूनिया की मुसीबत
बता दें कि निलंबन का मतलब है कि बजरंग पूनिया प्रतिस्पर्धी रेसलिंग में वापसी नहीं कर सकते या फिर विदेश में कोचिंग पद के लिए आवेदन नहीं कर सकते हैं। यह प्रतिबंध 22 अप्रैल 2028 तक रहेगा।
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