राजगांगपुर का दया बना हिन्दी फिल्म का युवा निर्माता
भारत के पूर्व राष्ट्रपति एवं महान वैज्ञानिक अब्दुल कलाम ने कहा था कि
सुनील अग्रवाल, सुंदरगढ़ : भारत के पूर्व राष्ट्रपति एवं महान वैज्ञानिक अब्दुल कलाम ने कहा था कि आत्मविश्वास और कड़ी मेहनत असफलता नामक बीमारी को मारने के लिए सबसे बढि़या दवा है। यह आपको एक सफल व्यक्ति बनाती है। कड़ी मेहनत तथा आत्मविश्वास के साथ ही इस कथन को सही कर दिखाया है ओडिशा के सुंदरगढ़ जिले के एक छोटे से शहर राजगांगपुर के दयानिधि दाहिमा ने। विज्ञापन एजेंसी से अपना व्यवसाय शुरू करके हिदी लघु फिल्म 'नवाब' का निर्माण कर उसने अपना कदम हिदी फिल्म निर्माता के रूप में खुद को स्थापित किया है। ऐसा करने वाला वह सबसे कम उम्र का ओडियावासी है।
कॉमेडी फिल्म है नवाब: फिल्म 'नवाब' एक कॉमेडी फिल्म है। जिसमें नायक की पत्नी उसे छोड़ कर चली जाती है और एक लब्रोडोर प्रजाति के कुत्ते के साथ समय बिताती है। बिग बैनर फिल्म के साथ बनाई गई इस फिल्म की पटकथा लिखने सहित निर्देशित मानसी जैन किया है। फिल्म में आयुष्मान खुराना, गीतिका विद्या, मारिया गोरेट्टी वरसी, मल्लिका दुआ, जरीना वहाब ने अभिनय किया है तथा संगीत प्रीतम ने दिया है। इस फिल्म की शूटिग गत माह 24 से 26 अप्रैल बीच मात्र तीन दिन में पूरी की गई। आगामी 20-25 दिन में संपादन कर फिल्म पूरा करने की योजना है। इस फिल्म को पहले फिल्म फेस्टिवल में प्रदर्शित करने सहित बाद में इसे वेब में रिलीज करने की योजना है।
अब्दुल कलाम से प्रेरित दयानिधि दाहिमा :
अब्दुल कलाम से प्रेरित दया कहते हैं कि मुंबई की मायानगरी में कदम रखना मेरा सपना था। जो अब पूरा होने जा रहा है। पहले मेरा राधिका मदान, विक्रांत मस्से एवं अदिति राव हयद्री को लेकर फिल्म बनाने की योजना थी। किन्तु विक्रांत की दूसरी एक फिल्म 'छपाक' की शूटिग में व्यस्त होने के कारण मुझे इसे बनाने में कुछ विलंब हुआ क्योंकि इस फिल्म का निर्देशन भी मानसी ही करने वाली थी। इस फिल्म के बाद वर्ष में सात से आठ लघु फिल्म के निर्माण की योजना है तथा उसके बाद एक वेब सीरीज तथा फीचर फिल्म बनाने की योजना है।
दयानिधि ने 2013 से शुरू किया था अपना सफर:
सन 90 के दशक में राजगांगपुर के एक साधारण से परिवार में जन्में दयानिधि के पिता स्वर्गीय कमलेश दाहिमा एक पूजक के साथ पत्रकारिता से जुड़े थे। स्थानीय निर्मला इंग्लिश स्कूल से अपनी प्राइमरी तथा सेकेंडरी स्कूली पढ़ाई पूरी करने के बाद दया ने 2013 में पुणे स्थित फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया से छायांकन(सिनेमाटोग्राफी) की शिक्षा पूरी कर ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में एक विज्ञापन एजेंसी प्रारंभ की। चंद ही महीनों में उसकी पहचान दया-विज्ञापन वाला के नाम से होने लगी। इसके बाद सेलीब्रेटी मैनेजमेंट के क्षेत्र में कदम रखा और सफलता हासिल की। इस कार्य के दौरान दया ने अब्दुल कलाम, अमिताभ बच्चन, शाहरूख खान व रजनीकांत सहित भारत की कई नामचीन हस्तियों से मुलाकात की तथा उनसे प्रेरणा ली। डालमिया भारत, कासा लिविग, लिगराज ग्रेनाइट तथा रूचि जैसी बड़ी कॉर्पोरेट के लिए दया ने विज्ञापन किया। इसी दौरान करीब ढाई साल पहले उनके पिता की आकस्मिक मृत्यु से एक बार ऐसा लगा कि शायद अपने मुकाम पर नहीं पहुंच पाएगा। लेकिन दृढ़ इरादे। बुलंद हौंसले तथा माता सहित परिवार वर्ग के साथ ने उसे कभी अपने पथ से हटने नहीं दिया।